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सुधर जाएं गुरुजी, लड़खड़ाते स्कूल गए तो पकड़े जाओगे, एप से हाजिरी और कुछ गड़बड़ की तो कंट्रोल रूम…

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सरकारी स्कूलों की व्यवस्था में कसावट लाने कुछ नए जतन शुरू किए जा रहे हैं। स्कूल भले ही हाईटेक न हो सके पर लापरवाह शिक्षकों को अनुशासन में लाने उनकी उपस्थिति का इंतजाम हाईटेक किया जा रहा है। शिक्षकों की हाजिरी अब रजिस्टर में नहीं, मोबाइल एप के जरिए दर्ज की जाएगी। एप से उपस्थिति पर कंट्रोल रूम में मॉनिटरिंग भी की जाएगी। इतना ही नहीं, टॉल फ्री नंबर भी उपलब्ध होगा, जिसमें स्कूल से शिक्षक के नदारद रहने, नशे में लड़खड़ाते स्कूल पहुंचने, बच्चों से दुर्व्यवहार, मध्याह्न भोजन न मिलने जैसी गड़बड़ियां सामने आई तो  कंट्रोल रूम पर कॉल कर शिकायत की जा सकेगी। टोल फ्री नंबर पर की गई शिकायत की पुष्टि होने पर तुरंत कार्रवाई करने की बात कही जा रही है।


News – theValleygraph.com


रायपुर। स्कूलों में शिक्षक नशे की हालत में आ रहे हैं या फिर स्कूल से ही गायब रहते हैं तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई के लिए अफसरों को लिखित शिकायत या फिर किसी बड़े आंदोलन का इंतजार रहता है। ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि अब टोल फ्री नंबर से ही तुरंत शिकायत की जा सकेगी। इसके बाद शिकायत की पुष्टि होने पर तुरंत एक्शन भी लिया जा सकेगा। दरअसल स्कूलों की सघन मॉनिटरिंग के लिए केन्द्र सरकार हर राज्य में विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना कर रही है। छत्तीसगढ़ में भी इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। सभी प्रकार के टोल फ्री नंबर तैयार किए जा चुके हैं। इसी प्रकार डाटा तैयार करने के लिए आईआईटी भिलाई से अनुबंध भी किया गया है। अब 30 मार्च को देश के प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन कर शुरूआत करेंगे। इसके बाद से प्रदेश के स्कूलों में सुविधाएं मिलने लग जाएंगी। स्कूलों से संबंधित डाटा तैयार करने के लिए आईआईटी भिलाई से करीब 50 लाख में अनुबंध किया गया है। जो डाटा एकत्रित करने का पूरा काम संभाल रही है। केन्द्र की शुरुआत के बाद एक क्लिक में स्कूलों से संबंधित डाटा उपलब्ध होगा।


अब मोबाइल एप से लगेगी टीचर्स की अटेंडेंस

शिक्षक स्कूल में अपनी सेवा दे रहे हैं कि नहीं इसकी मॉनिटरिंग भगवान भरोसे है। क्योंकि रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के बाद शिक्षकों के स्कूल से गायब होने की कई शिकायतें लगातार आती रहीं हैं। अब मोबाइल एप तैयार कर लिया गया है। इसी के माध्यम से शिक्षकों को हाजिरी लगानी होगी। साथ ही बच्चों की अटेंडेंस भी एप के जरिए ही होगा। इस पूरे डाटा को हर साल केन्द्र को भी भेजा जाएगा।


मिड डे मील नहीं मिला, कॉल कर जिम्मेदारों तक पहुंचाएं

अब छत्तीसगढ़ के किसी स्कूल की छोटी से बड़ी समस्या सीधे जिम्मेदारों तक पहुंचेगी। जैसे स्कूल में माध्याह भोजन नहीं मिला, पढ़ाई के समय शिक्षक गायब है, स्टूडेंट्स से दुर्व्यवहार किया जा रहा हो, इस तरह की शिकायत, छात्र-पालक, शिक्षक या कोई भी आम नागरिक आसानी से कर सकेगा।


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