राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की अद्वितीय पहल, कहा- जनतहित के लिए शिक्षा के इसी मंदिर से राजनीति के पथ पर चलना सीखा और लगाई कैबिनेट तक दौड़, वर्षों पुराना संकल्प पूरा हुआ। तब के दौर में सांसद भारद्वाज से मिलकर मिडिल स्कूल के लिए तीन कमरे बनवाए थे और आज वहीं खड़ा है 6.61 करोड़ का दो मंजिला और भव्य भवन।
कोरबा(theValleygraph.com)। जयसिंह अग्रवाल आज छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कद्दावर नेता और प्रदेश के राजस्व मंत्री के रूप में पहचाने जाते हैं। पर अगर एक पल के लिए चार दशक पीछे मुड़ें, तो अधिकारों के लिए लड़ने को तत्पर एक ऐसा छात्र नजर आएगा, जिसके कल की कल्पना शायद किसी ने न की होगी। कहने को उस दौर में वे भी खपरैल की छप्पर के नीचे और जमीन पर बिछी टाट पट्टी पर बैठकर पढ़ाई करने वाले एक आम बालक थे, पर वहीं से उन्होंने अपना पहला कदम उस खास रास्ते पर रखा, जिसकी मंजिल आज हमें एक कैबिनेट मिनिस्टर के रूप में दिखाई दे रही है। बड़ी बात और बड़ा सबक यह कि इस मुकाम पर आकर भी उन्होंने मुश्किलों से भरे उस दौर को न केवल याद रखा, बल्कि सुधारने का बीड़ा भी उठाया। जब श्री अग्रवाल, प्रदेश के एक सक्षम मंत्री बने, तो अपनी उस पाठशाला का कायाकल्प करने का सपना । उस खपरैल के छप्पर वाले स्कूल की जगह नजर आती 6.61 करोड़ की आलीशान इमारत में उनके वर्षों का संकल्प आज पूरा हो गया।
कोरबा विधायक व छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अपने छात्र जीवन में उन कठिनाइयों को न केवल अपनी आंखों से देखा है, बल्कि स्वयं उनसे गुजरकर अपनी राह बनाई। 80 के दशक में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोरबा से उन्होंने संसाधनों के अभाव में शिक्षा ग्रहण की। इस स्कूल में उन्होंने कक्षा आठवीं में प्रवेश लिया और तब उन्हें नजर आया कि शिक्षा की डगर कितनी मुश्किल है। वहां छत पर खपरैल थी, जो कभी-कभी कोने में बैठे विद्यार्थियों को बारिश की बूंदों में भीगने को विवश कर देता। नीचे गीली जमीन पर टाट पट्टी का ही सहारा होता था। यह सब देख तब के इस बालक के मन में अपने स्कूल और वहां के विद्यार्थियों के लिए कुछ बेहतर करने की चाह जागृत हुई। वे चाहते थे कि टाटपट्टी के स्थान पर कक्षा में बैठने के लिए बेंच- डेस्क की सुविधा हो। उनकी इस जज्बे ने सबको प्रभावित किया और उन्हें छात्र संघ का अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद तो जैसे एक नई पारी का आगाज हो गया और उस छात्रसंघ अध्यक्ष जयसिंह अग्रवाल ने न केवल बेंच- डेस्क की जुगत कराई, बल्कि सांसद के माध्यम से स्कूल के लिए तीन कमरे भी बनवा दिए। यहीं से जनहित को सर्वोपरि रखते हुए राजनीति की ओर उनके जीवन की एक नई यात्रा का शुभारंभ हुआ। उन्हें अपने स्कूल के प्रति ऐसा लगाव रहा कि करीब 43 साल बाद मंत्री बनने का अवसर मिला तो विद्यालय का कायाकल्प कर दिया। श्री अग्रवाल ने अपनी परिकल्पना को वास्तविकता में तब्दील करते हुए 6.61 रुपए की लागत से भव्य स्कूल भवन का निर्माण प्रारंभ कराया। अब वहां दो मंजिलों का नया और भव्य स्कूल भवन तैयार हो चुका है, जिसका जल्द ही लोकार्पण किया जाएगा।
तब सांसद से जिद कर दो कमरे बनवाए, अब दो मंजिला भवन
वर्ष 1977 में जयसिंह अग्रवाल ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कोरबा में 8वीं कक्षा में प्रवेश लिया। उस समय छोटा सा भवन था, खपरैल की छत वाले गिनती के कमरे थे और छात्रों को बैठने के लिए बड़ी मुश्किल से टाटपट्टी नसीब होती थी। बालक जयसिंह में प्रारंभ से ही नेतृत्व के गुण थे। 1980 में जब जयसिंह कक्षा 11वीं में पहुंचे तो, उस साल महाविद्यालयों के साथ ही विद्यालयों में भी छात्र संघ के चुनाव हुए। जयसिंह ने चुनाव लड़ा और छात्र संघ के अध्यक्ष बन गए। अध्यक्ष बनते ही जयसिंह बेंच-डेस्क की व्यवस्था में जुट गए और इसका प्रबंध भी कर लिया। इतना ही नहीं सांसद भारद्वाज से मिलकर मिडिल स्कूल के लिए तीन कमरे भी बनवा दिए। वर्ष 2018 के चुनाव में जयसिंह अग्रवाल तीसरे बार विधायक चुने गए और पार्टी के सत्ता में आने पर वे राजस्व व आपदा प्रबंधन मंत्री बने, तब उन्होंने स्कूल के लिए कुछ बड़ा काम करने की सोची। यह सोच दो मंजिला स्कूल भवन निर्माण करने के रूप में सामने आई।
भव्य भवन बनवा कर संतुष्टि मिली : जयसिंह
अपने उस दशकों पुराने सपने को साकार रूप दे चुके राजस्व व आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि जिस स्कूल से मैंने पढ़ाई की और छात्र संघ के जरिए राजनीति का सफर शुरू किया, उस स्कूल के लिए एक भव्य भवन बनवा कर मुझे बेहद संतुष्टि मिली है। कोरबा का हर क्षेत्र में विकास हो, इसका प्रयास किया गया है। हमारी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम किया है। स्वामी आत्मानंद विद्यालय इसका एक बड़ा उदाहरण है। जयसिंह अग्रवाल में इस स्कूल से इतना लगाव था कि जब वे सक्रिय राजनीति में आए और 1996 में साडा अध्यक्ष बने तब भी उन्होंने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कोरबा में कई काम कराए। 2008 में कोरबा विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। जयसिंह अग्रवाल पहले विधायक चुने गए। उन्होंने विधायक मद से काम कराने के लिए अपने स्कूल की सुध ली। 2015 में जब पत्नी रेणु महापौर बनीं तब इस स्कूल में कमरे और हॉल का निर्माण करवाया।
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