हत्या के फरार आरोपी को तलाश करते बिलासपुर पुलिस की टीम साढ़े 600 किलोमीटर दूर से पकड़ लाई है। विनोबा नगर के हरिओम हत्याकांड के मुख्य आरोपी को बलिया उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार किया गया। इसके पूर्व ही 6 आरोपियो की धरपकड़ की जा चुकी है।
मुख्य आरोपी
इंद्रजीत यादव पिता स्वामीनाथ यादव उम्र 26 वर्ष सा. बेलसीपाह थाना नरही जिला बलिया उ.प्र. हा.मु राजकिशोर नगर थाना सरकंडा जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़
बिलासपुर पुलिस से मिली जानकारी अनुसार 24.10.2024 को मृतक हरिओम के अस्पताली मेमो पर मर्ग क्रमांक 22/2024 धारा 194 बीएनएसएस के तहत थाना तारबाहर में पंजीबद्ध कर जांच कार्यवाही में लिया गया। जांच दौरान प्रकरण में मृतक हरिओम की हत्या मृत्यु संदिग्ध होने से पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (IPS) द्वारा गंभीरता से जांच करने हेतु निर्देशित किया गया। निर्देशानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर राजेंद्र जायसवाल एवं नगर पुलिस अधीक्षक अक्षय साबद्रा के मार्गदर्शन में थाना तारबाहर में अपराध क्रमांक 333/2024 धारा-103(1), 238, 3(5) बीएनएस का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना कार्यवाही में लिया गया। मृतक हरिओम के परिवारजनों एवं अन्य गवाहों से जांच दौरान यह तथ्य सामने आया कि संदेही इन्द्रजीत एवं सुयश नाम के व्यक्ति के द्वारा लेनदेन के संबंध में विवाद था। जिसे घटना की तिथि को आरोपियों द्वारा फोन किया गया था। मुखबीर सूचना व तकनीकी साक्ष्य के आधार पर पूर्व में संदेही आरोपी सुयश सिंह, सक्षम पाण्डेय, संतोष सोनी, तुषार मजुमदार, दामन सिंह, हर्षित गौरहा को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर न्यायालय में पेश किया गया था। प्रकरण के मुख्य आरोपी इंद्रजीत यादव घटना घटित कर फरार हो गया था, जिसकी लगातार पता तलाश की जा रही थी। सायबर सेल बिलासपुर से आरोपी का काल डिटेल, टावर लोकेशन प्राप्त कर आरोपी के लोकेशन बलिया उत्तर प्रदेश में मिलने से तत्काल टीम दीगर राज्य बलिया रवाना किया गया था। आरोपी को टीम द्वारा उत्तरप्रदेश में लगातार खोज बीन की जा रही थी। आरोपी बार बार अपना लोकेशन बदल रहा था पुलिस टीम द्वारा सायबर सेल कि मदद से घेराबंदी कर पकडा गया। आरोपी इंद्रजीत यादव को गिरफ्तार कर ट्राजिट रिमाण्ड पर लाया गया है। आरोपी के कब्जे से घटना में प्रयुक्त एक नग डंडा जप्त कर उसे न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा जा रहा है।
परिजनों ने कहा था – हरिओम को घर से उठा ले गए थे युवक, लेन देन का विवाद बनी कत्ल की वजह
परिजनों ने बताया कि, 24 अक्टूबर 2024 की दोपहर हरिओम को उसके तीन दोस्त खोजते हुए घर आए थे, जिसके बाद रात में वो हरिओम को अपने साथ जबरदस्ती लेकर चले गए। देर रात हरिओम के मोबाइल पर परिजनों की बात हुई, तब वो लोग उसकी बेरहमी से पिटाई कर रहे थे। परिजनों ने उन्हें मारपीट करने से मना भी किया था। दूसरे दिन बेहोशी की हालत में मिला तो पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया था, तब उसे लावारिस समझ रही थी। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों के पहुंचने पर उसकी पहचान हुई।
संपूर्ण कार्यवाही में निरीक्षक कृष्ण चंद सिदार, सहायक उप निरीक्षक उमेश उपाध्याय, सहायक उप निरीक्षक संजय शर्मा, आरक्षक राहुल राजपूत, ख्वाजा असलम का विशेष योगदान रहा।
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