सभापति की आखिरी बाजी, रेस में BJP के दो मौजूदा और एक बागी, अब देखिए कि मैदान में कौन पड़ेगा सब पर भारी

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सभापति की आखिरी बाजी खेली जा चुकी है। साकेत फतह की इस आखिरी रेस में BJP के दो मौजूदा पार्षद और एक बागी मैदान में रह गए हैं। नूतन सिंह, हितानंद अग्रवाल और निर्दलीय पार्षद अब्दुल रहमान ने नामांकन भरा है। अब देखिए कि मैदान में कौन सब पर भारी पड़ता है। निर्णय जो भी हो, परिणाम पर सभी की निगाह टिक गई है।


नगर पालिक निगम का अगला सभापति बनने के लिए नामांकन दाखिल कर दिया गया है। निर्धारित समय तक भारतीय जनता पार्टी से युवा पार्षद नूतन सिंह ठाकुर ने अपना नामांकन जमा किया तो वहीं भाजपा से ही हितानंद अग्रवाल ने भी अपना नामांकन दाखिल किया है। निर्दलीय प्रत्याशी अब्दुल रहमान ने भी सभापति की दौड़ में खुद को शामिल करते हुए नामांकन पत्र दाखिल किया है। इसी कड़ी में कांग्रेस से डॉ.रामगोपाल कुर्रे ने नामांकन पत्र भरा था लेकिन उन्होंने निर्धारित समय तक अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया। इस तरह सभापति की दौड़ में भारतीय जनता पार्टी से दो उम्मीदवार और निर्दलीय अब्दुल रहमान शामिल हैं।

कोरबा। कोरबा नगर पालिक निगम में सभापति का चुनाव हाई प्रोफाइल हो गया है। प्रदेश और जिला संगठन को लेकर पार्टी के भीतर ही कई तरह की बातें अब सामने आने लगी हैं। हालांकि दोपहर 2:30 बजे के बाद सभापति के परिणाम पर मुहर लग जाएगी। निर्णय जो भी हो लेकिन परिणाम किसके पक्ष में आता है इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है। खासकर कांग्रेस के 11 और निर्दलीय 11 पार्षद अपना रुख किसी की तरफ करेंगे यह भी देखने वाली बात होगी। वह निर्णायक की भूमिका में देखे जा रहे हैं।

सभापति चयन पर एकराय बनाने को लेकर सुबह से ही पार्टी खेमे में गहमागहमी देखने को मिलती रही। पार्टी कार्यालय में बैठक का दौर चला और जैसे ही नाम आगे बढ़ाया गया और बताया गया कि प्रदेश संगठन ने इनका नाम तय किया है, फिर विरोध का दौर चल पड़ा। पार्टी सूत्र बताते हैं कि बंद कमरे में सभी 45 पार्षदों की बैठक बुलाई गई और उनके मोबाइल भी स्विच ऑफ करा दिए गए। इसके बाद प्रदेश से आए नाम के बारे में जानकारी देते हुए पक्ष में मतदान करने के लिए निर्देशित किया गया। इस बैठक के तत्काल बाद पार्टी से दो लोगों ने नामांकन पत्र लेकर जमा कर दिया।

यहां बड़े तेज घटनाक्रम में जिला संगठन के दो प्रमुख लोगों ने (जिसमें एक प्रदेश पदाधिकारी भी शामिल है) उनके द्वारा जिला से आगे आए प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर सभापति बनाये जाने का फरमान अपने पार्षदों को दे दिया गया और कहा गया कि सभापति इन्हें ही चुना जाना है।

अब पार्टी खेमे में यह बात जहां तेजी से तैर रही है कि प्रदेश संगठन से बड़ा जिला संगठन हो गया है तो दूसरी तरफ निगम के गलियारे में इस बात की भी चर्चा है कि एक दावेदार ने तो नगदी के साथ-साथ अपने भावी परिणाम के प्रति आगाह करते हुए राशि लिखकर चेक भी चुनिंदा लोगों को प्रदान कर दिया है ताकि माहौल उसके पक्ष में बना रहे। अब 67 पार्षदों और एक महापौर के वोट को मिलाकर जिसके पक्ष में ज्यादा मतदान होगा वही सभापति चुना जाएगा, लेकिन दो मौजूदा और एक बागी होकर चुनाव लड़ने वाले भाजपाई में से किसे चुना जाएगा, यह अभी मत पेटी के गर्भ में है।


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Aakash Pandey

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