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CIL: अब “विधवा” शब्द नहीं “बहू को नौकरी”, 12 से कम उम्र में भी 50% मासिक क्षतिपूर्ति, “अनुकंपा” की जगह कहेंगे “कंपलसरी एग्रीमेंट एम्प्लॉयमेंट”

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आश्रित को रोज़गार संबंधी SOP की जांच व सुझाव कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। दिल्ली स्थित मुख्यालय में गुरुवार को हुई COAL INDIA के साथ श्रमिक संगठनों की इस संयुक्त बैठक में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। सर्वसम्मति से स्वीकृत प्रस्तावों से बहु-बेटियों को रोज़गार मिलना सुगम होगा, वहीं अब 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को भी अब 50% मासिक क्षतिपूर्ति राशि मिलेगी। विधवा बहु को नौकरी देने की जगह अब बहु को नौकरी शब्द किया जाएगा। अनुकंपा शब्द हटाकर कंपलसरी एग्रीमेंट एम्प्लॉयमेंट कहा जाएगा।


दिल्ली। SOP बनाने को लेकर गठित कमेटी की पहली बैठक गुरुवार को दिल्ली स्थित कोल इंडिया ऑफिस में हुई। अध्यक्षता एसइसीएल के निदेशक एचआर बिरंची दास ने की। इस बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि जेबीसीसीआइ 11 का इम्प्लीमेंट इंस्ट्रक्शन- 16 अब 1 जुलाई 2021 से लागू होगा। पहले यह 1 जुलाई 2024 से लागू करने का इंस्ट्रक्शन जारी हुआ था। इसके तहत मृत कर्मी की आश्रित बहू-बेटी को नियोजन मिलने का रास्ता साफ हुआ।


शिवकुमार यादव एवं कमेटी के अन्य सदस्यों का रहा ज़बर्दस्त आपसी तालमेल, प्रबंधन ने भी सकारात्मकता के साथ की चर्चा

दिल्ली। गुरुवार 4 सितंबर को आश्रित को रोज़गार हेतु जारी SOP के परीक्षण संबंधी कमेटी की बैठक दिल्ली में आयोजित हुई। बैठक में कामगार बंधुओं की ओर से उनकी आवाज़ बनकर हिन्द मज़दूर सभा (HMS) की ओर से शिवकुमार यादव एवं अन्य श्रम संगठन बीएमएस, एटक एवं सीटू के प्रतिनिधि शामिल हुए। यह बैठक कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। कमेटी के सभी सदस्यों ने अपने-अपने सुझाव, मांगें और मुद्दे कमेटी व प्रबंधन के समक्ष रखे। शिवकुमार यादव द्वारा कमेटी, प्रबंधन के समक्ष रखी गई विभिन्न मांगें व सुझाव, सर्वसम्मति से स्वीकृत किए गए।


सर्वसम्मति से स्वीकृत किए गए

1. सर्वप्रथम उपरोक्त SOP हिन्दी एवं अंग्रेज़ी दोनों में दिया जाएगा।

2. SOP से अनुकंपा शब्द हटाकर कंपलसरी एग्रीमेंट एम्प्लॉयमेंट (अनिवार्य समझौता रोज़गार) किया जाएगा।

3. दिनांक 11.06.2024 को जारी आई.आई.-16 को दिनांक 01.07.2021 से लागू किया जाएगा।

4. आई.आई.-16 में विधवा बहु को नौकरी देने की जगह अब बहु को नौकरी शब्द किया जायेगा।

5. कर्मचारी पति की मृत्यु पश्चात् पत्नी को नौकरी के स्थान पर जो मासिक क्षतिपूर्ति राशि दी जाती है, वह पत्नी के द्वारा आवेदन दिनांक से दिया जाता है। आवेदन जब भी हो लेकिन पति की मृत्यु दिनांक से गणना कर क्षतिपूर्ति राशि दिया जाएगा।

6. ⁠रोज़गार प्राप्त करने हेतु आवेदन सीमा 1 वर्ष से बढ़ाकर आवेदन सीमा अब 5 वर्ष होगी।

7. ⁠कर्मचारी पिता की मृत्यु पश्चात् ऐसे बच्चे जिसकी माता की पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी है अथवा क़ानूनी रूप से अलग हो चुकी है और परिवार के सबसे बड़े बच्चे की आयु 12 वर्ष से कम है, तो उस बच्चे को नौकरी के स्थान पर 18 वर्ष की आयु तक 50% मासिक क्षतिपूर्ति राशि दी जाएगी।

8. ⁠आई.आई.-16 के बिंदु 9.5.1 में संशोधन कर कर्मचारी पति/पत्नी की मृत्यु होने की शर्त में संशोधन कर मृत्यु या क़ानूनी रूप से अलग होने पर शब्द जोड़ा जाएगा।

9. ⁠SOP के बिंदु क्र. 6 में कार्यपालक मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा एफ़िडविट निष्पादन की शर्त में संशोधन कर नोटरी से निष्पादन शब्द जोड़ा जाएगा।

10. ⁠IME परीक्षण में अयोग्य पश्चात् अपैक्स मेडिकल बोर्ड में मेडिकल परीक्षण के लिए 1 माह के भीतर आवेदन की समय सीमा को अब पूर्णतः समाप्त किया जायेगा।

11. ⁠क्षेत्रीय हेल्पडेस्क से रोज़गार फाइल मुख्यालय जाने के बाद बार-बार फाइल वापसनहीं आएगी। फाइल में सभी कमियों की एक ही बार में जाँच कर समय सीमा के भीतर कमियाँ पूर्ति करनी होगी। बार-बार मुख्यालय से नहीं लौटेगी फाइल और न ही निकाली जाएगी कमी।

इसके अलावा अन्य कई मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा व निर्णय लिये गये।

आज की बैठक में सभी कमेटी सदस्यों के बीच ज़बरदस्त तालमेल व समन्वय रहा। प्रबंधन की ओर से शामिल सदस्यों ने सकारात्मकता के साथ मुद्दे व माँगे सुनीं। यही कारण है कि आज की बैठक में लगभग सभी बिंदुओं पर सर्वसम्मति के साथ निर्णय लिये गये।

उल्लेखनीय है कि बैठक में जिन मुद्दों पर सहमति बन चुकी है। उन पर अंतिम निर्णय/अंतिम मुहर हेतु विषय को मानकीकरण समिति में भेजा जायेगा।

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