कोरबा में भाजयुमो का ओजस्वी प्रदर्शन, कांग्रेस दफ्तर घेरा, राहुल गांधी का पुतला फूंक कर जताया विरोध


कोरबा। नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद देशभर में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने हैं। जहां कांग्रेस “लोकतंत्र बचाओ” अभियान के तहत ईडी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है, वहीं भाजपा युवा मोर्चा (भाजयुमो) इसका जवाब आक्रामक विरोध के रूप में दे रहा है।

इसी क्रम में 18 अप्रैल 2025 को कोरबा जिले में भाजयुमो के नेतृत्व में एक विशाल रैली और प्रदर्शन का आयोजन किया गया। यह विरोध प्रदर्शन सुबह 11 बजे टीपी नगर चौक से प्रारंभ हुआ, जहां से रैली के रूप में कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस कार्यालय की ओर कूच किया। प्रदर्शनकारियों ने “राहुल गांधी मुर्दाबाद”, “सोनिया गांधी मुर्दाबाद” जैसे गगनभेदी नारों के साथ कांग्रेस कार्यालय का घेराव किया और राहुल गांधी का पुतला दहन कर विरोध दर्ज कराया।

विरोध में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता शामिल

इस प्रदर्शन में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी रही। इनमें प्रमुख रूप से भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज शर्मा, कोरबा नगर निगम की महापौर श्रीमती संजू देवी राजपूत, भाजयुमो जिलाध्यक्ष पंकज सोनी, भाजपा पार्षद एवं जिला महामंत्री नरेंद्र देवांगन, अनूप यादव, पूर्व मंडल अध्यक्ष अजय विश्वकर्मा, भाजपा मंडल अध्यक्ष योगेश मिश्रा, दिलेन्द्र यादव, भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुभाष, अविनाश, प्रीति शामिल रहे।

भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष: रंजू, दिव्यांश, अनुराग अन्य प्रमुख कार्यकर्ता: बृजेश यादव, दीनदयाल, राजा, बंटी साहू, पिंकू रंजन, मोंटी पटेल, पार्षद पंकज देवांगन, ईश्वर पटेल, मंगल राम, स्वाति कश्यप, अर्चना रूनिझा, चंदन सिंह, श्याम साहू सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।इन सभी ने कार्यक्रम को संबोधित किया और कांग्रेस नेतृत्व पर तीखा हमला बोला। सभी नेताओं ने एक स्वर में कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए और गांधी परिवार को कटघरे में खड़ा किया।

क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?

1937 में पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) द्वारा ‘नेशनल हेराल्ड’, ‘नवजीवन’, और ‘कौमी आवाज़’ जैसे समाचार पत्र प्रकाशित किए जाते थे। 2008 में आर्थिक संकट के चलते यह बंद हो गया और कांग्रेस ने इसे 90 करोड़ रुपये का कर्ज़ दिया।

2010 में बनी यंग इंडिया लिमिटेड, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी है, ने मात्र 50 लाख रुपये में AJL का अधिग्रहण कर लिया। आरोप है कि कांग्रेस पार्टी के दान और चंदे से मिली रकम का दुरुपयोग निजी लाभ के लिए किया गया, जिससे गांधी परिवार को सीधा आर्थिक फायदा हुआ।

भाजयुमो का आरोप

भाजयुमो का कहना है कि कांग्रेस “लोकतंत्र बचाओ” की आड़ में ईडी की कार्रवाई से जनता का ध्यान भटका रही है। जबकि वास्तव में यह एक बड़ा आर्थिक अपराध है, जिसे अब जनता के सामने लाना जरूरी हो गया है। भाजयुमो का दावा है कि उनका यह प्रदर्शन गांधी परिवार की कथित आर्थिक अनियमितताओं के खिलाफ जनता की आवाज़ है।


रैली और प्रदर्शन की पूरी व्यवस्था भाजयुमो द्वारा की गई थी। कार्यकर्ताओं के लिए शीतल पेय, जलपान की व्यवस्था की गई थी। समय पालन पर विशेष ध्यान दिया गया। बैरिकेड्स तोड़कर कांग्रेस कार्यालय तक पहुंचे कार्यकर्ताओं ने वहां जमकर प्रदर्शन किया और पुतला दहन कर रोष प्रकट किया।


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