बीते दिनों की बारिश में कोरबा शहर के वार्ड 29 व 30 में जलभराव और जाम नालियों के चलते निर्मित हुई अव्यवस्था से महापौर श्रीमती संजू देवी राजपूत ने सख्त ऐतराज जताया। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए ठेकेदारों और कर्मचारियों पर सख्ती के संकेत भी दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि ठेकेदारों की जवाबदेही तय की जाएगी और यदि सफाई व्यवस्था में लापरवाही पाई गई तो कर्मचारियों और जिम्मेदार ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई भी होगी।
कोरबा। मानसून की पहली ही बारिश ने कोरबा नगर निगम की सफाई व्यवस्था की हकीकत सामने ला दी है। वार्ड क्रमांक 29 (मुड़ापार) और वार्ड क्रमांक 30 (शांति विहार, रामनगर) में भारी जलभराव और नालियों के जाम होने की शिकायतों के बाद महापौर ने क्षेत्र का निरीक्षण कर मौके की वस्तुस्थिति देखी।
निरीक्षण के दौरान नालियों की दुर्दशा और सड़कों पर भरे पानी को देखकर महापौर visibly नाराज दिखीं। उन्होंने मौके पर मौजूद नगर निगम अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए तत्काल सफाई और जल निकासी के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “अगर पहली ही बारिश में यह हाल है, तो आगे स्थिति और बिगड़ सकती है। यह लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं होगी।
निरीक्षण में पार्षद रामगोपाल कुर्रे, सुशील गर्ग, दीपेश सिंह, नवीन जायसवाल, राजेंद्र राजपूत, दीपक यादव, निगम के संबंधित अधिकारी और बड़ी संख्या में वार्डवासी भी मौजूद थे।
स्थानीय नागरिकों ने शिकायत की कि हर साल बरसात से पहले खानापूर्ति की जाती है। सफाई का ठेका मिलने के बाद ठेकेदार सिर्फ औपचारिक काम करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर न तो नालियों की समुचित सफाई होती है और न ही उनकी निगरानी। कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि सफाई ठेकेदार और निरीक्षण अधिकारी की मिलीभगत से काम में लापरवाही होती है, जिससे हर साल यही समस्या दोहराई जाती है।
महापौर ने स्पष्ट कहा कि अब ठेकेदारों की जवाबदेही तय की जाएगी और यदि सफाई व्यवस्था में लापरवाही पाई गई तो कर्मचारियों और जिम्मेदार ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई होगी। साथ ही उन्होंने हर वार्ड की नियमित निगरानी और स्थिति की रिपोर्टिंग की बात भी कही।
महापौर श्रीमती संजूदेवी राजपूत ने अधिकारियों को मौके पर ही दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि आगामी बरसात से पहले सभी जरूरी उपाय सुनिश्चित करें ताकि नागरिकों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
गौर करने की बात यह भी है कि यह हालात सिर्फ दो वार्डों तक सीमित नहीं हैं। शहर के अन्य हिस्सों से भी जलभराव, गंदगी और अव्यवस्थित नालियों की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। यदि निगम प्रशासन समय रहते सख्त कदम नहीं उठाता, तो आने वाले दिनों में कोरबा शहर के अधिकांश वार्डों की यही तस्वीर हो सकती है।
स्थानीय जनता ने निगम प्रशासन से अपील की है कि हर वार्ड की स्थिति की ईमानदारी से समीक्षा कर ठोस कार्रवाई की जाए, ताकि हर साल बारिश में शहर की सड़कों पर जलसंकट की पुनरावृत्ति न हो।
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