शारीरिक-मानसिक व बौद्धिक विकास के लिए दैनिक जीवन में शामिल करें योग: डाॅ प्रशांत बोपापुरकर


कमला नेहरू महाविद्यालय में बीएड प्रशिक्षार्थियों के लिए योग शिक्षा पर कार्यशाला आयोजित


अभी आप विद्यार्थी अथवा प्रशिक्षार्थी हैं और निकट भविष्य में शिक्षक की जिम्मेदारियां ग्रहण करने जा रहे हैं। ऐसे में खुद को कुशल बनाने में नियमित योगाभ्यास बड़ी मदद कर सकता है। योग को दैनिक जीवन में शामिल कर हम अपने शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास में सामंजस्य स्थापित कर सकते हैं। अपने जीवन को सार्थकता प्रदान करने के लिए यह सामंजस्य स्थापित करने नियमित योगाभ्यास काफी महत्वपूर्ण है।


कोरबा(thevalleygraph.com)। यह बातें कमला नेहरू महाविद्यालय कोरबा में आयोजित योग की कार्यशाला में प्रशिक्षार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान करते हुए प्राचार्य डाॅ प्रशांत बोपापुरकर ने कही। योग ही जीवन है, इस थीम पर काॅलेज के बीएड प्रशिक्षार्थियों के लिए योग शिक्षा की इस कार्यशाला का आयोजन किया गया। सैद्धांतिक, व्यवहारिक योग सूत्र द्वारा पतंजलि जी ने योग शिक्षा से दुनिया को अवगत कराया। योग क्यों किया जाना चाहिए, कब किया जाना चाहिए और अष्टांग योग क्या है, अभ्यास के लिए इन बातों की जानकारी जरुरी है। प्रशिक्षार्थियों को योग के अंतर्गत नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान-समाधि से भी अवगत कराया गया। प्रशिक्षार्थियों ने आसन व प्राणायाम को बड़ी ही तन्मयता के साथ सीखा और अभ्यास भी किए। इस कार्यक्रम का आयोजन कमला नेहरु महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रशांत बोपापुरकर के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। योग कक्षा के समापन अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान करते हुए योग शिक्षा के महत्व से अवगत कराया। बीएड विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ भारती कुलदीप ने योगाभ्यास कराया व भारत की इस प्राचीनतम विद्या की विस्तार से जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में शिक्षा संकाय के प्राध्यापक डॉ रश्मि शुक्ला, कुणाल दास गुप्ता, शंकर लाल यादव, श्रीमती प्रीति द्विवेदी तथा विभाग के प्राध्यापक उपस्थित रहे।


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