प्रदेश की शहरी आबादी में स्ट्रीट फूड का लुत्फ, रेस्टोरेंट में ब्रेकफास्ट व लंच-डिनर का चलन बढ़ रहा है। इसे देखते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन एवं लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा “बने खाबो बने रहिबो” सघन जांच एवं जागरूकता अभियान की शुरुआत की जा रही है। तीन दिनों के अभियान में प्रतिदिन 50 स्ट्रीट फूड एवं रेस्टोरेंटो की संघन की जाएगी। साथ ही कारोबारियों और उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्य सामग्री सुनिश्चित करने वाले नियमों से अवगत करते हुए जागरूक किया जाएगा।
रायपुर। अभियान के सारांश पर गौर करें तो बताया गया है कि छत्तीसगढ़ की अधिकांश नगरीय जनसंख्या बड़े चाव से स्ट्रीट फूड का सेवन करती है एवं वर्तमान दौर में रेस्टोरेंट में ब्रेकफास्ट, लंच एवं डिनर का चलन बढ़ रहा है। इसलिए उनकी सेहत की फिक्र जरूरी हो जाता है। यही उद्देश्य लेकर अभियान में खाद्य प्रदायकर्ताओं को भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के दिशा निर्देशों से अवगत कराने के साथ जनसामान्य को जागरूक किया जाएगा।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल करेंगे अभियान का शुभारंभ
तीन दिवसीय संघन जांच अभियान का प्रारंभ मंत्री लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग (छ.ग.) श्याम बिहारी जायसवाल द्वारा रायपुर से 4 चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला को हरी झंडी दिखाकर किया जाएगा।
अभियान का उद्देश्य
बारिश के मौसम में हवा में नमी की अधिकता के कारण भोजन का संदूषण तेजी से होता है यदि खाद्य पदार्थो का उचित रख रखाव न किया जाये तो खाद्य पदार्थ 2-3 घंटो में ही संदूषित हो सकता है।
खाद्य पदार्थो के संदूषण से खाद्य जनित बिमारियों के फैलने की संभावना होती है जैसे- खाद्य विषाक्तता। खाद्य विषाक्तता की स्थिति में मरीज को उल्टी दस्त, ऐठन, पेट दर्द एवं बुखार की शिकायत रहती है।
साल्मोनेला, ई. कोलाई, नोरोवायरस हेपेटाइटिस-ए आदि रोग कारक जीवाणु दूषित खाने एवं पानी में पाये जाते है जो खाद्य पदार्थो के सही ढंग से रख रखाव न करने, अस्वच्छ कर दशाओं में भण्डारण के कारण उत्पन्न होते या बढ़ते है।
खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से जनहित में आवश्यक है कि स्ट्रीट फूड वेंडर्स एवं रेस्टोरेंटो मे संघन जांच अभियान चलाया जाएगा। खाद्य कारोबारकर्ता सह जनसमान्य को सुरक्षित खाद्य के बारे मे जागरूक किया जाएगा।
“बने खाबो बने रहिबो’ अभियान का उद्देश्य खाद्य प्रदायकर्ताओं को एफएसएसएआई के दिशा निर्देशों से अवगत कराना एवं जनसामान्य को जागरूक करना तथा लोगों में स्वच्छ एवं स्वस्थ्य खान पान की आदतें विकसित करना है। साथ ही खाद्य व्यापारियों को व्यतिगत स्वच्छता, भोज्य पदार्थ की स्वच्छता एवं उसकी सुरक्षा, किचन की स्वच्छता एवं परिसर की साफ-सफाई के संबंध में जागरूक करना है।
यह अभियान तीन दिवसीय होगा जिसमें व्यापक तौर पर पूरे राज्य में, प्रत्येक जिले एवं प्रत्येक ब्लॉक में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा स्ट्रीट फूड वेंडर्स एवं खाद्य बनाकर परोसने वाले संस्थान, रेस्टोरेंट्स का संघन जाँच किया जायेगा साथ ही मौके पर उपभोक्ताओं का सुरक्षित खाद्य के बारे में जानकारी दी जाएगी।
तीन दिवसीय अभियान की औपचारिक शुरूआत होते ही 9 चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला के नोडल अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन 50 स्ट्रीट फूड एवं रेस्टोरेंटो की संघन जाँच की जाएगी एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन 10 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया जायेगा एवं 10 सर्विलांस नमूना लिया जायेगा। निर्धारित बिन्दुओं पर गैर अनुपालन पाये जाने पर संबंधित प्रतिष्ठानों को समझाइश, नोटिस दी जाएगी एवं सुधार करने 15 दिवस का समय दिया जाएगा।
बने खाबो-बने रहिबो अभियान” से इस परिणाम की अपेक्षा है…,
पूरे राज्य में एक साथ अभियान चलाए जाने से खाद्य कारोबारकर्ताओं एवं आम जनता में खाद्य सुरक्षा के प्रति जन जागरूकता आएगी।
खाद्य कारोबारकर्ताओं में खाद्य-कारोबार के संचालन में बेहतर कार्यप्रणाली का विकास होगा। यथा खाद्य परोसने में अखबारी कागज के उपयोग में कमी, खाद्य पदार्थ निर्माण में गुणवत्ता पूर्ण कच्ची सामाग्री का प्रयोग, फूड ग्रेड पैकेजिंग सामाग्री का उपयोग, यूज्ड कूकिंग ऑयल के उपयोग में कमी, व्यक्तिगत एवं परिसर की स्वच्छता में वृद्धि होगी।
“सही भोजन बेहतर जीवन” की परिकल्पना सार्थक होगी।
अभियान के दौरान इन बिन्दुओं पर होगी जांच
➡️खाद्य रंग व अखाद्य रंग की जांच।
➡️खाद्य पदार्थ परोसने में अखबारी कागज का प्रयोग।
➡️खाद्य पदार्थो के पैकेजिंग मटेरियल।
➡️उपयोग किये जाने वाले पेय जल।
➡️खाद्य पदार्थो के निर्माण किये जाने वाले तेल की गुणवत्ता।
➡️कच्चे सामग्री के रूप में एफएसएसएआई मॉर्क वाले खाद्य पदार्थ का उपयोग।
➡️भण्डारित खाद्य पदार्थ का बेस्ट बिफोर तिथि।
➡️फूड हैण्डलिग में संलग्न व्यक्तियों की व्यक्तिगत स्वच्छता साफ स्वच्छ एपरॉन, हैण्ड ग्लब्स का प्रयोग, मेडिकल फिटनेस।
➡️परिसर की स्वच्छता-साफ सुथरा किचन एवं वातावरण एवं साफ सुथरा नेपकिन का प्रयोग, साफ सुथरे बर्तन का उपयोग।
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