विकसित भारत के प्रकल्प के लिए नशामुक्त समाज के संकल्प को पूर्ण करना बेहद जरूरी है : डॉ प्रशांत


कमला नेहरू महाविद्यालय में नशा मुक्त भारत अभियान पर जागरूकता कार्यक्रम एवं व्याख्यान आयोजित


कोरबा। कमला नेहरू महाविद्यालय में बुधवार को नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत जागरूकता के लिए व्याख्यान आयोजित किया गया।इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ प्रशांत बोपापुरकर ने कहा कि वर्तमान समय में युवाओं को जागरूक रहना है। समाज में अच्छी और बुरी दोनों चीजों का समावेश होता है। हम अच्छी बातों और विचारों को स्वीकार करते हुए खुद को काबिल करें। समाज के इन्हीं विकारों में एक गंभीर विकार नशा है, जिससे स्वयं को दूर रख हम नशामुक्त समाज की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं। विकसित समाज व विकसित भारत के निर्माण के लिए पहले नशामुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करना आवश्यक है।


भारत सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा नशीली दवाओं की मांग में कमी तथा समाज के बीच जन जागरूकता का विस्तार करने के लिए नशा मुक्त भारत अभियान के पांचवी वर्षगांठ मना रहा है।इसी कड़ी में महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा प्राचार्य डॉ प्रशांत बोपापुरकर के मुख्य अतिथि में जागरूकता कार्यक्रम रखा गया। शिक्षा संकाय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला संगठक वाय के तिवारी ने नशा मुक्त भारत अभियान के उद्देश्य, 1 से 31 अगस्त तक आयोजित होने वाले कार्यक्रमों तथा उनके प्रभावों की जानकारी प्रदान की। राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ स्वयंसेवक हर्षवर्धन खूंटे ने कविता के माध्यम से तथा अक्षय प्रधान ने व्याख्यान के माध्यम से नशा मुक्ति के प्रयासों तथा उसके दुष्परिणाम पर अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम में भूगोल विभाग के अध्यक्ष अजय कुमार मिश्रा, सहायक प्राध्यापक टीव्ही नरसिम्हम, राकेश गौतम, एके सोनी, कुणाल दास गुप्ता, डॉ भारती कुलदीप, डॉ श्रीमती रश्मि शुक्ला, नितेश यादव, शंकर लाल यादव अंजू खेस की गरिमामय उपस्थिति रही। प्राचार्य डॉ बोपापुरकर ने प्राध्यापकों व छात्र छात्राओं को नशा मुक्त भारत निर्माण के लिए शपथ दिलाई। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी जीएम उपाध्याय, वरिष्ठ स्वयंसेवक देवांश कुमार, हर्षवर्धन, सुखनंदन सोनकर, कृषम सिन्हा, चांदनी कुमारी का सक्रिय योगदान रहा। कार्यक्रम में शिक्षा संकाय के 100 से अधिक स्वयंसेवक तथा छात्र – छात्राएं उपस्थित रहे।


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