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भारतीय जनता पार्टी ने कोरबा की जनता के दिलों के साथ बाह्ययुद्ध में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर मेयर की चेयर पर तो कब्जा कर लिया, पर सभापति का रुत्बा हासिल करने की अंदरुनी जंग में विजयश्री की चुनौती अभी भी शेष है। नगर निगम कोरबा के 67 वार्डों में भाजपा ने शानदार 45 पार्षदों ने कमल खिलाया है। इनमें से भाजपा का तुरुप का वह पत्ता कौन सा होगा, जो सभी को भा जाए, इसके लिए पार्टी में मंथन के साथ आवाम का मन भी टटोलना लाजमी हो जाता है। सभापति की रेस ट्रैक पर जहां नरेंद्र-अशोक-हितानंद सरीखे तजुर्बेकारों उतर चुके हैं, तो इन दिग्गजों के बीच नूतन और लक्ष्मण जैसे सौम्य पर धाकड़-धुरंधर खिलाड़ियों की गूंज भी सियासी गलियारों में सुनाई दे रही हैं। खासकर नई-पुरानी बस्तियों की सौंधी हवा में एक शोर यह भी गूंज उठा है कि जब महापौर के लिए भाजपा का कमल पूरब से खिला है, तो सभापति के लिए छत्तीसगढ़िया सूरत को मौका देना भी बनता है। इस छत्तीसगढ़िया फैक्टर पर फोकस किया जाए, तो प्रमुख दावेदारों की लिस्ट में नरेंद्र-नूतन और लक्ष्मण का त्रिकोणीय मुकाबला देखना रोचक हो सकता है।
कोरबा(theValleygraph.com)। नगर पालिक निगम कोरबा चुनाव में भाजपा ने एतिहासिक जीत दर्ज कर श्रीमती संजू देवी महापौर पद पर आसीन हो गई। सदन में साथ देने बहुमत से ज्यादा पार्षद चुनाव जीत कर आए हैं। भाजपा के लिए अब सभापति का चयन करना आसान नहीं रह गया है। आधा दर्जन से ज्यादा दिग्गज चुनाव जीतकर पार्षद बने हैं और ऐसे में किसी एक का चयन करने संगठन उलझ सकता है। केबिनेट मंत्री के भाई नरेन्द्र देवांगन, पूर्व सभापति अशोक चावलानी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल सभापति के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इन सबके बीच भाजपा पार्षदों में छत्तीसगढ़ी सभापति की चर्चा तेज होती जा रही है। दरअसल इसके पीछे का लाॅजिक यह लगाया जा रहा है कि भाजपा की महापौर पूर्वांचल से ताल्लुक रखतीं हैं। ऐसे में साकेत की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण गद्दी, यानी सभापति का पद एक योग्य छत्तीसगढ़ी सूरत को सौंपकर सामंजस्य बैठाया जाता सकता है। उम्मीद की जा रही है कि जिस तरह महापौर प्रत्याशी के चयन में भाजपा ने सबको चौंकाया है, उसी तरह अपनों की संतुष्टि और सहमति का ख्याल रखते हुए सभापति के महत्वपूर्ण पद के लिए भी नए नाम सामने लाकर भाजपा एक बार फिर सबको चौंका सकती है। सूत्रों के अनुसार पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद भाजपा सभापति का नाम तय करेगी।
कांग्रेस का किला गिराने वाले नूतन सिंह मंत्री देवांगन के जेल के साथी…विकास महतो का विश्वास भी हासिल
छत्तीसगढ़ी सभापति की बात करें, तो चुनिंदा चेहरों में नरेंद्र देवांगन, नूतन सिंह, लक्ष्मण श्रीवास प्रबल दावेदार हैं। उल्लेखनीय होगा कि अजीत जोगी सरकार के समय नूतन सिंह केबिनेट मंत्री लखन देवांगन के साथ जेल में रहे। उन्होंने स्वयं कई अवसरों पर अनुभव साझा किए और अपने जेल का साथी बताकर नूतन सिंह की तारीफ कर चुके हैं। दूसरी ओर वे भाजपा प्रदेश मंत्री विकास महतो के विश्वासपात्र के रूप में भी नूतन सिंह पहली पसंद हैं। मुस्लिम बाहुल्य होने के साथ-साथ कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली पुरानी बस्ती कोरबा से एकतरफा जीत दर्ज करने का चैलेंजिंग कारनामा पेश कर चुके नूतन सिंह ने जिला अधिवक्ता संघ कोरबा में भी लगातार सचिव बनने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। यही उपलब्धियां, अन्य के मुकाबले नूतन की दावेदारी को मजबूत करता है।
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