रायपुर (द वैलीग्राफ)। राज्य के एजुकेशन डिपार्टमेंट में भूकंप ला देने वाले शिक्षक पोस्टिंग घोटाले में सरकार के एक और बड़े एक्शन का पता चला है। इस मामले में कड़े कदम लेते हुए दो हज़ार से अधिक पोस्टिंग रद्द कर दिए गए हैं। इसके साथ ही डेडलाइन जारी कर यह चेतावनी भी दी गई है कि 10 दिन में संबंधित टीचर अपनी पूर्व पोस्टिंग में ज्वाईन नहीं करते हैं तो उनका प्रमोशन भी रद्द कर दिया जाएगा। सरकार के इस फैसले से एक बार फिर डिपार्टमेंट में हड़कंप मच गया है।
इस मामले में इसके पहले स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे ने चार संयुक्त संचालकों को सस्पेंड कर दिया था। और अब शिक्षा विभाग ने दो हजार से अधिक शिक्षकों की पोस्टिंग निरस्त कर दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अनुमोदन के बाद विभाग ने ये फैसला किया है। कुल 7 पृष्ठ का एक ऐसा आदेश बनाया गया है कि टीचर्स के पास कानूनी राहत ढूंढ पाने की भी गुंजाइश नहीं मिल सकेगी। इस आदेश में पूरा विवरण लिखा है कि किस तरह अधिकार न होने के बाद भी ज्वाइंट डायरेक्टरों ने ट्रांसफर प्रतिबंधित होने के बाद भी ट्रांसफर कर दिया। इसमें पांचों कमिश्नरों की जांच का हवाला दिया है, जिसमें सभी ने भ्रष्टाचार की पुष्टि की है। विभाग ने शिक्षकों से कहा है कि 10 दिन के भीतर पूर्व पोस्टिंग वाले स्कूलों में ज्वाईन करें, वरना उनका प्रमोशन निरस्त कर दिया जाएगा।
इसके पहले राज्य शासन ने चार संयुक्त संचालकों को सस्पेंड कर दिया था। शिक्षकों से संबंधित एक आदेश के भी जल्द निकलने की खबर है। पदोन्नति के बाद टीचर्स की पोस्टिंग के आदेश में संशोधन के नाम पर राज्य में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की बात कही जा रही है। यह मामला कितना बड़ा है, इस बात से ही समझा जा सकता है कि राज्य शासन ने पांच में से चार संयुक्त संचालकों को सस्पेंड कर दिया है। शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे ने संशोधन निरस्त करने के साथ ही अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की घोषणा भी की थी। पदोन्नति रद्द करने के लिए समन्वय में फाइल भेजी गई थी। मुख्यमंत्री समन्वय के प्रमुख होते हैं। उन्होंने इस नोटशीट पर दस्तखत कर दिया है।
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