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Korba कलेक्ट्रेट पहुंचे कुछ पलकों ने DPS NTPC कोरबा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा से लिखित में शिकायत की है। उनका आरोप है कि DPS NTPC स्कूल प्रबंधन ने उनसे उनके बच्चों की पढ़ाई जारी रखने 1 लाख रुपए के डोनेशन की मांग की है। कारण यह बताया जा रहा है कि बच्चे परीक्षा में फेल हो गए। डोनेशन देने से इंकार की स्थिति में टीसी काट देने की धमकी दिए जाने के आरोप भी लगाए गए हैं। गंभीर बात यह है कि फेल हुए बच्चों का दाखिला RTE कोटे के तहत किया गया था।
News – theValleygraph.com
कोरबा। डीपीएस स्कूल (Delhi Public School) एनटीपीसी कोरबा प्रबंधन पर आरटीई के तहत अध्ययनरत स्टूडेंट को एक-दो विषय में फेल होने पर टीसी निकालने की धमकी देने और पढ़ाई जारी रखने के लिए 1 लाख रुपए के डोनेशन की मांग किए जाने का गंभीर आरोप लगा है। पीड़ित अभिभावकों ने प्रबंधन की इस मनमानी के खिलाफ शुक्रवार को कलेक्टोरेट पहुंचकर कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी से लिखित में शिकायत की है।
शासन ने आर्थिक रूप से कमजोर और अभाव ग्रस्त वर्ग के बच्चों को भी बड़े निजी स्कूलों में अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम 2009 के तहत योजना बनाई है। RTE के तहत पात्रता रखने वाले बच्चों को चयनित स्कूलों में कुल सीटों के 25 प्रतिशत सीटों पर निःशुल्क दाखिले की व्यवस्था दी जाती है। शासन ने योजना में कक्षा 12वीं तक निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान तो सुनिश्चित कर दिया है, लेकिन विभिन्न निजी स्कूलों में जिम्मेदार अधिकारियों का सतत निरीक्षण नहीं होने की वजह से गरीब परिवार से आरटीई कोटे में प्रवेशित बच्चों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार की शिकायत लगातार मिलती रही है। ऐसा ही एक और मामला शुक्रवार को कलेक्टोरेट में सामने आया। जहाँ डीपीएस एनटीपीसी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ अभिभावक गंभीर शिकायत लेकर पहुंचे थे। इंदिरा नगर जमनीपाली से पहुंचे अभिवावक राम पूजन यादव समेत अन्य ने बताया है कि उनके बीपीएल वर्ग के बच्चे शासन के निःशुल्क और बाल अनिवार्य शिक्षा के अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत
डीपीएस एनटीपीसी स्कूल में आरटीई कोटे में अध्ययनरत हैं। जिनकी पढ़ाई का पूरा खर्च शासन वहन करती है।लेकिन उनके कक्षा पहली से लेकर आठवीं कक्षा में अध्ययनरत कुछ बच्चे जो एक दो विषय में कम अंक आने पर पूरक हो गए हैं ,उन्हें पूरक का कोई प्रावधान नहीं है कहकर टीसी देने की धमकी दी जा रही है। विद्यालय में दोबारा प्रवेश पर 1 लाख रुपए के डोनेशन की मांग की जा रही है।
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पालकों ने कहा कि उनकी गुजारिश सुनना तो दूर DPS NTPC के प्राचार्य ने मिलने तक का वक्त नहीं दिया
न्यूज नेटवर्क “हसदेव एक्सप्रेस” के समक्ष दी गई बाइट में पीड़ित अभिभावकों ने बताया कि उन्होंने विद्यालय के प्राचार्य सतीश शर्मा से मिलकर अपनी बात रखने की गुजारिश की। लेकिन उन्होंने आरटीई के तहत अध्ययनरत छात्रों के अभिभावकों की गुजारिश सुनना तो दूर मिलना भी मुनासिब नहीं समझा। बहरहाल डीईओ ने सभी परेशान पीड़ित अभिभावकों को आश्वस्त किया है, उनके बच्चे फैल नहीं किए जाएंगे और न ही उन्हें निकाला जाएगा। मामले में फिलहाल डीपीएस एनटीपीसी स्कूल प्रबंधन का पक्ष नहीं आ सका है। लंबे अर्से बाद जिले में किसी नामचीन स्कूल के खिलाफ अभिभावकों की लिखित शिकायत आई है जिसने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। आने वाले समय मे जिला प्रशासन शिक्षा-विभाग ऐसी शिकायतों की पुनरावृत्ति रोकने कड़े कदम उठा सकती है।
DEO ने कहा – नहीं निकाले जाएंगे बच्चे
अभिभावकों की लिखित शिकायत आई है। हमने उन्हें आश्वस्त किया है कि किसी भी बच्चे को नहीं निकाला जाएगा।
– TP उपाध्याय, जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा
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