प्रकृति के बिना मानव जाति का अस्तित्व असंभव, बच्चों के लिए यह समझना जरूरी है : डॉ फरहाना अली

Share Now

कोरबा। शासकीय हाई स्कूल एवं मिडिल स्कूल स्याहीमुड़ी के भुइयाँ ईको क्लब के छात्रों के एक समूह को विद्यालय के शिक्षकों, विज्ञान सभा कोरबा के पदाधिकारियों निधि सिंह संयुक्त सचिव , दिनेश कुमार वनस्पति विशेषज्ञ एवम सचिव कोरबा इकाई , देव नारायण और लीला प्रसाद अघरिया विज्ञान सभा के वैध राज के साथ अजगरबहार में स्थित रानीझरिया में नेचर कैम्प के लिए ले जाया गया। प्राचार्य डॉ फ़रहाना अली ने बताया कि नेचर कैम्प बच्चों को प्रकृति के बारे में ज्ञान और अनुभव प्रदान करते हैं। उन्हें पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाते हैं और उसमें पर्यावरण संरक्षण के प्रति ज़िम्मेदारी की भावना पैदा करते हैं । उन्होंने बताया कि प्रकृति के बिना मानव जाति का अस्तित्व असंभव है और बच्चों को यह समझने की आवश्यकता है। ईको क्लब प्रभारी पुष्पा बघेल ने कहा कि प्राचीन, शांत और शांतिपूर्ण प्राकृतिक स्थलों पर नेचर कैम्प लगाना बच्चों को प्रकृति के क़रीब लाता है ।यह गतिविधि न केवल तनाव दूर करने के लिए है बल्कि दिलचस्प वैज्ञानिक अभियानों को भी बढ़ावा देती है। इस अवसर पर विद्यार्थियों को पक्षी दर्शन, वन्यजीव अवलोकन और प्रकृति की सैर कराई। विद्यार्थियों को दसदस के पाँच समूहों में बांटकर विभिन्न गतिविधियां कराई गई। शतावर समूह की ग्रुप लीडर लक्ष्मी चौहान एवं प्रभारी पुष्पा बघेल ने क्षेत्र के औषधीय पौधों के बारे में जानकारी एकत्र की ।साजा समूह के ग्रुप लीडर पीयूष मंझवार एवं प्रभारी सरोजनी ऊइके ने इमारती लकड़ियों के पौधों को पहचानकर जानकारी एकत्र की। तितली समूह की ग्रुप लीडर संध्या कुशवाह व प्रभारी मोनिका शर्मा ने सदस्यों के साथ मिलकर वहाँ पायी जाने वाली विभिन्न तितलियों एवं पतंगों की प्रजातियों की जानकारी एकत्र की ।रानी झरिया समूह की ग्रुप लीडर जाह्नवी खान्डे व प्रभारी निधि सिंह के साथ क्षेत्र में होने वाले प्रदूषण का कारण, प्रदूषक का प्रकार के बारे में जानकारी एकत्र की ।अमृत समूह के ग्रुप लीडर इन्द्रकुमार ने प्रभारी दिनेश कुमार के साथ मिलकर प्राकृतिक जल स्रोत का उद्गम, उसका इतिहास व संरक्षण के बारे में जानकारी एकत्र की ।बच्चों ने रास्ते में पड़ने वाले पुटका पहाड़ की तराई में कोशम नाला के किनारे 40 से अधिक औषधीय पौधे जिनमें कालमेघ, शतावर, अनंत मूल, भेलवा, मंडूकपर्णी, ब्रह्ममी,लोध , धातकी, बचा, काली मूसली, जैसे ४० से अधिक औषधीय पौधों को प्रत्यक्ष रूप से देखा व पहचान किया तथा उनकी औषधि गुणो को जाना। राजकीय वृक्ष साल,साजा, सलाई, धोड़ा, महुआ, कोशम, बीजा, जामुन जैसे महत्वपूर्ण इमरती लकड़ियों वाले पौधों की भी पहचान की। इसके अतिरिक्त बच्चों के द्वारा विभिन्न प्रकार के वर्षा जल संरक्षण हेतु बनाए जाने वाले सीसीटी, वॉट, चेक बंड जैसे संरचना के बारे में भी समझा व झरने का आनंद लिया।सभी ने झरने के पास और जंगल में पर्यटकों द्वारा फैलाए गए कचरे की सफ़ाई की और प्लास्टिक का उपयोग ना करने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने की शपथ ली ।व्याख्याता सरोजिनी उईके, मोनिका शर्मा ने शिविर को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया ।


Share Now
Aakash Pandey

Recent Posts

BALCO की सर्कुलर इकोनॉमी से नवनिर्माण को नई राह, पर्यावरण की देखभाल के साथ फ्लाई ऐश से फ्लैट तक स्थानीय समुदाय व सूक्ष्म उद्योगों को सशक्त बनाने की पहल

बालकोनगर(8 अगस्त 2025)। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (BALCO) सर्कुलर इकोनॉमी को…

11 hours ago

करीब साढ़े 6 घंटे लेट आई लिंक एक्सप्रेस, क्योंकि ट्रैक पर अचानक आ गिरा था पत्थर, पायलट ने आपात ब्रेक लगाकर टाला बड़ा हादसा

शुक्रवार को विशाखापत्तनम से कोरबा लौट रही लिंक एक्सप्रेस करीब साढ़े 6 घंटे लेट से…

12 hours ago

3 माह के भीतर अपने घर में रूफटॉप सोलर प्लांट लगवाएं बिजलीकर्मी, नहीं तो बिजली बिल में विशेष रियायत रद्द

परंपरागत बिजली की बचत, सूर्य की मुक्त व नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा एवं…

13 hours ago

रक्षाबंधन पर ‘बहिनी मन संग राखी के तिहार’ का आयोजन, मंत्री लखन ने कोरबा की बहनों को भेजा आमंत्रण

कोरबा नगर विधायक और उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने दी रक्षाबंधन की…

14 hours ago

ओंकारेश्वर की बेटी आद्रिका सिंह ने बढ़ाया मान, इनलाइन स्केटिंग में जिला चैंपियन बन राज्य स्तर के लिए चयनित

ओंकारेश्वर नगर के लिए गर्व का क्षण तब आया, जब यहाँ की होनहार बालिका आद्रिका…

23 hours ago