स्याहीमुड़ी हाईस्कूल में भुईयां इको क्लब क्लब ने मनाया विश्व ओजोन दिवस
कोरबा(thevalleygraph.com)। गर्मी, बारिश और सर्दी की सीधी मार हम पर पढ़ने से जिस प्रकार घर की छत हमें हर समस्या से बचाती है, ठीक वैसे ही ओजोन लेयर भी हमारी पृथ्वी को सोलर रेडिएशन से बचने का काम करती है। हमारे जीवन में ओजोन परत के महत्व को समझने और समझाने के लिए हर साल अंतर्राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस अर्थात वर्ल्ड ओजोन डे मनाया जाता है। शासकीय हाई स्कूल स्याहीमूड़ी में भी विश्व ओजोन दिवस भुईयाँ इको क्लब के बैनर तले मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्राचार्य डॉक्टर फरहाना अली ने बताया कि ओजोन परत ऊपरी वायुमंडल में पाया जाने वाला एक क्षेत्र है, जिसे समताप मंडल कहा जाता है। सूर्य के प्रकाश की किरणें सात रंगों से बनी होती है। इनमें से पराबैंगनी किरणें यदि सीधे रूप से पृथ्वी पर पहुंचती है, तो मानव जीवन को नुकसान पहुंचाती हैं। इन पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी को बचाने हमें एक छाता जैसी परत की आवश्यकता है, पृथ्वी से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर ऐसे ही परत ओजोन की परत है जो हमें हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाती है। यह ओजोन परत हमें स्किन कैंसर, त्वचा में जलन, आंखों में जलन, स्नो ब्लाइंडनेस जैसी गंभीर बीमारियों से बचाती है। संयुक्त राष्ट्र की महासभा में 16 सितंबर 1994 से वर्ष अनुसार अलग-अलग थीम पर अंतर्राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस मनाने घोषित किया गया। इस वर्ष 2023 का विषय है, ओजोन परत को ठीक करना और जलवायु परिवर्तन को कम करना। बढ़ते प्रदूषण के कारण ओजोन परत तो क्षय ही रही है साथ ही मौसम चक्र में भी परिवर्तन हो रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार हेलो कार्बन नामक रसायन की मात्रा ओजोन परत को ज्यादा मात्रा में नुकसान पहुंचा रही है। हेलो कार्बन में कई हैलोजन परमाणु आपस में जुड़े होते हैं। हैलोजन परमाणु में क्लोरीन, आयोडीन, ब्रोमीन होता है, जिसमें काफी मात्रा में ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने की क्षमता होती है। इको क्लब प्रभारी प्रभा साव व पुष्पा बघेल के निर्देशन में विश्व ओजोन दिवस के अवसर पर विद्यालय में जागरूकता रैली, स्लोगन, चित्रकला, निबंध, भाषण व ओपन क्विज प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें स्लोगन में प्रथम शशांक, द्वितीय लक्ष्मी, तृतीय आरती, मंदाकिनी रही। चित्रकला में प्रथम कुमारी आरती, द्वितीय मुस्कान ध्रुव, तृतीय मुकेश, लक्ष्मी रही। भाषण में प्रथम पीयूष, द्वितीय लक्ष्मी, तृतीय रामनारायण रहे। व्याख्याता प्रभा साव ने बताया कि जिस प्रकार पृथ्वी पर सूर्य के प्रकाश के बिना जीवन संभव नहीं है, उसी प्रकार ओजोन परत के बिना पृथ्वी पर जीना संभव नहीं है। ओजोन परत के क्षय होने का प्रमुख कारण पर्यावरण में हानिकारक रसायनों का उत्सर्जन, बढ़ता औद्योगिकरण व अंधाधुंध पेड़ों की कटाई है। इसकी रोकथाम हेतु हमें सर्वप्रथम जागरूकता फैलानी होगी व अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना होगा। पुष्पा बघेल ने बताया कि तीन आॅक्सीजन परमाणुओं से मिलकर बना है ओजोन। ओजोन परत संरक्षण दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य ओजोन परत के संरक्षण जैसे हैलोजन परमाणु से बने पदार्थ जैसे फ्रीज, एसी, परफ्यूम स्प्रे, आॅटोमोबाइल आदि का कम से कम उपयोग करना व इनके सरंक्षण हेतु लोगों में जागरूकता फैलानी है। कार्यक्रम को सफल बनाने में व्याख्याता प्रभा गुप्ता, सरोजनी उईके, तनुप्रिया देवांगन ने सहयोग किया।
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