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अगले माह शुरू होगी धान खरीदी, प्रति एकड़ 21 क्विंटल खरीदी, प्रति क्विंटल ₹3100 भुगतान

एग्रीस्टेक, एकीकृत किसान पोर्टल पर किसानों का पंजीयन शुरू हो चुका है। पंजीकृत किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान खरीदी की जाएगी। छोटे और सीमांत किसानों का धान भी पहले खरीदा जाएगा।

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रायपुर। कृषि तिहार के बाद अब खरीदी का उत्सव प्रारंभ करने की तैयारी जोरों से चल रही है। छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के अंतर्गत अगले माह से खरीदी प्रारंभ कर दी जाएगी। इस साल प्रदेशभर के किसानों से करीब 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी होने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे पहले कैबिनेट की बैठक में धान उपार्जन नीति को स्वीकृति प्रदान की जाएगी।


कृषि मंत्री रामविचार नेताम का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि CM विष्णुदेव साय की सरकार ने जो वादा किया, उसे पूरा कर रही है।

छत्तीसगढ़ में नवंबर से धान खरीदी होगी। प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी करेंगे। प्रदेश में लगातार बारिश हो रही है। इसके बाद भी धान खरीदी की शुरुआत नवंबर से करेंगे।


सूत्रों के अनुसार, धान उपार्जन और कस्टम मिलिंग नीति को राज्य सरकार की मंत्रिमंडलीय उप समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जा चुका है। समिति ने इसे अपने स्तर पर मंजूरी दे दी है, लेकिन दोनों नीतियों को लागू करने के लिए कैबिनेट की मंजूरी अनिवार्य है।

छत्तीसगढ़ में खरीफ वर्ष 2025-26 के लिए धान खरीदी की शुरुआत के पहले या दूसरे सप्ताह से नवंबर से संभावित है। इस बार धान बेचने के लिए किसानों को ऑनलाइन टोकन मिलेगा। यही नहीं, किसानों में छोटे और सीमांत किसानों का धान भी पहले खरीदा जाएगा।

छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले पंजीकृत किसानों को इस सीजन में धान बेचने के लिए टोकन हासिल करने के लिए लंबी-लंबी कतारों में नहीं खड़ा होना पड़ेगा। इस बार किसानों को ऑनलाइन माध्यम से टोकन जारी किए जाएंगे। टोकन मिलने के बाद तय तारीख पर किसान आसानी से धान बेच पाएंगे।

टोकन बांटने के लिए तुहर एप की व्यवस्था की गई है। यही नहीं, धान बेचने के लिए पहला अवसर छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा। इन किसानों में वे आते हैं, जिनके पास 2 एकड़ से लेकर 10 एकड़ तक जमीन है।

परिवहन करने के लिए मिलेगा 15 दिन का समय

खरीदी शुरू होने के साथ ही कस्टम मिलिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इस व्यवस्था में नियम ये है कि धान उठाने के लिए डीओ (डिलीवरी ऑर्डर) जारी होने के बाद 10 दिनों के अंदर निर्धारित मात्रा में धान का परिवहन करना होता है। य

ह नहीं करने पर 11 वे दिन से मिलर पर पेनाल्टी लगनी शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार किसानों को डीओ कटने के बाद 15 दिन का समय धान परिवहन के लिए दिया जाएगा। इसके साथ ही मिलरों को मिलिंग के लिए 80 रुपए प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।

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