करीब साढ़े 6 घंटे लेट आई लिंक एक्सप्रेस, क्योंकि ट्रैक पर अचानक आ गिरा था पत्थर, पायलट ने आपात ब्रेक लगाकर टाला बड़ा हादसा


शुक्रवार को विशाखापत्तनम से कोरबा लौट रही लिंक एक्सप्रेस करीब साढ़े 6 घंटे लेट से स्टेशन पहुंचीं। इसकी वजह यह रही कि रास्ते में एक्सप्रेस की ट्रैक पर अचानक एक बड़ा सा पत्थर आ गिरा था। पायलट ने सतर्कता दिखाई और तत्काल आपात ब्रेक लगाकर एक बड़ा हादसा ताल दिया। बताया जा रहा है कि बीती रात्रि सामने आई इस घटना के कारण ही आज लिंक एक्सप्रेस को कोरबा पहुंचने में देरी हुई। हालांकि इन सब से अनजान रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर खड़े ट्रेन का इंतजार कर रहे कोरबा के यात्री परेशान होते दिखे। ट्रेन शुक्रवार की सुबह सवा 11 बजे की बजाय शाम करीब पौने छह बजे कोरबा पहुंची थी।


कोरबा। दरअसल रायगढ़ा से लगे मझिघरिया मंदिर के पास रेलवे ट्रैक पर अचानक एक बड़ा पत्थर आ गिरा था। इस घटना की चपेट में आने से विशाखापत्तनम-कोरबा एक्सप्रेस बाल-बाल बची। ट्रेन के लोको पायलट की सतर्कता से बहुमूल्य जानें बच गईं। पत्थर का आकार बड़ा होने के कारण वैगन पटरी से उतर सकते थे। अचानक हुई इस घटना के बाद ट्रेन के यात्रियों में कुछ पलों के लिए खलबली सी मच गई थी। पर जब उन्हें यह पता चला कि बड़ा हादसा टल गया है, तो उन्होंने ट्रेन चालक की सराहना करते हुए राहत की सांस ली। सूचना मिलने पर रेस्क्यू टीम ने ट्रैक से पत्थर हटाया और मरम्मत की। जिसके बाद ट्रेन आगे के लिए रवाना की जा सकी।


बताया जा रहा है कि यह घटना बीती रात लगभग 12 बजे की है, जब विशाखापत्तनम से कोरबा जा रही लिंक कोरबा एक्सप्रेस उसी ट्रैक पर गुजर रही थी। शुक्र है कि ट्रेन चालक ने समय रहते सतर्कता दिखाई और तेज आवाज सुनते ही इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया।

लोको पायलट चालक की सतर्कता ने बचाई सैकड़ों जानें
मध्यरात्रि के समय हुए इस घटनाक्रम में यदि चालक ने तत्परता नहीं दिखाई होती, तो एक भीषण रेल हादसा हो सकता था। रेलवे सूत्रों के अनुसार, पत्थर का आकार काफी बड़ा था और यदि ट्रेन उससे टकरा जाती, तो डिब्बे पटरी से उतर सकते थे, जिससे यात्रियों की जान को गंभीर खतरा हो सकता था।

लगभग पांच घंटे रुकी रही ट्रेन, रेल यातायात भी प्रभावित

घटना के तुरंत बाद रेलवे विभाग की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और ट्रैक से पत्थर को हटाने का कार्य शुरू किया। साथ ही, ट्रैक की मरम्मत का काम भी युद्धस्तर पर शुरू किया गया।

इस दौरान रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक रेल यातायात पूरी तरह प्रभावित रहा। कोरबा एक्सप्रेस करीब 5 घंटे तक उसी ट्रैक पर खड़ी रही।

अचानक हुई इस घटना की गंभीरता को देखते हुए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने जांच शुरू कर दी है। पत्थर ट्रैक पर कैसे गिरा, क्या यह प्राकृतिक घटना थी या किसी साजिश का हिस्सा, इस पहलू पर भी जांच की जा रही है।

आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए और स्थिति का जायजा लिया। अधिकारी लगातार निगरानी बनाए हुए हैं ताकि दोबारा इस तरह की कोई घटना न हो।

एक ही लाइन से होता रहा आवागमन
मरम्मत के बाद अब ट्रेनें एक ही लाइन पर चलाई जा रही हैं। रेलवे विभाग द्वारा कहा गया है कि कुछ ही समय में पूरी तरह से सामान्य परिचालन बहाल कर दिया जाएगा।


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