घर पर पड़ी डांट से आहत लड़की बलिया से ट्रेन पकड़कर बिलासपुर चली आई, परिवार बेखबर और फिर…


बीते वर्ष सामने आए ऐसे 155 मामले

RPF के ऑपरेशन “नन्हे फरिश्ते के तहत बच्चों की सुरक्षा के लिये कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में मंडल रेलवे सुरक्षा बल के सजग व मानवीय पहल से दो नाबालिग बालिकाएँ सुरक्षित की गईं। मंडल रेलवे सुरक्षा बल द्वारा वर्ष 2024-25 में मंडल क्षेत्राधिकार के अंतर्गत 54 बालिकाओं तथा 101 बालक सहित कुल 155 नाबालिगों को रेस्क्यू किया गया है।

बिलासपुर। मंडल रेल प्रबंधक राजमल खोईवाल के मार्गदर्शन में मंडल रेलवे सुरक्षा बल द्वारा रेल यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों को भी प्राथमिकता दी जा रही है। इसी कड़ी में “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” के अंतर्गत एक बार फिर रेल सुरक्षा बल ने मानवीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए 2 नाबालिग बालिकाओं को समय रहते सुरक्षित संरक्षण प्रदान किया। 17 जून को आरपीएफ बिलासपुर द्वारा स्टेशन प्लेटफार्म संख्या 1 में चेकिंग के दौरान 2 बालिका गुमसुम एवं एकांत अवस्था में बैठी मिली, जिनसे सहायक उप निरीक्षक पीएल राजवाडे एवं महिला आरक्षक निधी द्वारा पूछताछ करने पर उन्होंने अपनी आपबीती सुनाई। 16 वर्ष की बालिका निवासी रायपुर छत्तीसगढ़ एवं दूसरी 13 वर्ष की बालिका निवासी बलिया (उत्तर प्रदेश) बताई। उन्होंने यह भी बताया कि घरवालों के डांटने के कारण बिना बताए ट्रेन में बैठ कर बिलासपुर आ गई। इस पर आरपीएफ द्वारा दोनों नाबालिक बालिकाओं को सुरक्षित रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट बिलासपुर लाया गया एवं नियमानुसार कार्यवाही करते हुये चाइल्डलाइन बिलासपुर के सुपुर्द किया गया। उल्लेखनीय है कि रेलवे सुरक्षा बल बिलासपुर मंडल द्वारा “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” के तहत रेलवे स्टेशनों तथा यात्री गाडियों में मिले गुमशुदे अथवा घुमंतु बच्चों के रेस्कयु कर चाईल्ड हेल्प डेस्क के माध्यम से परिजनों से मिलाने अथवा सुरक्षित करने का कार्य किया जा रहा है। मंडल रेलवे सुरक्षा बल द्वारा वर्ष 2024-25 में मंडल क्षेत्राधिकार के अंतर्गत 54 बालिकाओं तथा 101 बालक सहित कुल 155 नाबालिगों को रेस्क्यू किया गया है।


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