विकसित भारत के लक्ष्य के लिए युवाओं में संवैधानिक सिद्धांतों और लोकतांत्रिक आदर्शों को आत्मसात करना जरुरी: मेघनाद जायसवाल

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केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-2 एनटीपीसी कोरबा में भारतीय संविधान पर ज्ञानवर्धक परिचर्चा आयोजित


“संवैधानिक सिद्धांत, मानव मूल्यों और लोकतांत्रिक आदर्शों को अक्षुण बनाए रखना भी हमारी अपनी जिम्मेदारी है। देश के युवा की भूमिका में समाज को सबसे ज्यादा उम्मीद है, जिन्हें हम कल के भारत के उन जिम्मेदार नागरिकों के तौर पर देखते हैं, जो हमारे देश के लिए सशक्त, सक्रिय और शक्तिशाली लोकतंत्र के निर्माण में सहभागी बनेंगे। तभी हम अपने विकासशील भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य हासिल करने में कामयाब होंगे।”


कोरबा(thevalleygraph.com)। यह बातें शनिवार 25 जनवरी को केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-2 एनटीपीसी कोरबा में आयोजित भारतीय संविधान पर ज्ञानवर्धक परिचर्चा में बतौर मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता मौजूद रहे संवैधानिक कानून के ख्यातिलब्ध विशेषज्ञ मेघनाद जायसवाल (एलएलबी एमए अर्थशास्त्र एम.फिल. अर्थशास्त्र) ने कहीं। जेएलएनडी महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक अर्थशास्त्र श्री जायसवाल ने विद्यालय के शिक्षकों और विद्यार्थियों को इस विषय पर महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्रदान किया। यह कार्यक्रम साक्षी गुप्ता (टीजीटी सामाजिक विज्ञान) और मीनाक्षी शर्मा (टीजीटी संस्कृत) के समन्वयन से आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य छात्र-छात्राओं में लोकतांत्रिक मूल्यों, अधिकारों और जिम्मेदारियों की समझ को गहरा करना था। श्री जायसवाल ने प्रमुख संवैधानिक सिद्धांतों, हालिया घटनाक्रमों और लोकतांत्रिक आदर्शों को अक्षुण बनाए रखने में युवाओं की भूमिका पर चर्चा की। उनके तथ्यपरक विचारों से अवगत होकर विद्यालय के शिक्षक-कर्मी और विद्यार्थी अभिभूत हुए। संवादात्मक सत्र में विद्यार्थियों को सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त करने का भी अवसर दिया गया, जिससे विचारों का गतिशील आदान-प्रदान हुआ।


जिम्मेदार नागरिक की आकृति में परिवर्तित करने संवैधानिक साक्षरता महत्वपूर्ण: सुमित चौधरी
इस अवसर पर केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-2 एनटीपीसी के प्रभारी प्राचार्य सुमित चौधरी (पीजीटी सीएस) ने कहा कि आज के इन विद्यार्थियों को कल के जिम्मेदार नागरिक की आकृति में परिवर्तित करने संवैधानिक साक्षरता महत्वपूर्ण है। इस कार्यक्रम को विद्यार्थियों और शिक्षकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, जिससे नागरिक शिक्षा के प्रति स्कूल की प्रतिबद्धता को बल मिला।


विद्यार्थियों को ज्ञान से परिपूर्ण कर सशक्त बनाने की दिशा में अहम सहयोग: अस्मित कुमार
शिक्षक अस्मित कुमार (टीजीटी पीई) ने भी संविधान पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इस ज्ञानवर्धक सत्र ने हमारे विद्यार्थियों को ज्ञान से परिपूर्ण कर सशक्त बनाने की दिशा में अहम सहयोग प्रदान किया है। यह सेशन देश के इन भावी नागरिकों के लिए आने वाले कल में एक सूचित और सक्रिय लोकतंत्र के निर्माण में महत्वपूर्ण साबित है। कक्षा सातवीं-अ की छात्रा अणिमा मिश्रा एवं कक्षा छठवीं-अ की छात्रा रिया ने भी अपने विचार रखे।


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Aakash Pandey

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