करतला के खंड चिकित्सा अधिकारी (BMO) ने डॉ. प्रदीप सिंह कश्यप (बी.ए.एम.एस) को सुरुचि क्लीनिक के नाम से संचालित अस्पताल संचालन के संबंध में लायसेंस व आवश्यक सभी दस्तावेज के साथ जांच हेतु उपस्थिति होने पत्र जारी किया है। पिछले माह एक औचक निरीक्षण में पता चला कि यह क्लिनिक चलाया जा रहा है। विकासखण्ड स्तरीय दल द्वारा सुरुची क्लीनिक ईमलीभाठा सरगबुंदिया का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान यहां मरीजों का ईलाज करते पाया गया तथा अन्य कक्ष में जांच उपकरण व दवाईयां के साथ एक महिला को आर.एल का बाटल लगाया गया था। बीएमओ ने इस संबंध में अस्पताल संचालन हेतु लायसेंस व आवश्यक सभी दस्तावेज के साथ तीन दिवस भीतर उपस्थित होकर जांच कराने कहा है।
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कोरबा। यह मामला खण्ड चिकित्सा अधिकारी करतला अंतर्गत ग्राम इमलीभांठा (सरगबुंदिया) का है जहां सुरुचि क्लीनिक नाम का एक उपचार केंद्र चलाया जाता हैं। यहां के डॉक्टर प्रदीप सिंह कश्यप बीएएमएस (आयुर्वेद) की डिग्री लेकर एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति से उपचार करते है। बताया जाता है कि प्रदीप सिंह कश्यप एक मकान में निजी क्लीनिक का संचालक करते है जिसमें 10 से ज्यादा स्टाफ भी कार्यरत है।
अवैध रूप से क्लीनिक संचालक का मामला करतला के खण्ड चिकित्सा अधिकारी पहुंचा जहां से डॉ.प्रदीप सिंह कश्यप को आवश्यक दस्तावेज एवं लायसेंस संबंधित दस्तावेज मांगे गए थे जिसका जवाब देने ने सक्षम नहीं रहे और कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया है।
उच्च अधिकारियों के निर्देश पर होगी कार्यवाही : BMO
मामले में खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. रश्मि सिंह ने बताया कि डॉ प्रदीप सिंह कश्यप आयुर्वेदिक चिकित्सक है उन्हें एलोपैथिक उपचार का अधिकार नहीं है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच टीम गठित कर उच्च अधिकारियों से प्राप्त निर्देशों के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।