पौष पूर्णिमा से कुंभ मेले की शुरुआत हो चुकी है। कुंभ मेले का पहला स्नान मकर संक्रांति पर हुआ। ऐसे में करोड़ों श्रद्धालु पवित्र स्नान करने के लिए प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर पहुंच रहे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर प्रयागराज महाकुंभ में उपलब्ध छत्तीसगढ़ पवेलियन की सुविधा छत्तीसगढ़िया श्रद्धालुओं को खूब आकर्षित कर रहा है। पवेलियन में छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और धर्म की झलक दिखाई दे रही है। गौर मुकुट और चित्रकोट जलप्रपात जैसी चीजें लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर प्रयागराज महाकुंभ में छत्तीसगढ़ के स्थानीय लोगों के लिए छत्तीसगढ़ पवेलियन तैयार है। मुख्यमंत्री ने अपनी दूरदर्शी सोच से प्रयागराज में राज्य के लोगों के लिए ठहरने और भोजन करने की निःशुल्क व्यवस्था की है।
ऐसे पहुंच सकते हैं छत्तीसगढ़ पवेलियन
छत्तीसगढ़ के जो भी श्रद्धालु महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाना चाहते हैं उनके लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। छत्तीसगढ़ पवेलियन महाकुंभ मेला के सेक्टर छह में स्थित है। यह ठीक बघाड़ा मेला के पास स्थित है जहां आने के लिए लक्ष्मी द्वार से प्रवेश करना है। यहां से निकटतम रेलवे स्टेशन प्रयाग है। सड़क अथवा हवाई मार्ग से आने वाले श्रद्धालु इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के रास्ते यमुना ब्रिज क्रॉस करके यहां पहुंच सकते हैं।
पवेलियन के अंदर छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा और राज्य के चार ईष्ट देवियोंं की तस्वीरें स्थापित की गई हैं। यह पवेलियन छत्तीसगढ़ के लोगों और संस्कृति को देश के सामने पेश करने का एक बेहतरीन मंच है।
छत्तीसगढ़ पैवेलियन प्रयागराज के सेक्टर 6 महाकुंभ में लक्ष्मी द्वार के पास भारत सरकार के कलाग्राम के सामने स्थित है। प्रवेश द्वार पर ही बस्तर के चित्रकोट जलप्रपात की तस्वीर बनी है, जिसे भारत का नियाग्रा कहा जाता है।