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इन भावी शिक्षकों में आलोचनात्मक सोच एवं व्याख्यात्मक कौशल विकसित करने फिल्म समीक्षा एक महत्वपूर्ण टूल है: डॉ प्रशांत

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कमला नेहरू कॉलेज के बीएड स्टूडेंट्स ने पाठ्य सहगामी गतिविधियों के अंतर्गत देखी प्रेरक फिल्म सर

कोरबा। बीएड (B.Ed) की शिक्षा में फिल्म समीक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। यह भावी शिक्षकों में आलोचनात्मक सोच (analytical and critical thinking) और व्याख्यात्मक कौशल (interpretative skills) विकसित करने में मदद करती है। फिल्मों का उपयोग शिक्षा के सैद्धांतिक पहलुओं को वास्तविक जीवन के अनुभवों से जोड़ने के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में किया जा सकता है।


यह बातें शनिवार को कमला नेहरू महाविद्यालय के बीएड संकाय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। बीएड सभागार में विभाग द्वारा पाठ्य सहगामी गतिविधियों के अंतर्गत प्रेरक फिल्म SIR प्रदर्शित किया गया। इस दौरान बीएड प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के शिक्षक प्रशिक्षार्थी और प्राध्यापकगण मौजूद रहे। शिक्षक के करियर में कदम बढ़ाने वाले प्रशिक्षार्थियों को बीएड की पढ़ाई में वर्ष में दो फिल्में देखने और पाठ्य सहगामी गतिविधियों के अंतर्गत उनकी फिल्म समीक्षा लिखकर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है। इसी अनिवार्य गतिविधि के तहत यह कार्यक्रम किया गया। फिल्म देखने के बाद बारी बारी विद्यार्थियों द्वारा मंच पर इस फिल्म पर अपनी समीक्षा भी प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर प्रमुख रूप से शिक्षा संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ भारती कुलदीप, एनएसएस जिला संगठक वायके तिवारी, डॉ रश्मि शुक्ला, राकेश गौतम, प्रीति द्विवेदी, गोविंद माधव उपाध्याय, नीतेश यादव, शंकर लाल यादव एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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