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देहदान व नेत्रदान मानव सेवा के प्रकल्प में सर्वश्रेष्ठ दान और जीवन का अमूल्य वरदान है: कन्हैया लाल सोनी

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गुरुवार को भारत विकास परिषद कोरबा शाखा के पदाधिकारियों ने कोरबा प्रेस क्लब तिलक भवन में प्रेस वार्ता ली। इस दौरान प्रेस के बंधुओं को परिषद की गतिविधियों और खासकर देहदान और नेत्रदान के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया गया। देहदान व नेत्रदान को मानव सेवा, मानव समाज और जीवन के लिए सर्वश्रेष्ठ दान निरूपित करते हुए इसके लिए कोरबा जिले में परिषद द्वारा किए गए संकल्प- प्रकल्प से रूबरू कराते हुए कोरबा प्रेस क्लब के माध्यम से अधिक से अधिक इस पुनीत उद्देश्य से जुड़ने का आह्वान किया गया। प्रेसवार्ता में प्रमुख रूप से मेडिकल कॉलेज कोरबा के डीन डॉ. केके सहारे, डॉ. मनीकिरण कुजूर एसोसिएट प्राफेसर, एमडी माखीजा, डीके कुदेसिया, नेत्रदान व देहदान प्रकल्प प्रभारी महेश गुप्ता, कमलेश यादव अध्यक्ष भारत विकास परिषद् कोरबा शाखा, नरेश अग्रवाल-प्रांतीय महासचिव, कैलाश अग्रवाल, कन्हैयालाल सोनी, प्रेम रामचंदानी व कोरबा शाखा के सदस्य उपस्थित थे ।


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कोरबा। इस संबंध में भारत विकास परिषद कोरबा शाखा के सचिव कन्हैया लाल सोनी ने बताया कि भारत विकास परिषद् एक राष्ट्रीय, अराजनैतिक सेवाभावी संगठन है। इसकी स्थापना सन् 1963 में हुई थी और तब से संस्कार, सेवा पर यह कार्यरत् है। संस्कार के क्षेत्र में यह गुरुवंदन छात्र अभिनंदन, भारत को जानो, राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रम हर वर्ष सफलतापूर्वक आयोजिक करते आ रही है। संगठन की लगभग 1700 शाखाएं हैं और कुल सदस्य संख्या 85 हजार है। सेवा के क्षेत्र में कई अस्पतालों का संचालन व विकलांग सेवा में लीन है। सेवा क्षेत्र में ही भारत विकास परिषद् कोरबा शाखा द्वारा नेत्रहीनों को दृष्टि प्रदान करने हेतु नेत्रदान प्रकल्प पर कार्य शुरु किया गया है।

भारत विकास परिषद् कोरबा शाखा द्वारा इस प्रकल्प को अत्यंत गंभीरता से विगत 2 वर्षों से अंगीकार किया है। नेत्रदान और देहदान को लेकर विधिक जानकारी और व्यवस्थागत आवश्यकताओं बाबत् सर्व संबंधित अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों से संपर्क किया जाता रहा है जिसका सुफल सामने आ रहा है। नेत्रदान हेतु सारी औपचारिकताएं लगभग पूर्णता की ओर हैं। इसी तैयारी के मध्य परिषद् द्वारा लगभग 5 माह पूर्व बरपाली के ख्यातिलब्ध पत्रकार प्रदीप महतो के निधन के उपरांत उनके परिजनों के साथ मिलकर स्वर्गीय महतो के देहदान का संकल्प पूर्ण कराया गया। इसके साथ ही उनके पुत्र एवं पुत्रवधु ने भी देहदान का एवं उनकी पत्नी श्रीमती प्रदीप महतो ने नेत्रदान का संकल्प लिया है। महतो परिवार के इस प्रणम्य भाव को क्षेत्र के निवासियों ने हृदय से स्वीकारा और नेत्रदान और देहदान के प्रयासों को लेकर भारत विकास परिषद् के प्रयासों की चर्चा गंभीरता से की जाने लगी।

भारत विकास परिषद् द्वारा राज्यपाल, मुख्यमत्री, स्वास्थ्य मंत्री, उद्योग मंत्री, कलेक्टर सहित तमाम जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से यह अवसर कोरबा को प्राप्त हो रहा है, जब हम नेत्रदान देहदान की प्रक्रिया को प्रारंभ करने की स्थिति में आ गए हैं। नेत्रदान के लिए आवश्यक उपकरण और तकनीकी विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित हो गई है। अब कोरबा की जनता अपनी इच्छा के अनुरुप मरणोपरांत अपने नेत्र का दान कर दूसरे की आँखों के माध्यम से इस खूबसूरत दुनिया को देख सकेगी।

नेत्रदान, देहदान के प्रचार प्रसार के लिए शीघ्र ही एक संगोष्ठी किया जाना प्रस्तावित है जिसमें सार्वजनिक प्रतिष्ठान, विभिन्न सामाजिक संगठनों, विभिन्न समाजों को भी आमंत्रित किया जाकर समाज में एक वृहद चेतना का प्रवाह किया जाना है।

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