SECL: पहली तिमाही में प्रोडक्शन टारगेट से पिछड़ा, अब रफ्तार बढ़ाने परियोजनाओं के सामने वर्षा की चुनौती

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मौजूदा वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले तीन माह बीत चुके हैं। पर SECL अपनी पहली तिमाही में प्रोडक्शन टारगेट से पिछड़ गया है। कोयला उत्पादन की रफ्तार बढ़ाने मेगा परियोजनाओं को अगले तीन माह अब बारिश की चुनौती से जूझना होगा। 

कोरबा। वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले तीन माह बीत चुके हैं। अप्रैल, मई और जून में जिले की मेगा परियोजनाएं लक्ष्य के अनुरूप कोयला उत्पादन नहीं कर पाई है।

कोरबा। मेगा परियोजना गेवरा को सर्वाधिक 63 मिलियन टन कोयला उत्पादन का टारगेट है। पहले तीन माह में एरिया को लगभग 15 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर लेना था। एरिया ने अब तक दमदार प्रदर्शन किया है, लेकिन लक्ष्य से पीछे है। गेवरा से 12.64 मिलियन टन कोयला उत्पादन ही हो सका है। इसी तरह मेगा परियोजना दीपका को 40 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य वित्तीय वर्ष में हासिल करना है। पहली तिमाही में एरिया से 9.64 मिलियन टन कोयला का उत्पादन होना था। इसके मुकाबले 7.77 मिलियन टन उत्पादन ही हो सका है। कुसमुण्डा एरिया को 50 मिलियन टन उत्पादन का टारगेट दिया गया है। पहले तीन माह में एरिया से 12.05 के मुकाबले 7.25 मिलियन टन कोयला उत्पादन ही हो सका है। इस तरह तीनों ही मेगा परियोजनाएं पहली तिमाही में लक्ष्य से दूर रही हैं। कोरबा एरिया को 8.87 मिलियन टन कोयला उत्पादन का टारगेट मिला हुआ है। पहले तीन माह में एरिया से 1.77 मिलियन टन कोयला उत्त्पादन हो चुका है। एरिया को 1.96 मिलियन टन कोयला उत्पादन उक्त अवधि में पूरा कर लेना था। अब आगामी तीन माह वर्षा ऋतु के दौरान कोयला उत्पादन में चुनौतियों का सामना एरिया प्रबंधनों को करना पडेगा। पहली तिमाही में पिछड़ना और बारिश की चुनौतियों से निपटना प्रबंधनों के लिए आसान नहीं रहेगा।

जून में पूरा नहीं हुआ टारगेट

जून माह में गेवरा एरिया को सर्वाधिक 4.87 मिलियन टन कोयला उत्पादन का टारगेट दिया गया था। प्रिया से 4.02 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया गया। इसी तरह दीकपा एरिया से लक्ष्य 3.07 के मुकाबले 2.79 और कुसमुण्डा से 3.84 लक्ष्य के मुकाबले 2.2 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया जा सका है।

डिस्पैच में भी लगाना होगा जोर

कोयला उत्पादन की तरह ही डिस्पैच में भी जिले की खदानों को जोर लगाना होगा। लक्ष्य अनुरूप डिस्पैच करने में सभी एरिया पीछे हैं। गेवरा एरिया को पहली तिमाही में 15.08 मिलियन टन उठाव कर लेना था। जो 14.77 मिलियन टन के साथ लक्ष्य के करीब है। दीपका एरिया को 10.5 मिलियन टन कोयला उठाव तीन माह में करना था, जो 8.71 मिलियन टन हो सका है। इसी तरह कुसमुंडा एरिया उत्पादन की तरह डिस्पैच में भी काफी पीछे है। एरिया से 14.1 के मुकाबले 9.75 मिलियन टन कोयला उत्पादन ही किया जा सका है।


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Aakash Pandey

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