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एक व्यक्ति तभी पूरी तरह सेहतमंद कहा जा सकता है, जब वह शारीरिक, मानसिक व सामाजिक रुप से स्वस्थ्य हो: डाॅ RKS राठौर

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कमला नेहरु कॉलेज कोरबा में HIV एड्स जागरूकता के लिए व्याख्यान आयोजित, मुख्य वक्ता रहे जिला एड्स नियंत्रण समिति कोरबा के नोडल अधिकारी डाॅ रविकांत सिंह राठौर ने छात्र-छात्राओं को प्रदान किया मार्गदर्शन।

कोरबा। एक व्यक्ति को तभी सेहतमंद कहा जा सकता है, जब वह शारीरिक, मानसिक और सामाजिक, तीनों रुप से स्वस्थ महसूस करे, यही पूर्ण स्वास्थ्य है। एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) एक ऐसा वायरस है, जिसके संक्रमण से व्यक्ति को एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम) हो सकता है। इससे बचा जा सकता है, बशर्ते रोकथाम की जानकारी और जागरुकता होनी चाहिए। खासकर युवा वर्ग को उन सावधानियों के प्रति सतर्क रहने की जरुरत है, जिन्हें नजरंदाज किया जाना, उनकी स्वास्थ्य के साथ जिंदगी को खतरे में डाल सकता है।

यह बातें सोमवार को एचआईवी एड्स जागरूकता के लिए कमला नेहरु महाविद्यालय कोरबा में आयोजित व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता जिला एड्स नियंत्रण समिति कोरबा के नोडल अधिकारी डाॅ रविकांत सिंह राठौर ने छात्र-छात्राओं को मार्गदर्शन प्रदान करते हुए कहीं। व्याख्यान में जिला चिकित्सालय कोरबा से आईं आईसीटीसी काउंसलर श्रीमती वीणा मिस्त्री ने विस्तार से एसआईवी संक्रमण के माध्यमों, जांच एवं रोकथाम की विधियों की जानकारी प्रदान की। उल्लेखनीय होगा कि उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार समस्त रेड रिबन क्लब युक्त महाविद्यालयों में रजत महोत्सव के अवसर पर 11 से 17 अक्टूबर तक एचआईवी जागरुकता गतिविधियों के आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में कमला नेहरु महाविद्यालय कोरबा की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं रेड रिबन क्लब गतिविधियों के अंतर्गत सोमवार दोपहर 12.30 बजे से शाम चार बजे के बीच यह कार्यक्रम रखा गया था। प्राचार्य डाॅ प्रशांत बोपापुरकर के मार्गदर्शन में आयोजित व्याख्यान में प्रमुख रुप से सहायक प्राध्यापक अजय कुमार मिश्रा, वायके तिवारी, श्रीमती निधि सिंह, गोविंद माधव उपाध्याय उपस्थित रहे। कार्यक्रम में स्वीप कैम्पस एम्बेसडर देवांश कुमार तिवारी, मुस्कान राजपूत, वरिष्ठ स्वयंसेवक पूजा केंवट, घनश्याम शाह एवं अश्विन लकड़ा ने योगदान प्रदान किया।

संक्रमण के कारण और सावधानियों पर चर्चा
नोडल अधिकारी डाॅ आरकेएस राठौर ने आगे कहा कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति में सेहत को प्रभावित करने वाले बाहरी कारकों को शरीर में प्रवेश करने से रोकने वाले प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर कर देता है। उन्होंने बताया कि मुख्य रुप से एचआईव्ही संक्रमण चार तरह से हो सकता है। पहला संक्रमित रक्ताधान, दूसरा असुरक्षित यौन संबंध, तीसरा संक्रमित सुई और चैथा गर्भवती माता से शिशु भी एचआईवी संक्रमित हो सकता है। उन्होंने कहा कि इन्हीं चार कारणों के प्रति सावधानी रखकर संक्रमण से बचा जा सकता है।

आप सभी सेहतमंद युवाओं में ही कल का स्वस्थ भारत: डाॅ प्रशांत
इस अवसर पर मौजूद रहे कमला नेहरु महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ प्रशांत बोपापुरकर ने विद्यार्थियों से कहा कि आप सभी युवा भविष्य में जिम्मेदार नागरिक के रुप में देश की बागडोर संभालेंगे। ऐसे में आप सभी हर हर तरह से सेहतमंद होना आवश्यक है। जैसा कि कार्यक्रम में बताया गया, व्यक्ति का शारीरिक व मानसिक के साथ सामाजिक तौर पर भी सेहतमंद होना ही पूर्ण स्वास्थ्य है और सेहतमंद देश के निर्माण के लिए यह लाजमी भी हो जाता है।

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