बेहतर हुई उभरते भारत की सुरक्षाः 1.62 लाख से बढ़कर अब CISF की संख्या 2.20 लाख, अगले 5 साल में प्रतिवर्ष होगी 14,000 की भर्ती

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ओंकारेश्वर। औद्योगिक सुरक्षा को और मज़बूती देने तथा देश के आर्थिक विकास को सुरक्षित आधार देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए गृह मंत्रालय (महानिदेशालय) ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसफ) की अधिकृत संख्या को मौजूदा 1,62,000 से बढ़ाकर 2,20,000 करने की मंजूरी दे दी है। इसे लेकर महानिदेशालय, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (गृह मंत्रालय) की ओर से इसी माह 4 अगस्त 2025 को अधिकृत दिशा निर्देश भी जारी किए हैं।


ओंकारेश्वर। इस संबंध में CISF यूनिट ओंकारेश्वर पॉवर स्टेशन के इकाई प्रभारी दर्शन सिंह की ओर जारी सूचना में बताया गया है कि जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयों को छू रही है, यह वृद्धि तेजी से बढ़ते विमानन क्षेत्र, बंदरगाह क्षेत्र, थर्मल पावर प्लांट, परमाणु प्रतिष्ठान, जल विद्युत संयंत्र और जम्मू-कश्मीर में जेल जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सीआईएसएफ की तैनाती को मजबूत करेगी। छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में वामपंथी उग्रवाद में कमी के साथ, नए औद्योगिक केंद्र उभरने की उम्मीद है, जिससे इन इकाइयों को व्यापक और प्रभावी सुरक्षा प्रदान करने के लिए सीआईएसएफ की मजबूत उपस्थिति आवश्यक हो जाएगी।

बल की संख्या में यह वृद्धि रोज़गार के नए अवसर भी लेकर आ रही है। वर्ष 2024 में 13,230 नए कर्मियों की भर्ती की गईं है और 2025 में 24,098 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। अनुमान है कि अगले पाँच वर्षों तक हर साल लगभग 14,000 नए जवान सीआईएसएफ में शामिल किए जाएँगे। इससे बल को युवा ऊर्जा मिलेगी और यह चुनौतीपूर्ण स्थितियों के लिए और अधिक तैयार होगा। इन भर्तियों में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ने की उम्मीद है, जिसे सीआईएसएफ की उन नीतियों का समर्थन प्राप्त है जो महिलाओं को हर स्तर पर प्रतिनिधित्व देने की दिशा में कार्य कर रही हैं।


बल की ताक़त में यह इज़ाफा एक नई बटालियन के गठन का मार्ग भी प्रशस्त करेगा, जो आंतरिक सुरक्षा, आपात तैनाती जैसी ज़रूरतों में अहम भूमिका निभाएगी।


पिछले साल सीआईएसएफ ने अपने सुरक्षा विंग के तहत सात नई इकाइयाँ शुरू की हैं- जिनमें संसद भवन परिसर, अयोध्या एयरपोर्ट, हज़ारीबाग स्थित एनटीपीसी की कोयला खदान परियोजना, पुणे का आईसीएमआर-राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, बक्सर और एटा के ताप विद्युत संयंत्र और मंडी की ब्यास सतलुज लिंक परियोजना शामिल हैं। साथ ही, संसद भवन और एटा की परियोजना में अग्निशमन की दो नई इकाइयाँ भी शामिल की गई हैं।

यह विस्तार भारत के बढ़ते आर्थिक विकास और बुनियादी ढाँचे के विकास के साथ-साथ प्रमुख राष्ट्रीय संपत्तियों की सुरक्षा में सीआईएसएफ की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। यह विस्तार बदलते सुरक्षा परिदृश्य के अनुरूप सीआईएसएफ की क्षमताओं को सशक्त बनाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, ताकि यह बल भारत के तेज़ी से हो रहे विकास की गति के अनुरूप एक मज़बूत और सतर्क सुरक्षा इकाई बना रहे।


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Aakash Pandey

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