कोरबा। व्यक्ति मात्र के स्थान पर राष्ट्र हित के ध्येय को सर्वोपरि रख कार्य करने वाला ही वास्तव में राष्ट्रभक्त है और यही भारत की संस्कृति और भारतीयता का मूल है। मानव मानव में भेद की भाषा तज कर सामाजिक समरसता को बनाए रखते हुए शरीर मन बुद्धि और आत्मा राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में युवाओं को योगदान देना बाहिए।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का संपूर्ण जीवन इसी ध्येय पर केंद्रित रहा, जिनके दिखाए मार्ग और विचार बीते कल, आज और आने वाले कल के युवा भारत को प्रेरित करते रहेंगे।
यह बातें गुरुवार को कमला नेहरु महाविद्यालय में एकात्म मानववाद विचारधारा के प्रवर्तक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ प्रशांत बोपापुरकर ने कही।
महाविद्यालय में युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर आयोजित सेवा पखवाड़ा के अत्तर्गत 25 सितंबर को एक दिन एक घंटा एक साथ स्वच्छता श्रमदान का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रशांत बोपापुरकर के संरक्षण व रासेयो कार्यक्रम अधिकारी जीएग उपाध्याय के मार्गदर्शन में स्वयसेवकों ने महाविद्यालय के मुख्य द्वार से लेकर पार्किंग स्थल तक स्वच्छता के लिए श्रमदान किया। मंदिर परिसर में स्थापित राज परिवार की मंदिर के आसपास के स्थल से खरपतवारों तथा गंदगी को हटाया गया।
कार्यक्रम के दौरान रासेयो जिला संगठक वायके तिवारी, वरिष्ठ स्वयंसेवक देवांश कुमार, किशोर चौहान, यशवंत दीक्षित, प्रियांशु मिश्रा आदि ने श्रमदान में स्वस्फूर्त भाग लिया। इसके पूर्व महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रशांत बोपापुरकर ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित उन्हें नमन किया।
रासेयो स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि शरीर मन बुद्धि और आत्मा राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में युवाओं को योगदान देना चाहिए।
कार्यक्रम में रासेयो जिला संगठक वायके तिवारी, कार्यक्रम अधिकारी जीएम उपाध्याय एवं श्रीमती प्रीति द्विवेदी सहायक अध्यापक वेदव्रत उपाध्याय तथा रासेयो स्वयंसेवक किशोर चौहान ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व एवं विचार पर अपने विचार प्रकट किए व उनके आदर्शों पर चलने की शपथ ली।
कार्यक्रम में आयोजन रासेयो स्वयंसेवक संजय चतुर्वेदी, देवांश तिवारी, मुस्कान राजपूत, धारणा केवट, यशवंत दीक्षित, प्रियांशु मिश्रा की सराहनीय भूमिका रही।