राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के निवास पर आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान विद्युत विभाग के प्रबंध निदेशक मनोज खरे ने मीडिया से चर्चा करते हुए दी जानकारी।
कोरबा(thevalleygraph.com)। ऊर्जानगरी कोरबा में बिजली की कमी नहीं है। पुराने सिस्टम व लाइन को दुरुस्त करने का काम तेजी से किया जा रहा है। अगले एक माह के भीतर बदलाव नजर आएगा और कोरबा जिले में बिजली कटौती भी नहीं होगी। स्मार्ट मीटर के लिए टेंडर जारी किया गया है। सबसे पहले शासकीय कार्यालयों में स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा। इसके बाद उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू किया जाएगा। जिसमें लगभग एक साल का समय लगने की संभावना है।
यह बातें विद्युत विभाग के प्रबंध निदेशक मनोज खरे ने राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के निवास पर आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए कहीं। कोरबा प्रवास पर पहुंचे एमडी श्री खरे ने विद्युत अधिकारियों की बैठक लेकर व्यवस्थाओं को जानने और सुधार का निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय होगा कि राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कैबिनेट की बैठक में बिजली व्यवस्था मामला उठाया था। जिसके बाद कोरबा पहुंचकर समस्या को जानने का प्रयास किया गया। प्रदेश या कोरबा में बिजली की कोई कमी नहीं है। विभाग की अंदरुनी व्यवस्था को ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। 33 केवी के लाइनों को इंटरलॉकिंग के जरिए आपस में जोड़ा जा रहा है जिससे बिजली आपूर्ति बाधित होने पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत तत्काल बिजली आपूर्ति शुरू की जा सके। एक माह के भीतर जिले में व्याप्त बिजली की समस्या को दूर कर लिया जाएगा। लगभग सालभर में आपको बदलाव नजर आने लगेगा। श्री खरे ने आगे बताया कि शहर में ओवर लोड की समस्या जिसे दूर कर लिया गया है। खरमोरा में 33 केवी सब स्टेशन का निर्माण किया गया है। दरअसल कोरबा में हर महीने दो चार विद्युत पोल क्षतिग्रस्त होने का मामला सामने आता है। शुक्रवार को हमने फिल्ड का निरीक्षण करने के बाद बैठक आयोजित कर समस्याओं को जानने का प्रयास किया है। एक माह के भीतर सभी समस्याओं का निपटारा कर लिया जाएगा।
कमजोर होते हैं गुलमोहर के पेड़, टूटकर तार में गिर जाते हैं
श्री खरे ने कहा कि शहर में पेड़ों की अधिकता भी एक बड़ी समस्या है। सभी मार्गों में वृक्षारोपण किया गया है और अधिकतर गुलमोहर के पेड़ लगाए गए हैं, जो कमजोर होने की वजह से टूट जाते हैं या फिर इनकी टहनियां टूटकर तारों के संपर्क में आ जाते हैं। इसे देखते हुए सभी पेड़ों की छंटाई शुरू कर दिया गया है। विद्युत प्रणाली के सिस्टम में सुधार का काम कर रहे हैं, 33 केवी सब स्टेशन के लाइन को इंटर कनेक्शन के जरिए जोड़ रहे हैं, जिससे किसी एक में तकनीकी समस्या आने पर तत्काल विद्युत आपूर्ति बहाल किया जा सके। साथ ही अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने का काम किया जाएगा। टीपी नगर सहित अन्य जगहों पर हैवी ट्रैफिक भी एक बड़ी समस्या है। हर सप्ताह विद्युत खंभों के क्षतिग्रस्त होने से विद्युत आपूर्ति बाधित होती है। इसी तरह वृक्षों की छंटाई भी जरुरी है। व्यस्था में सुधार को लेकर निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा कपल सिस्टम लगा रहे हैं, इससे शहर वासियों को राहत मिलेगी।
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15 जून से 31 जुलाई के बीच ओवर हाइट की समस्या
वितरण विभाग के एमडी ने मेन पावर कम होने के सवाल पर जवाब दिया कि 3 हजार भर्तियां होनी थी पर मामला कोर्ट में चले जाने से भर्ती नहीं हो सकी। वर्तमान में आउट सोर्सिंग से काम चल रहा है, जिसे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। समीक्षा बैठक में क्या निष्कर्ष सामने आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि 15 जून से 31 जुलाई के दौरान ओवर हाइट की समस्या होती है। शहर में दो बड़ी समस्या है पहला हैवी ट्रैफिक और दूसरा वृक्षों की अधिकता। लाइन लॉस कंट्रोल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में 31 मार्च की स्थिति में 16.5 प्रतिशत है। वहीं अकेले कोरबा में 34 प्रतिशत है। जिले में बिजली बिजली की बकाया वसूली में भी मुश्किलें सामने आती है। प्रदेश में अंबिकापुर व कोरबा में वसूली काफी कम हैं। अंडर ग्राउंड लाइन बिछाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सेंट्रल गर्वमेंट की योजना के तहत प्रस्ताव भेजा गया है। जिसकी स्वीकृति के बाद दो बड़े शहरों में इसका काम शुरू किया जाएगा। दरअसल इस कार्य में भारी भरकम बजट की भी जरुरत होगी। स्पॉट बिलिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले इसकी निगरानी नहीं होती थी। अब हर चार घर के बाद स्पॉट प्वाईंट निर्धारित किया गया है। जहां क्रॉस चेक कराया जा रहा है। इसके अलावा इलेक्ट्रानिक डिवाईस से भी निगरानी रखी जा रही है।
सीएम के सामने रखा था बदहाल विद्युत व्यवस्था का मुद्दा: राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि हमने कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे को उठाया था कि टीपी नगर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स में शार्ट सर्किट की घटना घटी। इस दुर्घटना में 3 लोगों की मौत हो गई और व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान हुआ। इसके बाद दोबारा इसी तरह की घटना फिर हुई पर इस पर लोगों ने जल्द काबू पा लिया। जिले में बदहाल विद्युत व्यवस्था का मुद्दा मुख्यमंत्री के सामने रखा जिसके बाद प्रदेश के ऊर्जा सचिव व विद्युत कंपनी के चेयरमेन अंकित आनंद ने वितरण कंपनी के एमडी मनोज खरे को कोरबा भेजने की बात कही। इसी क्रम में एमडी मनोज खरे कोरबा प्रवास पर पहुंचे और अधिकारियों की बैठक लेकर व्यवस्थाओं को जानने और सुधार का निर्देश दिए हैं।
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