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चरित्र संदेह का झूठा आरोप, युवक को खुदकुशी के लिए दुष्प्रेरित करने वाले को दस साल का सश्रम कारावास

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अपनी पत्नी पर चरित्र संदेह करने वाले ने झूठा आरोप लगाते हुए उसे एक युवक के घर छोड़ दिया। इस बात से दुखी होकर युवक ने खुदकुशी कर ली थी। मामले में तीन साल तक सुनवाई चली, जिसके बाद प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय ने फैसला करते हुए खुदकुशी के लिए दुष्प्रेरित करने वाले को दस साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।


कटघोरा/कोरबा। पति ने चरित्र संदेह होने पर झूठा आरोप लगाते हुए अपनी पत्नी को युवक के घर छोड़ दिया। उससे गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी भी दी। उसके कृत्य से हताश होकर युवक ने आत्महत्या कर ली। मामले में तीन साल तक सुनवाई चलती रही। आखिरकार आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के दोषसिद्ध होने पर दोषी को दस साल सश्रम कारावास से दंडित किया गया है। यह फैसला प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय ने दिया है। अतिरिक्त लोक अभियोजक कटघोरा संजय जायसवाल ने बताया कि घटना 23 अप्रैल 2021 को पसान थाना क्षेत्र बिलासपुर पारा तनेरा में घटित हुई थी। यहां रहने वाला निरंजन खुसरो अपनी पत्नि को लेकर जगतपाल उर्फ बबलू के घर पहुंच गया। उसने झूठा आरोप लगाते हुए जगतपाल से गाली गलौज की, उसे जान से मारने की धमकी भी दी। वह पत्नी को जगतपाल के घर छोड़कर घर चला गया। निरंजन के इस कृत्य से दुखी जगतपाल ने जान देने की ठान ली। उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मामले में पुलिस ने जांच उपरांत निरंजन खुसरों के खिलाफ धारा 294, 506, 323, 452, 306 का प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की थी। मामले की सुनवाई प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मधु तिवारी के न्यायालय में चल रही थी। सुनवाई के दौरान आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य और सबूत पेश किया गया। जिससे आरोपी के खिलाफ दोषसिद्ध हो गया। न्यायालय ने दोषसिद्ध होने पर दोषी को दस साल सश्रम कारावास व पांच हजार अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा नही करने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी।

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