कोरबा। शनिवार की दोपहर बिलासपुर से कोरबा आकर गेवरारोड के लिए निकली मेमू लोकल रेलवे स्टेशन की बजाय कहीं और पहुंच गई। यात्रियों को लेकर यह ट्रेन स्टेशन की जगह धड़घड़ाते हुए रेलवे के कोयला लोडिंग प्वाइंट पर चली गई। सूत्रों के अनुसार लाइन क्लीयरेंस को लेकर किसी प्रकार की त्रुटि के चलते ऐसा हुआ और इस घटना के लिए जिम्मेदारी तय करते हुए रेल प्रशासन द्वारा स्टेशन मास्टर को सस्पेंड कर दिए जाने की खबर भी आ रही है।
इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। मामले की पुष्टि के लिए द वैलीग्राफ द्वारा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के डीसीएम अनुराग कुमार सिंह को काॅल किया गया, लेकिन किसी वजह से उनसे संपर्क नहीं हो सका।
रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुबह दस बजे की मेमू लोकल बिलासपुर से छूटकर सुबह करीब साढ़े 11 बजे कोरबा पहुंचती है और कोरबा से गेवरा के लिए रवाना होती। यही ट्रेन गेवरा से एक बजकर दस मिनट पर छूटकर कोरबा आती है और कोरबा से दोपहर डेढ़ बजे बिलासपुर के लिए रवाना होती है। शनिवार की सुबह जब यह ट्रेन कोरबा से गेवरारोड रेलवे स्टेशन के लिए निकली, तो गेवरा स्टेशन की बजाय कमका साइडिंग (न्यू कुसमुंडा कोल लोडिंग प्वाइंट) में घुस गई। कोरबा व गेवरा स्टेशन के बीच न्यू कुसमुंडा साइडिंग को ही कमका साइडिंग कहा जाता है, जहां कुल 11 रेल लाइन है, जहाँ सेलो के माध्यम से मालगाड़ियों में कोयला लदान होता है। अचानक रेलवे स्टेशन की बजाय कोयला साइडिंग में ट्रेन के घुस आने से महकमें में हड़कंप मच गया और जानकारी होने पर आला अफसर हरकत में आए। इस घटना के लिए फिलहाल एक स्टेशन मास्टर को सस्पेंड करने की खबर आ रही है, पर वह किस जगह पदस्थ रहे, इसकी जानकारी नहीं मिली है। घटना और निलंबन की कार्यवाही की पुष्टि के लिए रेलवे डीसीएम अनुराग कुमार सिंह और सीपीआरओ बिलासपुर को काॅल किया गया, पर उनसे संपर्क नहीं हो सका।