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एक स्कूल, एक ही बैच के चार स्टूडेंट्स ने साथ चुना था डॉक्टर बनने का लक्ष्य, आज मेडिकल ऑफिसर हैं चारों दोस्त

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National Doctors’ Day (1st जुलाई) पर विशेष, छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के चार होनहार युवाओं ने एक साथ चुनी चिकित्सा में सेवा की राह और हासिल की मंजिल…,

बात सही है कि आने वाले कल में क्या है, ये कोई नहीं जानता। पर करीब 11 साल पहले एक ही स्कूल, क्लास और बैच में पढ़ने वाले जीवविज्ञान के चार सहपाठियों ने जब अपने कॅरियर की राह चुनी, तभी यह तय हो चुका था कि उनका आने वाला कल सुनहरा होगा। अपने लक्ष्य तक पहुंचने उन्होंने कड़ी मेहनत भी की। एकाग्रता, लगन और परिश्रम का सुखद परिणाम मिला और चिकित्सा क्षेत्र में खुद को स्थापित करने का उनका संकल्प अब पूरा हो चुका है। वर्तमान में चारों सहपाठी मेडिकल ऑफिसर के रुप में मरीजों की चिकित्सा-सेवा में पूरे समर्पण से जुटे हैं।


News – theValleygraph.com


कोरबा। स्कूल के दिनों में डाॅक्टर बनने का सपना देखने वाले और आज बतौर मेडिकल आफिसर शासकीय अस्पतालों में सेवा दे रहे इन युवा चिकित्सकों में डाॅ जाह्नवी चंद्रा, डाॅ रोशन सोनी, डाॅ मीनाक्षी चंद्रा और डाॅ इशिका अग्रवाल शामिल हैं। वर्ष 2016 में 12वीं उत्तीर्ण कर एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने वाले चारों ही चिकित्सक डीपीएस कोरबा के विद्यार्थी रहे हैं। निश्चित तौर पर यह एक प्रेरणादायक कहानी है कि कैसे स्कूल के दिनों में देखे गए सपने को एक ही बैच के चार स्टूडेंट्स ने साकार किया। उनका यह उदाहरण उन विद्यार्थियों के लिए प्रोत्साहन योग्य है, जो वर्तमान में डॉक्टर बनने का लक्ष्य लेकर तैयारियों में जुटे हुए हैं। उनकी सफलता यह दर्शाती है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से कोई भी सपना हकीकत बन सकता है।


एक चुनौतीपूर्ण मार्ग पर दिल में जज्बा हो तो आदर्श प्रोफेशन: डाॅ रोशन सोनी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पताढ़ी में पदस्थ मेडिकल आफिसर डाॅ रोशन सोनी ने वर्ष 2018 में एमबीबीएस में एडमिशन लिया और 2024 में डिग्री हासिल की। उनकी मां श्रीमती उत्तरा सोनी गृहणी और पिता संजय कुमार सोनी डीपीएस जमनीपाली से रिटायर्ड लैब टेक्नीशियन हैं। माता-पिता के सतत प्रोत्साहन में उन्होंने अपना लक्ष्य हासिल किया। डाॅ सोनी ने कहा कि चिकित्सक का पेशा काफी चुनौतीपूर्ण है। पर यह आपके लिए एक आदर्श प्रोफेशन हो सकता है, यदि लोगों के जीवन में बदलाव लाने, ज्ञान व कौशल का विकास करने, सामाजिक योगदान का जज्बा रखते हैं। आपको मुश्किल परिस्थितियों का प्रबंधन करने में सक्षम होना चाहिए।


दर्द लेकर आने वाले चेहरों पर मुस्कान लाना अमूल्य सुकून का अनुभव: डाॅ जाह्नवी चंद्रा
शासकीय मेडिकल काॅलेज रायगढ़ से एमबीबीएस पूर्ण कर डाॅ जाह्नवी चंद्रा वर्तमान में जिला चिकित्सालय बिलासपुर के मातृ एवं शिशु केंद्र में मेडिकल आफिसर के पद पर सेवा दे रहीं हैं। उनकी मां श्रीमती अन्नपूर्णा गृहणी एवं पिता अश्वनी चंद्रा एनटीपीसी कोरबा में सब इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। डाॅ जाह्नवी कहती हैं कि चिकित्सक खासकर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली व समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अनेक प्रकार के दर्द से कराहते आने वालों के चेहरे पर मुस्कान लाने की जिम्मेदारी मेरे लिए काफी सुकून का अनुभव है।


इस प्रोफेशन में गलती का आंकड़ा केवल शून्य होना अनिवार्य है: डाॅ मीनाक्षी चंद्रा
श्रीमती साधना व बांकीमोंगरा में एसईसीएल कर्मी सुरेश प्रसाद चंद्रा की पुत्री डाॅ मीनाक्षी चंद्रा ने वर्ष 2023 में रुस से एमबीबीएस पूर्ण किया। फाॅरेन मेडिकल ग्रेज्युएट होने के बाद वह भी कोरबा में ही सेवारत हैं और स्व. बिसाहू दास महंत शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह जिला चिकित्सालय में मेडिकल आफिसर के पद पर कार्य कर रहीं हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र तेजी से बदल रहा है और डॉक्टरों को नवीनतम जानकारी और तकनीकों के साथ अपडेट रहना पड़ता है। कड़ी मेहनत, उच्च समर्पण व भावनात्मक रूप से मजबूत होने की आवश्यकता होती है। यहां किसी प्रकार की चूक या गलती का आंकड़ा केवल शून्य पर होना अनिवार्य है।

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