बीते दिनों एक ऐसी घटना पेश आई, जिसने हर किसी को हैरान करके रख दिया। यहां ग्रेटर नोएडा में एक महिला की पिछले दिनों मौत हो गई। पता चला कि उसकी मौत रेबीज से हुई थी, जो उसे गाय का दूध पीने से हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह महिला जिस गाय का दूध पिया करती थी, उसे एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था, जिससे वह रेबीज से संक्रमित हो गई थी।
आसपास के कुछ लोगों ने एहतियातन रेबीज का टीका लगवा लिया था, लेकिन महिला ने कोई सावधानी नहीं बरती. दूध पीने के कुछ दिनों बाद उसमें रेबीज के लक्षण दिखने लगे। जब उसकी हालत बिगड़ी तो परिवार के लोग उसे कई अस्पतालों में लेकर गए, लेकिन हर जगह से उन्हें निराशा हाथ लगी। आखिरकार जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने जवाब दे दिया और उसे घर ले जाने की सलाह दी। घर पहुंचने के कुछ समय बाद ही महिला की मौत हो गई।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि रेबीज से संक्रमित पशु (गाय और भैंस) के दूध में भी रेबीज वायरस हो सकता है। अगर ऐसा दूध बिना उबाले पिया जाता है, तो संक्रमण का खतरा रहता है। रिपोर्ट में ‘बिना उबाले दूध पीना’ रेबीज संक्रमण के जोखिम के अनुसार श्रेणी 1 में रखा गया है। इसी श्रेणी में संक्रमित जानवर द्वारा चाटे जाने, नाक, मुंह, आंखों या जननांगों पर लार लगने और खरोंच के बिना काटे जाने जैसी स्थितियां भी शामिल हैं।
अब जानिए चिकित्सा एक्सपर्ट क्या कहते हैं…,
गंभीर चेतावनी: कच्चा दूध जानलेवा हो सकता है!
(एक दुखद घटना से प्राप्त महत्वपूर्ण सबक)
🔍 हालिया घटना:
ग्रेटर नोएडा में एक महिला की मृत्यु रेबीज संक्रमित गाय के कच्चे दूध के सेवन से हुई। यह गाय एक आवारा कुत्ते के काटने से संक्रमित हुई थी।
⚠️ कच्चे दूध में मौजूद प्रमुख खतरे:
• रेबीज वायरस
• टीबी (क्षय रोग) के जीवाणु
• साल्मोनेला संक्रमण
• ई.कोली बैक्टीरिया
• लिस्टीरिया (गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष खतरनाक)
✅ सुरक्षित रहने के उपाय:
✔ दूध को कम से कम 10 मिनट तक पूरी तरह उबालें (100°C तक)
✔ उबले हुए दूध को साफ, बंद बर्तन में रखें
✔ दूध खरीदते समय विक्रेता से पशुओं के टीकाकरण के बारे में पूछें
✔ बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए
✔ असामान्य लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
❌ सख्त मना:
✖ कभी भी बिना उबाला दूध न पिएं
✖ खराब हुए या बासी दूध का उपयोग न करें
✖ संक्रमित पशुओं का दूध न पिएं
✖ केवल गर्म किए हुए दूध को सुरक्षित न समझें
📌 याद रखें: “दूध को उबालना कोई विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यक सुरक्षा उपाय है”
🔗 स्रोत:
• विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
• भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR)
• खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (FSSAI)
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