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हसदेव तट पर भक्ति व जनजागरण का संगम, श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ में उमड़ी श्रद्धा, कार्तिक पूर्णिमा में गूंजेगा “हसदेव महाआरती” का स्वर

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प्रतिवर्ष की भांति नमामि हसदेव सेवा समिति लगातार तीसरे साल करने जा रही भव्य आयोजन, कलश यात्रा से हुआ शुभारंभ, घाट पर गूंजी वैदिक ध्वनि, नमामि हसदेव सेवा समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रणधीर पाण्डेय ने कहा कि “हमारा सूत्र वाक्य है — हर नदी का हो सम्मान, हम पूजे माँ गंगा समान।  

कोरबा। ऊर्जानगरी कोरबा की जीवनदायिनी हसदेव नदी इन दिनों सिर्फ़ जल नहीं, बल्कि जनभावनाओं से भी लबालब बह रही है। माँ सर्वमंगला घाट पर चल रहे पांच दिवसीय श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ के दूसरे दिन रविवार को श्रद्धा, अनुशासन और आस्था का विराट स्वरूप देखने को मिला। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने वैदिक मंत्रों के बीच आहुति दी, तो दूसरी ओर नमामि हसदेव सेवा समिति ने नदी संरक्षण और रिवर फ्रंट निर्माण की दिशा में अगला बड़ा संकल्प भी दोहराया।

कलश यात्रा से हुआ शुभारंभ, घाट पर गूंजी वैदिक ध्वनि

महायज्ञ का शुभारंभ शनिवार को भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। श्री शिव मंदिर (श्वेता नर्सिंग होम, सुनालिया पुल) से निकली यात्रा में महिलाओं ने सिर पर कलश रखे, भजन गाए और “हर हर हसदेव” के जयघोष के साथ माँ सर्वमंगला घाट पहुंचीं। पंचांग पूजन और मंडप प्रवेश के साथ पांच दिवसीय यज्ञ का शुभारंभ हुआ, जो देव दीपावली (कार्तिक पूर्णिमा) तक चलेगा।

दूसरा दिन — वेदी पूजन, हवन और सात्त्विकता का पालन

रविवार को महायज्ञ का दूसरा दिन (कार्तिक शुक्ल द्वादशी) रहा। प्रातः 9 बजे से वैदिक आचार्यगणों ने वेदी पूजन और हवन की प्रक्रिया प्रारंभ की। यजमान दंपतियों ने निर्धारित नियमों के अनुसार फलाहारी रहकर आहुति दी। हवन के दौरान पूरे घाट क्षेत्र में घी, गंगाजल और पुष्पों की सुगंध से वातावरण पवित्र बना रहा। साथ ही कथा, भजन और प्रवचन के स्वर गूंजते रहे।

कार्तिक पूर्णिमा तक जारी रहेगा आयोजन

महायज्ञ सोमवार और मंगलवार को भी जारी रहेगा। हर दिन सुबह 9 बजे से हवन और वेदी पूजन की विधि चलेगी। 5 नवम्बर (कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली) को सुबह पूर्णाहूति, सहस्त्रधारा, आरती और विसर्जन के साथ यज्ञ संपन्न होगा। सायं 5 बजे हसदेव नदी तट पर भव्य “हसदेव महाआरती” का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सैकड़ों दीप जलाकर श्रद्धालु माँ हसदेव को नमन करेंगे।

दोपहर में कथा और संध्या दीपदान, श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर

महायज्ञ स्थल पर प्रतिदिन दोपहर 3 से 5 बजे तक “कार्तिक माहात्म्य कथा और भजन-कीर्तन” का आयोजन हो रहा है। हर संध्या श्रद्धालु दीपदान कर नदी तट को रोशनी से जगमगाते हैं। दीपों की कतारें और भक्ति गीतों की गूंज घाट को हर शाम आध्यात्मिक उत्सव में बदल देती हैं।

हम माँ हसदेव को गंगा समान पूजते हैं” — रणधीर पाण्डेय

नमामि हसदेव सेवा समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रणधीर पाण्डेय ने कहा कि “हमारा सूत्र वाक्य है — हर नदी का हो सम्मान, हम पूजे माँ गंगा समान। इसी भावना से हम कोरबा की जीवनदायिनी माँ हसदेव के संरक्षण की दिशा में कार्य कर रहे हैं। हमारी योजना है कि हसदेव नदी पर रिवर फ्रंट के साथ हरिद्वार की तर्ज पर ‘लक्ष्मण झूला’ बनाया जाए। पिछले दो वर्षों से हम हर पूर्णिमा को हसदेव आरती करते आ रहे हैं। अब इसे व्यापक जनभागीदारी के रूप में आगे बढ़ाया जा रहा है।”

हस्ताक्षर अभियान और संकल्प सभा से जुड़ेगा जनआंदोलन

समिति ने बताया कि हसदेव नदी के संरक्षण, सौंदर्यीकरण और प्रदूषण नियंत्रण को लेकर “हस्ताक्षर अभियान और संकल्प सभा” का आयोजन भी किया जाएगा। यह अभियान दो चरणों में चल रहा है — पहला चरण श्रावण पूर्णिमा (9 अगस्त 2025) से आश्विन पूर्णिमा (7 अक्टूबर 2025) तक और दूसरा चरण कार्तिक पूर्णिमा (5 नवम्बर 2025) से प्रारंभ होकर मार्गशीर्ष पूर्णिमा (4 दिसम्बर 2025) तक। संकल्प सभा 7 अक्टूबर को माँ सर्वमंगला घाट, कोरबा में आयोजित की गयी ।

समिति ने कोरबा के नागरिकों से अपील की है कि वे महायज्ञ, हसदेव महाआरती और हस्ताक्षर अभियान में सामिल होकर हसदेव नदी को स्वच्छ, सुरक्षित और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में पुनर्जीवित करने की इस मुहिम का हिस्सा बनें।

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