Home छत्तीसगढ़ नवीन जैन ने दी स्व.श्री जैन को श्रद्धांजलि, कहा – जसराज जी,...

नवीन जैन ने दी स्व.श्री जैन को श्रद्धांजलि, कहा – जसराज जी, लोक हित के कार्यों में निस्वार्थ रूप से भाग लेने वाले पहले व्यक्ति थे

नवीन जैन ने कहा कि कोरबा की प्रगति में स्व श्री जसराज जैन जी का योगदान सदैव याद रखा जाएगा, यद्यपि उनके जीवनकाल में उन्हें इसके लिए उचित सम्मान या पुरस्कार नहीं मिल पाया।”

24
0

मुझे याद है कि हर सामाजिक कार्यक्रम में स्व श्री जसराज जी पहली पंक्ति में बैठते थे। इसका मतलब यह नहीं था कि वे हमेशा नेतृत्व करना चाहते थे, बल्कि इसका आशय यह था कि वे किसी भी काम के लिए निस्वार्थ रूप से भाग लेने वाले पहले व्यक्ति थे। उनके द्वारा किसी भी कार्य के लिए कहे गए शब्द ‘चलो चलो’ हमेशा याद रखे जाएंगे।”कोरबा की प्रगति में उनका योगदान सदैव याद रखा जाएगा, यद्यपि उनके जीवनकाल में उन्हें इसके लिए उचित सम्मान या पुरस्कार नहीं मिल पाया।”


कोरबा। यह बातें नवीन जैन ने नगर के वरिष्ठ समाजसेवी एवं मध्य नगरीय व्यावसायिक संघ के अध्यक्ष स्व. जसराज जैन श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहीं। उनके निधन पर कोरबा के विभिन्न सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।

नवीन जैन ने भावपूर्ण शब्दों में उन्हें याद करते हुए कहा कि “जैसे ही स्व. जसराज जैन जी के स्वर्गवास का समाचार मिला, 35 साल से अधिक पुरानी हजारों यादें ताज़ा हो गईं। वे एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने हजारों मृतकों के अंतिम संस्कार तक साथ दिया और आज अंततः स्वयं हमें छोड़कर चले गए।”

उन्होंने कहा कि जसराज जैन जी अपने अंतिम समय तक ऊर्जा से भरपूर, सक्रिय और निस्वार्थ भाव से समाज सेवा में लगे रहे। उन्होंने कोरबा के सामाजिक और राजनीतिक विकास में अहम भूमिका निभाई और हमेशा बेहतर बुनियादी ढांचे के लिए संघर्ष करते रहे। सत्ता में बैठे लोगों से भी यदि सवाल पूछना पड़ता तो वे पीछे नहीं हटते थे।

नवीन जैन ने बताया कि स्व. जैन जी ने सैकड़ों लोगों को बिना किसी स्वार्थ के SADA से लाभकारी प्लॉट आवंटित करवाए, जिनमें उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। वे रोटरी क्लब, प्रेस क्लब और रोगी कल्याण समिति सहित कई सामाजिक संगठनों के संस्थापक सदस्य रहे।

उन्होंने यह भी कहा कि “मुझे याद है कि हर सामाजिक कार्यक्रम में जसराज जी पहली पंक्ति में बैठते थे। इसका मतलब यह नहीं था कि वे हमेशा नेतृत्व करना चाहते थे, बल्कि इसका आशय यह था कि वे किसी भी काम के लिए निस्वार्थ रूप से भाग लेने वाले पहले व्यक्ति थे। उनके द्वारा किसी भी कार्य के लिए कहे गए शब्द ‘चलो चलो’ हमेशा याद रखे जाएंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि “कोरबा की प्रगति में उनका योगदान सदैव याद रखा जाएगा, यद्यपि उनके जीवनकाल में उन्हें इसके लिए उचित सम्मान या पुरस्कार नहीं मिल पाया।”

नवीन जैन ने अंत में कहा कि “हालाँकि वे मेरे पिता के करीबी मित्र थे, लेकिन कोरबा के दिनों में मेरे लिए वे पिता समान थे। मुझे विश्वास है कि ईश्वर उनकी आत्मा को अगले स्तर पर आशीर्वाद देंगे।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here