कोरबा। शहर के घंटाघर के करीब उस वक्त माहौल गर्म हो गया, जब जिले में शांत और संयमित माने जाने वाले पूर्व नगर निगम आयुक्त अशोक शर्मा के साथ सरेराह बदसलूकी की घटना हो गई। दरअसल श्री शर्मा की कार को एक अन्य वाहन ने ठोकर मार दी। जब उन्होंने सहज रूप से बात कर मामला सुलझाने की कोशिश की, तो उस वाहन चालक और उसकी महिला परिजन ने अभद्रता शुरू कर दी। शांति से मामला संभालने की बजाय सड़क पर वाद विवाद शुरू कर दिया। यह घटना न केवल शहर की अव्यवस्थित यातायात व्यवस्था को उजागर करती है, बल्कि सामाजिक व्यवहार और कानून के प्रति लापरवाही को भी दर्शाती है।
बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था के चलते इस मार्ग पर चलना मुश्किल हो गया है, जिसका एक और ताजा उदाहरण इस तरह सामने आया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विवाद बढ़ता देख चालक ने महिला को आगे कर दिया, ताकि मामला उलझ जाए। आमतौर पर शांत और संयमित व्यक्तित्व के लिए पहचाने जाने वाले अशोक शर्मा ने इस स्थिति पर नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि कोरबा की सड़कों पर अतिक्रमण और अव्यवस्था चरम पर है, जिसका खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय होगा कि शहर की प्रमुख सड़कों जैसे- निहारिका रोड, वर हाउस रोड, प्रेस कॉम्प्लेक्स रोड, सीतामणी से बस स्टैंड मार्ग, टीपी नगर और सर्वमंगला रोड है। बेतरतीब अतिक्रमण ने आवाजाही को बेहद कठिन बना दिया है। दुकानदारों का सामान, रेहड़ी-ठेले और अस्थायी ढांचे सड़कों को संकरा कर रहे हैं, जिससे वाहन चालकों और पैदल यात्रियों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ता है।
यह घटना बताती है कि कोरबा की सड़कों पर न केवल ट्रैफिक नियमों की अनदेखी हो रही है, बल्कि लोगों के बीच कानून का डर भी खत्म होता जा रहा है। ऐसे में ज़रूरी है कि, यातायात पुलिस सख्ती से नियमों का पालन कराए, नगर निगम सड़कों से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रभावी अभियान चलाए और प्रशासन ऐसे मामलों में दबाव में आए बिना कार्रवाई करे।
पूर्व आयुक्त के साथ हुई यह घटना एक बड़ी चेतावनी है कि न केवल प्रशासन के लिए, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी। जब तक ट्रैफिक नियंत्रण, सड़क प्रबंधन और नागरिक अनुशासन पर ध्यान नहीं दिया जाएगा, तब तक ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी। अब समय आ गया है कि कोरबा को एक जिम्मेदार और सुव्यवस्थित शहर के रूप में गढ़ा जाए।