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स्वस्थ रहना हो तो रात को सोने से डेढ़ घंटा पहले मोबाइल फोन को खुद से कर लें दूर: डाॅ चंद्रकला

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छग रजत जयंती महोत्सव अंगर्तत आयुष विभाग की टीम ने कमला नेहरू काॅलेज में दिए अच्छी सेहत के टिप्स

कोरबा। सुबह की हवा, यानि सौ लोगों की दवा, हमें विरासत में मिली इस अमूल्य कहावत को आप सभी संजीदगी से अपने जीवन में शामिल करें। अच्छी सेहत के लिए हमारी दिनचर्या काफी महत्वपूर्ण है, इसके लिए कुछ सरल पर महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें, तो बीमारियां पास नहीं फटकेंगी। खासकर रात के वक्त की आदतें ठीक कर लें, जिनमें से एक यह कि सूर्यास्त के पहले भोजन कर लें। डिनर करने के कम से कम तीन घंटे बाद ही बिस्तर पर जाएं और खासतौर पर सोने से डेढ़ घंटा पहले अपने मोबाइल फोन व सारे गैजेट्स खुद से दूर कर लें।

यह बातें छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष पर बुधवार को आयुष विभाग कोरबा द्वारा कमला नेहरु महाविद्यालय कोरबा में आयोजित जिला स्तरीय व्याख्यान को संबोधित करते हुए उरगा में पदस्थ आयुष मेडिकल ऑफिसर डॉ चंद्रकला पाल ने कहीं। प्राचार्य डाॅ प्रशांत बोपापुरकर के मार्गदर्शन में सुबह 11 बजे कक्ष क्रमांक 14 में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। हर दिन हर घर आयुर्वेद विषय पर हुए व्याख्यान में जिला आयुर्वेद अधिकारी कोरबा डॉ वसंत कुमार नोर्गे ने भी उपस्थिति दर्ज कराते हुए प्राध्यापकों एवं छात्र-छात्राओं को मार्गदर्शन प्रदान किया। डाॅ चंद्रकला ने आगे कहा कि खाने के बाद तुरंत न सोने जाएं, बल्कि अच्छी किताबें पढ़ें, कोई एक्टिविटी करें। सूर्योदय के 40 मिनट पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठें, जिसका वैज्ञानिक रीजन भी है। नियमित तौर पर हल्की वर्जिश करें और हफ्ते में कम से कम दो दिन स्पोर्ट्स में शामिल करें। डॉ ऊषा सिंह, आयुष चिकित्सक ने भी अहम जानकारियां प्रदान की।

अथर्ववेद में आयुर्वेद का वर्णन मिलता: डॉ वसंत कुमार नोर्गे
जिला आयुर्वेद अधिकारी कोरबा डॉ वसंत कुमार नोर्गे ने बताया कि ग्रंथों में खासकर अथर्ववेद में आयुर्वेद का वर्णन मिलता है। सुबह उठकर धरती का स्पर्श करें, खुद को सबसे पहले खुद को दर्पण में देखें। प्रकृति के नियमों का अनुसरण करें और इस तरह की अच्छी आदतों को नियमित जीवन में शामिल करें। उन्होंने आगे कहा कि अपनी दिनचर्या का विशेष ध्यान रखें और आहार में अनुशासन का पालन करें तो सेहतमंद काया प्राप्त की जा सकती है।

तनाव से मुक्त होकर मन को शांत करें: डाॅ प्रशांत

प्राचार्य डाॅ प्रशांत बोपापुरकर ने छात्र-छात्राओं को मार्गदर्शन प्रदान करते हुए कहा कि आप सभी आयुर्वेद को अपने जीवन में शामिल करें। शिक्षा और कॅरियर के संघर्ष में योगा, मेडिटेशन व प्रतिदिन व्यायाप से तनाव से राहत मिलती है। सुबह खुश होकर उठें और पहले दिन भर की गतिविधियों को मनन करें और सेहत की अच्छी आदतों के साथ दिन शुरु करें। कार्यक्रम में प्रमुख रुप से सहायक प्राध्यापक अजय कुमार मिश्रा, डाॅ अर्चना सिंह, वायके तिवारी, डाॅ बीना विश्वास, डाॅ सुनीरा वर्मा, डाॅ सुशीला कुजूर, वेदव्रत उपाध्याय, गोविंद माधव उपाध्याय, अंगेश सोनी, ओपी साहू समेत अन्य प्राध्यापकगण उपस्थित रहे। स्वीप कैम्पस एम्बेसडर देवांश कुमार तिवारी, एनएसएस छात्रा तुलसी मैत्री, शिवराज थवाइत, विशाल एवं कहकशा परवीन ने योगदान प्रदान किया।

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