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लड़कियों के लिए पढ़ाई के साथ साथ खुद की सेहत पर फोकस लाजमी है। पर अगर बेहतर करियर की राह पर चलते हुए अच्छी शिक्षा के साथ फुटबॉल जैसे उत्साह से लबरेज खेल का सामंजस्य हो, तो क्या कहना। खास बेटियों के लिए एक ऐसी की कमाल की पहल की जा रही है। बिहार के एक हॉस्पिटल में नेत्र जांच की ट्रेनिंग ले रही लड़कियों के लिए फुटबॉल खेलना अनिवार्य रखा गया है, ताकि वे अपने सपनों को उड़ान देकर मनचाही मंजिलें दौड़कर हासिल कर सकें।
पटना(http://theValleygraph.com)। यह अनूठी और अनुकरणीय पहल पटना से 50 किमी दूर स्थित अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल में देखने को मिली। यहां आस पास किनगरीब लड़कियों को ऑप्टोमेट्रिस्ट (दृष्टि परीक्षण करने वाले ट्रेंड प्रोफेशनल) की ट्रेनिंग तो दी ही जा रही है, इसके साथ-साथ फुटबॉलर भी बनाया जा रहा है है। यहां ट्रेनिंग ले रही हर लड़की के लिए फुटबॉल खेलना अनिवार्य है। यहां से 15 लड़कियां राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी हैं। इनमें एक सोनिया राय बिहार महिला फुटबाल टीम की कप्तानी भी कर चुकी हैं। इस मुफ्त शैक्षणिक कार्यक्रम का नाम ‘फुटबॉल टू आईबॉल’ है। संस्थान 10वीं-12वीं पास गरीब लड़कियों को 16 साल से मुफ्त आवासीय प्रशिक्षण देकर ऑप्टोमेट्रिस्ट बना रहा है। 2009 से अब तक 725 लड़कियां ट्रेंड हुई हैं। यहां बच्चियों का रहना-खाना-पढ़ना सब मुफ्त है। अभी 286 लड़कियां इस प्रोग्राम में पढ़ रही हैं। इसमें पास होने वाली कई लड़कियों को अस्पताल में ही नौकरी मिल जाती है। कुछ एमबीए-पीएचडी भी कर रही हैं। यहां गरीबी रेखा के नीचे वाले परिवार की लड़कियों को दाखिला मिलता है। शर्त है कि 23 साल की उम्र से पहले उनकी शादी नहीं होगी।
अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि इसकी शुरुआत कैसे हुई? कहा-2009 में स्थानीय ग्रामीण विद्यालय में कुछ बच्चियों को कागज का गोला बनाकर खेलते देख उनसे बात की तो पता चला वे भी फुटबॉल खेलना चाहती हैं। इसके बाद कोलकाता के पेशेवर फुटबॉलर रह चुके मृत्युंजय ने इन्हें फुटबॉल खिलाना शुरू किया। उनकी 12वीं तक स्कूलिंग के साथ-साथ फाउंडेशन कोर्स कराकर ऑप्टोमेट्री का स्नातक कोर्स कराया। वहीं, बेल्जियम में बेब्स फुटबॉल लीग शुरू हुई है। इसमें हर गोल पर अखंड ज्योति के ‘फुटबॉल टू आईबॉल’ प्रोग्राम को 100 रु. का डोनेशन मिलता है। साल 2011 में 19 वर्षीय एल्बन हेरिक्स अपने तीन साथियों के साथ यहां आए थे। बेल्जियम लौटे तो इस लीग की शुरुआत की।
16 लाख गरीबों की आंखों का मुफ्त ऑपरेशन होगा
अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल के चिकित्सा निदेशक डॉक्टर अजीत पोद्दार ने बताया कि 2030 तक श्रीराम शर्मा आचार्य चैरिटेबल ट्रस्ट ने 300 अखंड ज्योति प्राथमिक नेत्र जांच केन्द्र खोलने का लक्ष्य रखा है। अखंड ज्योति अस्पतालों में 17 वर्षों में 10 लाख आंखों के ऑपरेशन किए गए हैं। वहीं अगले 6 साल में 20 लाख आंखों की सर्जरी का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से 16 लाख गरीब मरीजों की आंखों का निशुल्क ऑपरेशन होगा।
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