संत कबीर आश्रम में एक दिवसीय सत्संग समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा की अध्यक्ष श्रीमती सोनी कुमारी झा एवं विशिष्ट अतिथि विकास झा प्रदेश कोषाध्यक्ष भाजयुमो छत्तीसगढ़ शामिल हुए।
कोरबा। जिले के नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा अन्तर्गत एसईसीएल अस्पताल रोड कबीर आश्रम में चैत्र पूर्णिमा के शुभ अवसर पर एक दिवसीय सत्संग समारोह का आयोजन किया गया । इस अवसर नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा के नवनिर्वाचित प्रथम अध्यक्ष श्रीमती सोनी कुमारी झा, विशिष्ट अतिथि विकास झा प्रदेश कोषाध्यक्ष भाजयुमो छत्तीसगढ़ शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत सतगुरु कबीर साहेब जी के छायाचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात संत कबीर, समाज के प्रमुखों व सदस्यों ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट सहित कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का पुष्प गुच्छ व माला से स्वागत किया गया। कार्यक्रम में मंच संचालन कबीर आश्रम बांकीमोंगरा के प्रमुख अमरु दास महंत के द्वारा किया गया। स्वागत कार्यक्रम के बाद समाज के प्रमुखों व अतिथियों ने कार्यक्रम को लेकर संबोधित किया एवं सतगुरु कबीर साहेब जी के जीवनी बताया गया। पालिका अध्यक्ष श्रीमती सोनी कुमारी झा ने संबोधन में कहा कि आप सभी के आशीर्वाद से मैं नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा की प्रथम नवनिर्वाचित अध्यक्ष बन सकी हूं, इसके लिए मैं पूरे समाज का हृदय से धन्यवाद देती हूं कि आपने मुझे आशीर्वाद दिया। जिस प्रकार सदगुरु कबीर दास जी ने समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते थे मैं भी उन्हीं की तरह सेवा करने का प्रयास करूंगी। सतगुरु कबीर दास जी का जीवन और उनकी शिक्षाएं हमें समाज में व्याप्त अंधविश्वास , जातिवाद और पाखंड से मुक्ति दिलाने का मार्ग दिखाती है। उनका जीवन साधारण और सच्चाई का प्रतिमान था जिन्होंने अपने दोहा और भजनों के माध्यम से समाज में व्याप्त अंधविश्वास, जातिवाद और पाखंड का विरोध किया । कबीर जी का मानना था कि ईश्वर का निवास किसी मूर्ति में नहीं बल्कि हर जीव के हृदय में होता है।
“बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर, पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर” अर्थात इसमें कबीर जी ने सिखाया है कि केवल बड़ा होना महत्वपूर्ण नहीं है , बल्कि दूसरों की सेवा और भलाई करना महत्वपूर्ण है। यह हमें सच्ची विनम्रता और सेवा भाव का पाठ पढ़ाता है। संत कबीर दास जी का जीवन और उनकी वाणी हमें यह सिखाती है कि हम चाहे किसी भी धर्म जाति या संप्रदाय से हो हमें एक दूसरे के प्रति प्रेम और सम्मान का भाव रखना चाहिए । उनके विचार हमें सच्ची मानवता का मार्ग दिखाते हैं और हमें यह प्रेरणा देते हैं कि हम समाज में एकता और भाईचारा का स्थापित करें । आइये हम सब मिलकर सतगुरु कबीर दास जी के विचारों को अपने जीवन में उतारें और उनके संदेश को समाज में फैलाएं यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी । इस कार्यक्रम में आप सब ने मुझे यहां आमंत्रित किया , मेरा सम्मान किया , जिसके लिए मैं हृदय से आप सभी का आभारी हूं और समाज के प्रति हमेशा अपने कर्तव्य को पूरा करूंगी । वहीं विशिष्ट अतिथि विकास झा ने कहा कि सतगुरु कबीर दास जी एक महान संत और कवि थे , जिन्होंने 15वीं शताब्दी में भारत में भक्ति आंदोलन को बढ़ावा दिया । उनका जीवन और शिक्षाएं आज भी प्रेणना का स्त्रोत है । आज की कार्यक्रम में समाज के प्रमुखों ने हम सबको यहां आमंत्रित किये जिसके लिए धन्यवाद और आभार । कार्यक्रम के दौरान समाज प्रमुखों ने बांकीमोंगरा कबीर आश्रम में कुछ कमियों को लेकर ज्ञापन सौंपते हुए अवगत कराया जहां विकास झा ने कहा कि आप सबके मांगों को प्रदेश के मुखिया और उच्च अधिकारियों को अवगत कराते हुए समाधान करने की आश्वासन दिया । कबीर आश्रम में प्रमुख मांगे इस प्रकार है – मंच निर्माण , सौंदर्यकरण , पेयजल । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नगर पालिका परिषद बांकीमोंगरा अध्यक्ष श्रीमती सोनी कुमारी झा , विशिष्ट अतिथि विकास झा प्रदेश कोषाध्यक्ष भाजयुमो छत्तीसगढ़ के साथ सतीश झा , बबलू डहरिया , अश्वनी साहु , मुकेश झा एवं मानिकपुरी पनिका समाज के प्रमुख , महिलाएं , पुरुष उपस्थित थे । अंत में समाज के प्रमुखों व युवाओं ने मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों का साल व श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया।