पक्ष-विपक्ष की गरमा-गर्मी के बीच “साकेत सदन” में ठंडक बनाए रखने BJP का खास “AC” तैयार, फैसला आम करने बंद लिफाफे का इंतजार


पक्ष-विपक्ष के हंगामे और गरमा-गर्मी के बीच शांति कायम करने वाले सभापति पद की निष्पक्ष बागडोर किसके हाथ होगी, इसका निर्णय अगले कुछ दिनों में हो जाएगा। पर भाजपा की तरफ से साकेत के मैदान में कौन उतरेगा, भाजपा की आवाज कौन बनेगा, इसका निर्णय होने में अब सिर्फ कुछ पल रह गए हैं। नगर निगम कोरबा में जब-जब पारा उछाल मारेगा, साकेत के सदन में सुकून से भरी अपनी कूल-कूल आवाज की औषधि बिखेरकर ठंडक बनाए रखने वाला वह खास “AC” चुना जा चुका है। अब केवल उस बंद लिफाफे का इंतजार शेष रह जाएगा, जिसे लेकर कोरबा निगम के पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए रायपुर उत्तर के विधायक पुरंदर मिश्रा एक-दो दिनों में स्वयं आमद देंगे। इसके पहले यानि आज शाम चार बजे रायपुर मुख्यालय में आयोजित पार्टी की अहम बैठक में कैबिनेट मंत्री लखनलाल देवांगन की मौजूदगी में जिलाध्यक्ष मनोज शर्मा कोरबा के अगले सभापति के लिए भाजपा के चयनित उम्मीदवार की पाती पेश करेंगे। उनके साथ तमाम नगरीय निकायों के प्रभारी भी अपने-अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर अंतिम निर्णय से पार्टी आलाकमान को रुबरु कराएंगे।


कोरबा(thevalleygraph.com)। तकनीकी दृष्टि से 11 निर्दलीय में लगभग आधे पार्षदों का झुकाव भाजपा की ओर है और ऐसे में सभापति का चुनाव निर्विरोध हो सकता है। ऐसे में भाजपा पूर्णतः आश्वस्थ है, कि सभापति उनका होगा। विश्वस्त सूत्रों के हवाले से नगर निगम कोरबा के नए सभापति के लिए भाजपा उम्मीदवार का चयन हो चुका है और इस फैसले पर रायपुर में आज देर शाम अधिकृत नाम पर मुहर भी लग जाएगी। बताया जा रहा है कि गर्मियों के इस मौसम में पक्ष-विपक्ष की नोक-झोंक के बीच जब-जब पारा उछाल मारेगा, उसे शांत करने भाजपा ने एक ऐसे “AC” को चुना गया है, जो साकेत के सदन में सुकून से भरी अपनी कूल-कूल आवाज की औषधि बिखेरकर ठंडक बनाए रखने में माहिर होगा। यह पुरानी और भरोसेमंद मशीन एक नए उत्साह के साथ सभा की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी उठाने तैयार और तत्पर है।


उल्लेखनीय होगा कि नगर पालिक निगम, कोरबा (Municipal Corporation, Korba) का मेयर पद और 67 में 45 वार्डों में जबरदस्त जीत के बाद अब भाजपा में सभापति के चयन को लेकर चल रही कवायद अंतिम पायेदान पर आ चुका है। नगर निगम, कोरबा में भाजपा के 45 पार्षद जीत कर आए हैं, जबकि 11-11 वार्डों में कांग्रेस और निर्दलीय पार्षद हैं। नंबरों में तो भाजपा के लिए सभापति का चुनाव बेहद सरल था, पर सभी की सहमति और संतुष्टि के साथ यही फैसले के लिहाज से यह थोड़ा चुनौतिपूर्ण भी बनता दिख रहा था। सभापति का पद पाने के लिए लगभग आधा दर्जन प्रमुख चेहरों पर चर्चा सरगर्म रही। पार्टी सूत्रों के अनुसार इनमें से कुछ चुनिंदा सूरतें ऐसी भी रहीं, जिन्हें इसी सूरत पर टिकट दिया गया, ताकि आगे चलकर उन्हें इस अहम जिम्मेदारी के तौर पर लायक देखा जा सके।


शपथ ग्रहण में आ सकते हैं मुख्यमंत्री विष्णुदेव
इन कवायदों के बाद भव्य ताजपोशी का वक्त भी मुक़र्रर कर दिया जाएगा, जिसमें स्वयं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की गरिमामयी मौजूदगी होने की प्रबल संभावना व्यक्त की जा रही है। शपथ ग्रहण के शुभ अवसर पर सीएम साय के अलावा भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय तथा क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवल के साथ अन्य बड़े चेहरे भी नजर आएंगे। बता दें कि सभापति पद के दावेदारों में भाजपा से प्रमुख रुप से जिन नामों की चर्चा रही, उनमें तीन बार के पार्षद एवं भाजयुमो महामंत्री नरेंद्र देवांगन, पूर्व जिलाध्यक्ष व पूर्व सभापति अशोक चावलानी, पुरानी बस्ती के पार्षद नूतन सिंह ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष रहे हितानंद अग्रवाल, बालकोनगर क्षेत्र से पार्षद सत्येन्द्र दुबे व चंद्रलोक सिंह शामिल हैं।


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