महाकुंभ में नहीं लगा सके डुबकी तो कोई बात नहीं, त्रिवेणी से गंगा जल लेकर हर जिले में पहुंचेंगे दमकल


तीर्थराज प्रयागराज के संगम का जल सलाखों के पीछे बंदियों तक जेल में पहुंचा था। उत्तर प्रदेश सरकार की पहल पर ये सुविधा प्रदान की गई थी। अब अगर कोई आम श्रद्धालु भी किसी वजह से संगम में डुबकी नहीं लगा सका है तो सरकार ने उसकी भी व्यवस्था कर दी है। मेला क्षेत्र में आग बुझाने के लिए 24 घण्टे तैनात रहे प्रदेश भर से आए दमकल वाहन (Fire Brigade) सभी 75 जिलों में वापसी के समय संगम का जल भी ले जाएंगे। ये जल स्नान से वंचित रह गए लोगों को पुण्य का भागीदार बनाएगा।


वापसी के समय टैंकरों में भरेंगे संगम का जल

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अनूठी पहल की हैं। इसके बाद एडीजी फायर पद्मजा चौहान ने सीएफओ को दमकल वाहनों को जिलों में वापसी के समय संगम का जल लेकर जाने के संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। 13 जनवरी पौष पूर्णिमा से शुरू हुए महाकुंभ का औपचारिक समापन यूं तो 26 फरवरी को हुआ लेकिन 27 फरवरी गुरुवार को सीएम ने पूरा दिन मेला क्षेत्र में बिताया और पूजा अर्चना कर व्यवस्था से जुड़े रहे लोगों के लिए अहम घोषणाएं भी कीं।


डुबकी से वंचित रहे लोगों को मिलेगा पुण्य

इसी दौरान उन्होंने मेला क्षेत्र में दिन रात ड्यूटी पर मुस्तैद रहने वाले अग्निशमन विभाग की सेवाओं को सराहा और उन्हें एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी सौपी। उन्होंने कहा कि संगम में 66 करोड़ से अधिक लोगों ने डुबकी लगाई लेकिन तमाम ऐसे भी लोग होंगे जो किसी कारण से संगम तक नहीं आ सके। अब संगम का जल उन तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए दमकल के वाहन माध्यम बनेंगे। ये सभी ड्यूटी से अपने जिलों को वापसी के समय फायर टेंडर में संगम का जल भरकर ले जाएंगे।


जिलों में सीएफओ कराएंगे वितरण

जिलों में सीएफओ (चीफ फायर आफिसर) संगम के इस जल का वितरण कराएंगे। बता दें कि मेला क्षेत्र में ड्यूटी के लिए पांच हजार से 42 हजार लीटर क्षमता वाले लगभग 250 से अधिक दमकल वाहन आये थे। जिन्होंने मेला क्षेत्र में हर आग को समय रहते काबू कर लिया। अब यही वाहन संगम का पवित्र जल लेकर जिलों को वापस होंगे। अपने जिलों के लिए इनकी वापसी शुक्रवार से धीरे धीरे शुरु हो जाएगी।


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