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अपनी वर्दी और कर्तव्य के प्रति अटूट निष्ठा, 42 वर्षों का उत्कृष्ट योगदान, सेवा निवृत्ति की दहलीज पर तिरंगा फहराने का सबसे बड़ा सम्मान

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वर्दी और कर्तव्य के प्रति अटूट निष्ठा रखते हुए 42 वर्षों का उत्कृष्ट योगदान देने वाले सब इंस्पेक्टर माधव प्रसाद तिवारी सेवा निवृत्ति की दहलीज पर हैं। सेवा के प्रति उन्हें उनके समर्पण के लिए इस गणतंत्र दिवस पर सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में तिरंगा फहराने का सम्मान प्रदान किया गया।


कोरबा। ईमानदारी, समर्पण और कर्तव्य के प्रति अटूट निष्ठा को जब पहचान और सम्मान मिलता है, तो यह न केवल व्यक्ति बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन जाता है। कोरबा पुलिस विभाग ने गणतंत्र दिवस के मौके पर इसी भावना को साकार किया, जब सेवा निवृत्ति की दहलीज पर खड़े सब इंस्पेक्टर माधव प्रसाद तिवारी को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए तिरंगा फहराने का सम्मान प्रदान किया गया। यह आयोजन केवल गणतंत्र दिवस का समारोह नहीं, बल्कि एक अधिकारी के गौरवशाली सफर की सराहना का प्रतीक बन गया।

गणतंत्र दिवस पर एक ऐतिहासिक सम्मान

कोतवाली थाना परिसर और नगर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में सब इंस्पेक्टर माधव तिवारी को ध्वजारोहण का अवसर प्रदान किया गया। कोरबा सीएसपी भूषण एक्का और कोतवाली थाना प्रभारी एमबी पटेल ने यह सम्मान देते हुए कहा कि तिवारी की 42 वर्षों की सेवा विभाग के लिए एक अमूल्य धरोहर है। उनके इस सम्मानजनक योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

माधव तिवारी ने गर्व से तिरंगा फहराया, जिसके बाद पूरे पुलिस बल ने सलामी दी। इस दौरान वातावरण गर्व और भावुकता से भरा हुआ था। तिरंगे के नीचे खड़े इस अधिकारी ने अपने समर्पण और निष्ठा की कहानी लिखने वाले 42 वर्षों का सार पूरे विभाग को प्रेरित करने के लिए छोड़ा।

आरक्षक से सब इंस्पेक्टर तक का प्रेरणादायक सफर

माधव प्रसाद तिवारी ने 42 वर्षों पहले एक आरक्षक के रूप में पुलिस सेवा में कदम रखा था। इस दौरान उन्होंने अपनी मेहनत, अनुशासन और कुशलता से न केवल विभाग में अलग पहचान बनाई, बल्कि आरक्षक से लेकर सब इंस्पेक्टर के पद तक का गौरवशाली सफर तय किया। उनका सफर हर उस अधिकारी के लिए प्रेरणा है, जो अपनी सीमाओं को पार कर सफलता की नई ऊंचाइयों को छूने का सपना देखते हैं।

विशेष पहचान: विवेचना, लेखन और यातायात प्रबंधन में महारत

माधव तिवारी की कार्यकुशलता सिर्फ उनकी पदोन्नति तक सीमित नहीं रही। विवेचना और कुशल लेखन के लिए विभाग में उनकी अलग पहचान रही है। उन्होंने कई जटिल मामलों को सुलझाने में अपनी सटीक विवेचना और निष्पक्ष निर्णय से अहम भूमिका निभाई। यातायात व्यवस्था सुधारने की उनकी दक्षता ने विभाग को नई दिशा दी। उनकी कार्यशैली ने न केवल सहकर्मियों का विश्वास जीता, बल्कि वरिष्ठ अधिकारियों की सराहना भी पाई।

गृह जिले में सेवा का गौरव

रायपुर में वर्षों तक सेवा देने के बाद हाल ही में उनका स्थानांतरण उनके गृह जिले कोरबा में हुआ। यह उनके लिए सेवा का एक खास अनुभव था। गणतंत्र दिवस के इस ऐतिहासिक मौके पर तिरंगा फहराने का अवसर मिलना उनके 42 वर्षों के समर्पण और निष्ठा की उच्चतम पहचान बन गया। 31 जनवरी को सेवा निवृत्त होने जा रहे तिवारी ने इसे अपने जीवन का सबसे यादगार क्षण बताया।

ध्वजारोहण के बाद भावुक पल

ध्वजारोहण के बाद आयोजित सम्मान समारोह में उनके सहकर्मियों ने उनके योगदान को याद करते हुए भावुक शब्दों में अपनी भावनाएं प्रकट कीं। सीएसपी भूषण एक्का ने कहा, “माधव तिवारी जैसे अधिकारी न केवल विभाग के लिए प्रेरणा हैं, बल्कि समाज के लिए भी आदर्श हैं। उनकी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा हर अधिकारी के लिए सीखने योग्य है।”


श्री तिवारी ने इस अवसर पर कहा, “पुलिस विभाग में बिताए गए 42 वर्षों के हर दिन ने मुझे सिखाया कि ईमानदारी और समर्पण ही सफलता की कुंजी है। मुझे गर्व है कि मैंने अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन किया।”

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