छत्तीसगढ़

झील में गोता लगाते, मछलियों के पीछे यहां-वहां भागते वक्त कई बार सांप की तरह दिखते हैं खूबसूरत Snake Bird

Share Now

विश्व प्रवासी पक्षी दिवस पर आईआईटी गुवाहाटी में रिसर्च स्काॅलर व कोरबा की बिटिया रेखा शर्मा ने अपने कलेक्शन से साझा की प्रवासी पक्षियों की खूबसूरत तस्वीरें, कोरबा की पूर्व सहायक प्राध्यापक ने बताया उनका व्यवहार, रहन-सहन और लंबी दूरी के उड़ानों की वजह, उनके पति डाॅ नीरज कुमार शर्मा भी आईआईटी गुवाहाटी के मेहता स्कूल आफ डाटा साइंस एंड एआई में सहायक प्राध्यापक हैं…


परिंदे सरहद की बंदिशों के परे हैं। वे जल-थल व नभ की नीली गहराइयों में आजाद उड़ते हैं। प्रकृति को मधुर बनाते कलरव, खूबसूरत पंखों और बनावट से मन विभोर करने वाले पंछी अपनी अटखेलियों से भी खूब रिझाते हैं। उनकी आकृति और इन्हीं शैतानी भरी आदतों के चलते कई बार अनोखे नाम से भी नवाजा जाता है। कोरबा की बेटी श्रीमती रेखा शर्मा और उनके पति डाॅ नीरज कुमार शर्मा भी पक्षियों को निहारने के शौकीन हैं। कमला नेहरू महाविद्यालय कोरबा में अतिथि सहायक प्राध्यापक रहीं श्रीमती रेखा शर्मा आईआईटी गुवाहाटी में रिसर्च स्काॅलर हैं और डाॅ नीरज कुमार शर्मा भी आईआईटी गुवाहाटी के मेहता स्कूल आॅफ डाटा साइंस एंड एआई में सहायक प्राध्यापक हैं। डाॅ नीरज ने यहां आने वाले अनहिंगा मेलानोगैस्टर या स्नेक बर्ड को अपने कैमरे में कैद किया। पूर्व में कोरबा में सहायक प्राध्यापक रहीं रेखा ने बताया कि इस पक्षी को सांप पक्षी इसलिए कहते हैं, क्योंकि यह पानी में तैरते समय अपना सिर व गर्दन बाहर निकलता है, जिससे यह सांप जैसा दिखाई देता है। सर्दियों में यह गुवाहाटी के जलाशयों में अक्सर दिखाई देता है।Rekha Sharma Research scholar IIT Guwahati & Dr. Neeraj Kumar Sharma, assistant professor, Mehta school of Data science and AI, IIT Guwahati


News – theValleygraph.com


गुवाहाटी/कोरबा। ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसा गुवाहाटी एक समृद्ध प्राकृतिक स्थल है यह शहर ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसा हुआ है जहां हरे भरे जंगल, जमीन, शांत जल , विविध पारिस्थितिक तंत्र मौजूद है, यह स्थान हर साल सर्दियों में हजारों प्रवासी पक्षियों का स्वागत करता है। यह पक्षी विभिन्न देशों और क्षेत्र से लंबी यात्राएं तय करके यहां पहुंचते हैं जिससे गुवाहाटी पक्षी प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन जाता है।गुवाहाटी शहर के उत्तर पश्चिम में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी गुवाहाटी न केवल शिक्षा और अनुसंधान के लिए जाना जाता है, बल्कि यह अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है संस्थान का परिसर ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर फैला हुआ है और चारों ओर हरियाली जिले और शांत द्वारा वातावरण है। यहां की शांत झीलों में और खुली हरियाली में कई प्रवासी पक्षी हर साल आते हैं विशेष कर सुबह और शाम के समय आईटी परिसर में बर्ड वाचिंग करने पर एशियाई ओपन बिल, कैटल एगरेट, और कभी-कभी बार हेडेड गूज जैसे पक्षी भी देखे जा सकते हैं यहां का शांत और प्रदूषण मुक्त वातावरण इन पक्षियों को आकर्षित करता है।

