जानिए, आखिर कैसे फ्लॉप साबित हुई हितानंद को हिट सभापति उम्मीदवार बनाए जाने की सियासी स्क्रिप्ट


नगर निगम कोरबा के सभापति पद को लेकर उठा बवंडर आगे किस ओर रुख करने वाला है, इसका जवाब आने वाले कल पर छोड़ दीजिए। फिलहाल इस सवाल पर फोकस करते हैं कि आखिर हितानंद अग्रवाल को हिट सभापति उम्मीदवार बनाए जाने की सियासी स्क्रिप्ट बुरी तरह फ्लॉप क्यों हो गई? बताया तो यह भी जा रहा है कि हितानंद को अधिकृत उम्मीदवार बनाए जाने के फैसले पर आने से पहले कोरबा नगर विधायक एवं कैबिनेट मंत्री लखनलाल देवांगन तक से राय मशवरा नहीं किया गया।


कोरबा। उल्लेखनीय होगा कि शनिवार 8 मार्च 2025 को नगर निगम कोरबा में भारतीय जनता पार्टी द्वारा एक और नया इतिहास रचा गया। यह पहली बार है जब नगर पालिक निगम के सभापति चुनाव के दौरान भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार को उन्हीं के पार्टी के खिलाफ जाकर प्रतिस्पर्धा में आए प्रत्याशी ने मैदान मार लिया। पार्टी के साथ यह खेला और किसी ने नहीं बल्कि भाजपा के पार्षदों ने ही किया। इस वजह से पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा है।

नगर पालिक निगम, कोरबा में भाजपा की महापौर और 67 में 45 वार्डों में पार्टी के पार्षद चुनाव जीतकर आए हैं। इन आंकड़ो की बदौलत सभापति का चुनाव बेहद आसान था, संभवतः निर्विरोध, लेकिन पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार को मुंह की खानी पड़ी। आखिर ऐसा क्यों हुआ?

सूत्रों की मानें तो हितानंद अग्रवाल को सभापति का उम्मीदवार बनाए जाने की फाइनल स्क्रिप्ट बीते दो- तीनों के भीतर ही लिखी गई। सूत्रों के अनुसार भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय और उप मुख्यमंत्री अरूण साव से होकर हितानंद अग्रवाल का नाम पर्यवेक्षक पुरन्दर मिश्रा को सौंपे गए लिफाफे में कैद हुआ। उम्मीदवार तय करने के मसले पर कोरबा के विधायक एवं कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन से भी सलाह मशवरा नहीं किया गया।

हालांकि शुक्रवार की रात तक हवा में यह बात फैलने लगी कि पार्टी हितानंद अग्रवाल को सभापति का अधिकृत उम्मीदवार बनाने जा रही है। इसकी भनक श्री देवांगन को भी लगी। बताया गया है कि उन्होंने नाराजगी जाहिर की। शनिवार की सुबह पर्यवेक्षक पुरन्दर मिश्रा रायपुर से निकलकर सीधे कोहड़िया स्थित कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन के घर पर दस्तक दी। और भी लोग मंत्री के यहां पहुंच चुके थे। फिर सभी भाजपा कार्यालय पहुंचे। तब तक यह जाहिर हो चुका था कि पार्टी ने हितानंद के नाम पर मुहर लगाई है।


लिफाफा खुलने से पहले ही उठने लगे विरोध के स्वर

लिफाफे से नाम निकलने के पहले ही विरोध के स्वर उठने लगे। कुछ महिला पार्षद हितानंद के खिलाफ लामबंद हो गईं। जब पर्यवेक्षक ने सभापति उम्मीदवार के रूप में हितानंद अग्रवाल के नाम का ऐलान किया तो पार्टी कार्यालय के सभाकक्ष में उबाल आ गया। लगभग पार्षदों ने पार्टी के इस निर्णय की मुखालफत शुरू कर दी। कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन भी खासे नाराज हुए। इस बीच पर्यवेक्षक ने हितानंद अग्रवाल को नामांकन दाखिले के लिए रवाना होने कहा, लेकिन अन्य पार्षद हॉल में ही डटे रहे और विरोध पर अड़े रहे। पार्षदों का कहना था कि पार्टी इस तरह उम्मीदवार उन पर नहीं थोप सकती। इस मसले पर उनकी भी राय ली जानी थी। सभापति उम्मीदवार का फैसला सहमति से होना था।


…और फिर उठकर साकेत चल दिए नूतन सिंह

इसी बीच बीजेपी पार्षद नूतन सिंह ठाकुर पार्टी कार्यालय से निकलकर सीधे सभापति के लिए नामांकन भरने निकल गए। बाद में कैबिनेट मंत्री श्री देवांगन भी कुछ नरम पड़े और उन्होंने दबी जुबान से कहा कि क्या करें पार्टी का फैसला है मानना पड़ेगा, लेकिन पार्षद इसे मानने तैयार नहीं थे और परिणाम यह आया कि हितानंद अग्रवाल को 18 वोट मिले और पार्टी के बागी उम्मीदवार नूतन सिंह ठाकुर 33 वोट लेकर सभापति का ओहदा हासिल कर लिया।


हितानंद अग्रवाल ने कुछ निर्दलीय पार्षदों का समर्थन प्राप्त कर लिया था। इसलिए उनका वोटों का आंकड़ा 18 तक पहुंच गया। सभापति के तीसरे उम्मीदवार निर्दलीय पार्षद अब्दुल रहमान के खाते में 16 वोट पड़े। उन्हें कांग्रेस और कुछेक निर्दलीयों का समर्थन मिला।

हितानंद अग्रवाल प्रारंभ से ही सभापति की उम्मीदवारी के लिए लॉबिंग कर रहे थे। उन्होंने पार्टी के प्रदेश स्तर के लीडर्स तक एप्रोच लगाने के साथ ही पार्षदों को साधना शुरू कर दिया था। उनके विरोध की सबसे बड़ी वजह यह रही है कि, जैसा आरोप लगे हैं, निकाय चुनाव के वे दौरान पार्टी के प्रत्याशियों को हराने में जुटे थे। इनमें ऐसे पार्षद प्रत्याशी भी थे, जो चुनाव जीतने पर सभापति के प्रबल दावेदार थे। हितानंद पर यह आरोप भी लगा कि उन्होंने पार्टी के अधिकृत वार्ड उम्मीदवारों के प्रतिद्वंदियों को फंडिंग तक की। बताया गया है जब पर्यवेक्षक ने पहली बैठक तब इसकी शिकायत की गई। पार्टी के राज्य स्तरीय पदाधिकारियों तक यह बात पहुंचाई गई। भाजपा के कई पार्षदों का हितानंद अग्रवाल की अति महत्वाकांक्षा भी पसंद नहीं आई।


अधिकृत प्रत्याशी के विरोध में कार्य करने वालों पर होगी कार्रवाई : जिलाध्यक्ष मनोज शर्मा

भारतीय जनता पार्टी कोरबा के जिलाध्यक्ष मनोज शर्मा ने स्पष्ट किया है कि नगर पालिका निगम कोरबा के सभापति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के विरोध में कार्य करने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि संगठन के निर्णयों के विरुद्ध कार्य करने वालों पर सख्त अनुशासनात्मक कदम उठाए जाएंगे और इस संबंध में प्रदेश स्तरीय समिति द्वारा जांच करने की बात भी कही गई है।


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