अगर आपके पास अपना घर नहीं है, तो यह स्कीम आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। इसका लाभ लेकर अपने खुद के आशियाने का सपना पूरा कर सकते हैं। मोदी सरकार ने 8 लाख के होम लोन पर 4% ब्याज सब्सिडी की राहत देकर घर बनाने के लिए सहायता करने तैयार है। इस योजना का फायदा उठाने पात्रता के नियम यहां विस्तार से बताए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0 के तहत सरकार लाभार्थियों को होम लोन पर ब्याज सब्सिडी दे रही है। यह राहत सरकार की ब्याज सब्सिडी योजना के तहत दी जाती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0 के तहत सरकार लाभार्थियों को होम लोन पर ब्याज सब्सिडी दे रही है। यह राहत सरकार की ब्याज सब्सिडी योजना के तहत दी जाती है।
हर किसी का घर बनाने का सपना होता है। इसे साकार करना इतना भी आसान नहीं है। आपके घर के सपने को साकार करने में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार मदद करेगी। दरअसल, प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0 के तहत सरकार लाभार्थियों को होम लोन पर ब्याज सब्सिडी दे रही है। आइए स्कीम के बारे में डिटेल जान लेते हैं।
इस योजना में सरकार ब्याज सब्सिडी सुविधा के तहत लाभार्थियों को होम लोन पर राहत देती है। यह लाभ EWS/LIG और MIG परिवारों के लिए होम लोन पर सब्सिडी का लाभ प्रदान करेगा। रुपए 35 लाख तक की कीमत वाले मकान के लिए 25 लाख तक का होम लोन लेने वाले लाभार्थी को छूट मिलती है। ऐसे लाभार्थी 12 वर्ष की अवधि तक के पहले 8 लाख रुपये के लोन पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी के पात्र होंगे। पात्र लाभार्थियों को 5-वार्षिक किश्तों में पुश बटन के माध्यम से रुपए 1.80 लाख की सब्सिडी जारी की जाएगी। लाभार्थी वेबसाइट, ओटीपी या स्मार्ट कार्ड के जरिए अपने खाते की जानकारी ले सकते हैं।
इन्हें मिलेगी पात्रता
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) / निम्न आय वर्ग (एलआईजी)/मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) परिवार के लोग इसके लिए पात्र हैं। ऐसे लोगों के पास देश में कहीं भी अपना कोई पक्का घर नहीं होना चाहिए। बता दें कि 3 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में रखा गया है। इसके अलावा 3 लाख से 6 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को एलआईजी और 6 लाख से 9 लाख रुपये तक वार्षिक आय वाले परिवारों को एमआईजी के रूप में परिभाषित किया गया है।
पीएमएवाई-यू 2.0 के लिए चार घटक हैं
(ई) लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी)
(आईआई) भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी)
(आईआईआई) किफायती किराये के आवास (एआरएच)
(आईवी) ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस)
आपको बता दें कि पीएमएवाई-यू 2.0 के बीएलसी, एएचपी और एआरएच घटकों को केंद्रीय प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जाएगा जबकि ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस) घटक को केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में लागू किया जाएगा। लाभार्थी योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने को चारों घटकों में से अपनी पात्रता और पसंद के अनुसार एक घटक का चुनाव कर सकते हैं।