कैटल एग रेट (Cattle egret)
यह पक्षी आमतौर पर जल स्रोतों, खुले हरि जगह पर, एवं खेतों में देखा जा सकता है यह पक्षी प्रवास के दौरान आसपास के क्षेत्र जैसे उत्तर भारत या बांग्लादेश से आते हैं यह छोटे सफेद रंग के बगुले होते हैं जो अक्सर मवेशियों के साथ भी दिखाई देते हैं

अनहिंगा मेलानोगैस्टर (Anhinga melanogaster) सांप पक्षी (Snake bird)
इस पक्षी को सांप पक्षी इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह पानी में तैरते समय अपना सर और गर्दन बाहर निकलता है जिससे कि यह सांप जैसे दिखाई देता है यह पक्षी मुख्य रूप से दक्षिण एशिया का निवासी है लेकिन सर्दियों में यह गुवाहाटी के जलाशयों में अधिक दिखाई देता है यह मछली पकड़ने में माहिर होता है और अक्सर पेड़ों की ऊंचाई पर बैठकर पंख सूखता हुआ दिखाई देता है

एशियाई ओपन बिल (Asian Openbil)
इस पक्षी की पहचान इसकी खुली चोंच से होती है जो घोंघा के सेल जैसे दिखने वाले जीवों को पकड़ने के लिए अनुकूलित होती है यह प्रवासी पक्षी मानसून के बाद गुवाहाटी की दलदली भूमि में भोजन के लिए आता है यह मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में निवास करता है यह गुवाहाटी के साथ-साथ कोरबा के के जंगली क्षेत्र में जल के आसपास दिखाई देता है।


बार हेडेड गूज (Bar headed goose)
यह मध्य एशिया से आने वाला पक्षी ब्रह्मपुत्र किनारे समूह में देखा जाता है यह दुनिया के सबसे ऊंचाई पर उड़ने वाले पक्षियों में से एक है।
नार्दन पिनटेल (Northern pintail)
यह पक्षी साइबेरिया से आते हैं और इस पक्षी की नुकीली पहुंचे और लंबी गर्दन इस विशिष्ट बनाती है
इन पक्षियों के अलावा अन्य प्रवासी पक्षी जो गुवाहाटी में देखे जा सकते हैं


गुवाहाटी में जहाँ तहाँ स्वच्छंद विचरण करने वाली कुछ चुनिंदा प्रजातियां…..
कामन टील Common teal
ब्राह्मणी डक Brahminy duck
गेट वाल Gadwall
स्पॉट बिल्ड डक Spot billed duck
शोल्वर डक Shoveler duck
ग्रे हेयरओं Grey heron
ब्लैक विंगड स्टिल्ट Black winged stilt
बड़ा स्निपेग Common snipe
रिवर टर्न River Tern
रेखा का कहना है कि इन पक्षियों की उपस्थिति गुवाहाटी को जैव विविधता की दृष्टिकोण से एक समृद्ध स्थान बनती है, हमें इन प्राकृतिक मेहमानों की रक्षा करने और उनके प्राकृतिक आवासों को सुरक्षित रखने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।


Share Now
Aakash Pandey

Recent Posts

स्पर्धा में भाग लेकर बहनों ने स्कूल में ही बनाई राखी, फिर अपनी कक्षा के सहपाठी भाईयों की कलाई पर सजाई

रक्षाबंधन पर्व के अवसर पर पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 4 कोरबा में में रखी बनाओ…

10 hours ago

बेहतर हुई उभरते भारत की सुरक्षाः 1.62 लाख से बढ़कर अब CISF की संख्या 2.20 लाख, अगले 5 साल में प्रतिवर्ष होगी 14,000 की भर्ती

ओंकारेश्वर। औद्योगिक सुरक्षा को और मज़बूती देने तथा देश के आर्थिक विकास को सुरक्षित आधार…

13 hours ago

BALCO’s Industrial Circularity Initiative Supports the PM Awas Yojana

Balconagar(9th August 2025).Bharat Aluminium Company Limited (BALCO), India’s iconic aluminium producer and part of Vedanta…

21 hours ago

केंद्रीय विद्यालय के बच्चों ने पौधे रोपित कर लिया रक्षा का संकल्प, छात्राओं ने CISF जवानों को बांधी राखी

कोरबा। रक्षाबंधन के अवसर पर केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 एनटीपीसी कोरबा के विद्यार्थियों ने पौधे…

23 hours ago