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विकास के विजन पर स्टूडेंट्स के प्रभावी विवेचन में नजर आई वर्ष 2047 के विकसित छग की झलक

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छत्तीसगढ़ राज्य रजत जयंती महोत्सव: कमला नेहरू महाविद्यालय कोरबा में विज्ञान संकाय का सेमिनार, कुल 20 प्रस्तुति, क्विज एवं भाषण स्पर्धा भी आयोजित

कोरबा। छत्तीसगढ़ रजत जयंती महोत्सव के अंतर्गत गुरुवार को कमला नेहरु महाविद्यालय कोरबा में विद्यार्थियों के लिए सेमिनार, क्विज एवं भाषण प्रतियोगिता रखी गई थी। जहां एक ओर छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति, संसाधन एवं विरासत पर फोकस भाषण और प्रश्नोत्तरी में जोर-आजमाइश हुई, विज्ञान संकाय द्वारा आयोजित सेमिनार में पीपीटी के माध्यम से 20 प्रस्तुतिकरण दी गई। सेमिनार में भाग लेने वाले विद्यार्थियों ने तथ्यों को सामने रखते हुए जिन कसे हुए शब्दों में कल, आज और आने वाले कल की उम्मीदों पर विवेचना प्रस्तुत की, उसमें वर्ष 2047 के विकसित छत्तीसगढ़ की झलक नजर आई।


देखिए Video…

 

सर्वप्रथम महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ प्रशांत बोपापुरकर ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर सेमिनार का शुभारंभ किया। उनकी अनुमति के उपरांत विज्ञान संकाय के तत्वावधान में सेमिनार सुबह 11 बजे कंप्यूटर लैब में प्रारंभ हुआ। एक-एक कर कुल 20 पीपीटी प्रेजेंटेशन दिए गए। इस दौरान कंप्यूटर साइंस विज्ञान, जूलाॅजी विभाग, भौतिकशास्त्र, वनस्पतिशास्त्र, भूगर्भ एवं रसायान शास्त्र विभाग के विद्यार्थियों ने प्रस्तुतिकरण दिए। सेमिनार में निर्णायक की भूमिका सहायक प्राध्यापक अजय कुमार मिश्रा एवं वेदव्रत उपाध्याय ने निभाई। स्वागत उद्बोधन डाॅ बीना विश्वास एवं कार्यक्रम संचालन श्रीमती निधि सिंह ने किया। वर्ष 2047 के विकसित छत्तीसगढ़ के विषय पर विद्यार्थियों ने एकल एवं टीम वर्क कर प्रस्तुतिकरण दिया, जिनमें जनता के सपनों का संकल्प, सरकार से अपेक्षाएं, छत्तीसगढ़ का इको सिस्टम, जैव विविधता, कला एवं संस्कृति, शिक्षा, रोजगार, विकास योजनाएं एवं औद्योगिक विकास समेत अनेक विषयों में आंकड़ों के साथ अपनी बात रखी।


विकसित छग के विजन के लिए युवाओं का अपने राज्य को जानना लाजमी : डाॅ प्रशांत बोपापुरकर 

क्विज एवं भाषण स्पर्धा को संबोधित करते हुए प्राचार्य डाॅ प्रशांत बोपापुरकर ने कहा कि युवाओं से ही देश का भविष्य है और वर्ष 2047 में विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए उन्हें अपने राज्य को जानने की जरुरत है। उन्हें प्रदेश की कला-संस्कृति और विकास की अवधारणाओं से अवगत कराने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम और स्पर्धाएं आयोजित की जा रहीं है। क्विज एवं भाषण स्पर्धा में स्वागत एवं संचालन की जिम्मेदारी सहायक प्राध्यापक डाॅ सुशीला कुजूर ने निभाई एवं सभी के सहयोग से यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक किया गया।

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