प्रदेश की सियासत में में भूकंप उत्पन्न कर देने वाले चर्चित अश्लील सीडी कांड की सुनवाई सात साल बाद शुरू हुई। मंगलवार 25 फरवरी को रायपुर न्यायालय में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विनोद वर्मा, कैलाश मुरारका, विजय पांड्या, विजय भाटिया समेत अन्य सभी आरोपी पेश हुए। न्यायालय में उपस्थिति दर्ज कराने के बाद श्री बघेल विधानसभा सत्र के लिए रवाना हो गए। अब अगली सुनवाई अगले महीने चार मार्च को होगी।
रायपुर। इससे पूर्व इसी माह चार फरवरी को हुई सुनवाई में अलग-अलग कारणों से आरोपी कोर्ट नहीं पहुंचे थे। मंगलवार को कोर्ट में सीबीआई बनाम कैलाश मुरारका और अन्य के विरुद्ध जांच पर बहस हुई।
सीबीआई ने बहस पूरी कर ली है। इस दौरान सीबीआई ने दावा किया कि साल 2017 में 95 हजार रुपये में मुंबई में मानस साहू ने मार्फ सीडी बनाई थी। पैसे का लेनदेन बैंक से किया गया था। एक वर्ष बाद नई दिल्ली में इस सीडी की हजारों कापियां करके छत्तीसगढ़ में वितरित की गईं।
CBI ने कहा – उनके पास इसके इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस
CBI का कहना है कि उनके पास इसके इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस हैं। न्यायाधीश भूपेश कुमार बसंत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अगली सुनवाई चार मार्च को नियत की है। इस दिन अभियुक्तों के अधिवक्ता बहस करेंगे।
यहां बताना होगा कि अक्टूबर 2017 में छत्तीसगढ़ में एक कथित अश्लील सीडी सामने आई थी। इसे कथित रूप से पूर्व मंत्री राजेश मूणत की बताई जा रही थी। सिविल लाइन पुलिस थाने में इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ। बाद में पुलिस टीम ने दिल्ली से पत्रकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार कर रायपुर लाई थी।
इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ में जमकर सियासत हुई। कांग्रेस इसे तत्कालीन सरकार का षडयंत्र बताती रही। सितंबर 2018 में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को भी गिरफ्तार किया गया था। उन पर षडयंत्र रचने का आरोप था। भूपेश बघेल ने जेल में रहते हुए जमानत लेने से इंकार कर दिया।