शहर में तूफानी हवाओं के साथ हुई मूसलाधार बारिश ने आम जनजीवन अस्त व्यक्त कर दिया है। खासकर बिजली आपूर्ति की व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो गई है। शनिवार शाम 3 बजे घरों से बिजली गुल हो गई। कहीं रात के 2 बजे तो कहीं सुबह 5 बजे के बाद बिजली वापस आ सकी। पूरी रात ऊर्जाधानी के लोग, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे अंधेरे और मच्छरों की वजह से परेशान होते रहे।
कोरबा। छत्तीसगढ़ के साथ देश के अनेक राज्यों को रोशन करने ऊर्जानगरी कोरबा पावर हब का तमगा दिया गया है। बावजूद इसके दिया तले अंधेरा की कहावत को चरितार्थ करते हुए कोरबा की आम जनता के घर दिन के समय भी अक्सर अंधेरे में डूब गए है। जिस कोरबा में कोयला और पानी की कोई कमी नहीं है और इन संसाधनों का अनवरत दोहन कर बिजली उत्पादन में साल-दर-साल नए कीर्तिमान गढ़े जा रहे हैं। बावजूद इसके कोरबा की जनता बिजली की बुनियादी सुविधा के लिए परेशानियों से गुजरने विवश है। शहर की विद्युत वितरण कंपनी की व्यवस्था इतनी लाचार हो चली है कि अब लोग इन्वर्टर की ओर रुख कर रहे हैं। विद्युत आपूर्ति सही ढंग से नहीं हो रही है, लाइट गुल होने से परेशान उपभोक्ता अब घर में बैटरी लगाना शुरू कर दिए हैं लेकिन इन्वर्टर और बैटरी भी घंटो बिजली बंद रहे से एक समय के बाद फैल हो जा रहे हैं। जरा सी हवा चली नहीं कि बिजली गुल हो जाती है। अनेक बार तो हवा भी नहीं चलती लेकिन बिजली गुल रहती है। ऐसा आए दिन हो रहा है। मौसम की बेरुखी से भड़कती उमस में पसीने से तरबतर लोगों को रात में भी घंटो बिजली नहीं मिल रही।