Korba: चिंगराज व कोबरा नाग लेकर घूम रहे थे सपेरे, RCRS के सर्पमित्रों की सूचना पर वन विभाग ने बचाए


कोरबा। जिले के कोरबा वन मंडल में किंग कोबरा सहित विविध प्रकार के सरीसृप पाए जाते हैं। यहां स्नेक रेस्क्यूअर और कुछ एनजीओ वन मंडल के साथ मिलकर सरीसृपों के संरक्षण के लिए कार्य कर रहे हैं।

हाल ही में, क्षेत्र में कुछ सपेरे सांपों को लेकर घूम रहे थे। (आरसीआरएस) के सदस्य उमेश यादव और लोकेश राज चौहान ने तत्कालीन सूचना वन मंडल के एसडीओ सूरया सोनी को दी। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर सांपों को सुरक्षित रूप से उनके प्राकृतिक निवास में सुरक्षित छोड़ा गया।

कोरबा वन मंडल में किंग कोबरा जैसे दुर्लभ सरीसृपों के संरक्षण के लिए वन विभाग और विज्ञान सभा की प्रदेश सहसचिव निधि सिंह सर्पमित्रों की भूमिका महत्वपूर्ण है।


सपेरों के पास थे 3 सांप
इंडियन स्पेक्टेकलड कोबरा, जिसे हिंदी में नाग कहते हैं, जो कि जहरीला सर्प है। इनके काटने पर जितनी जल्दी हो सके हॉस्पिटल जानें कि कोशिश करें। 2 फॉरेस्टन कैट स्नेक हिंदी में, चिंगराज सर्प कहा जाता है इस सर्प में किसी भी प्रकार का विष नहीं पाया जाता। इसका विष इंसानों पर काम नहीं करता चूहे या चिड़िया को मौत की नींद सुला सकता है।


महत्वपूर्ण जानकारी:
वन्य जीव संरक्षण अधिनियम : वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत सांपों या किसी भी प्रकार के जीव को पकड़कर रखना अपराध है।

जनसहयोग से संरक्षण : जनसहयोग और जिम्मेदार संस्थाओं के प्रयासों से दुर्लभ जीवों का संरक्षण संभव है।


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