कुसमुंडा स्थित केवी-3 में मनाया जा रहा एनईपी-2020 के कार्यान्वयन के तीसरे वर्ष का उत्सव
कोरबा(thevalleygraph.com)। नई शिक्षा नीति का धरातल पर क्रियान्वयन कर स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था बेहतर बनाने व अध्ययन-अध्यापन को नए पायेदान पर ले जाने का प्रयास जारी है। इसी कड़ी में केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-3 कुसमुंडा में नई शिक्षा नीति-2020 के विजन को रेखांकित करते हुए उसका अक्षरश: क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का मिशन शुरू कर दिया गया है। गाइडलाइन के अनुरूप प्रत्येक बच्चे को उसका लाभ मिले, इस बात पर जोर देते हुए उससे पालकों, विद्यालय के अकादमिक व प्रशासनिक समेत हर सदस्य को अवगत कराया जा रहा है।
इस संबंध में केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-3 कुसमुंडा के प्राचार्य आरके सिंह ने बताया कि 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुकूल व्यापक, लचीली बहु-विषयक शिक्षा के माध्यम से भारत को एक जीवंत जानी समाज और वैश्विक ज्ञान से संपन्न महाशक्ति में बदलना। प्रत्येक छात्र की अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाना ही एनईपी-2020 का विजन है। रटने के बजाय आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देना, पढ़ाई के बजाय सीखने पर ध्यान केंद्रित करना, वैज्ञानिक स्वभाव को प्रोत्साहन देना, 21वीं सदी के भारत-आत्मनिर्भर भारत के लिए नीति, स्थानीय के साथ वैश्विक का समावेश जैसे अहम उद्देश्य इसमें निहीत हैं। केंद्रीय विद्यालय में नई शिक्षा नीति 2020 का कार्यान्वयन करने विधियों को विविध बिंदुओं में बताया गया है। इनमें प्रवेश आयु का पुनसंर्रेखण एक महत्वपूर्ण बिंदू है। इसके तहत एनईपी शैक्षणिक प्रकृति और पाठ्यचर्या संबंधी आवश्यकताओं के आधार पर चरणों की डिजाइन में पुनर्गठित करने की बात करता है। यानी फाउंडेशनल स्टेज के 5 साल (कक्षा दूसरी तक), प्रारंभिक चरण के 3 साल (कक्षा तीसरी से पांचवीं तक) मध्य चरण के 3 साल (कक्षा छठवीं से आठवीं तक) और माध्यमिक चरण के 4 साल (कक्षा नवमीं से 12वीं तक) एनईपी-2020 की सिफारिश के अनुरूप, सभी केंद्रीय विद्यालयों में शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से कक्षा एक में प्रवेश की आयु को संशोधित कर 6 प्लस वर्ष कर दिया गया।
निपुण योजना के तहत छात्रों की प्रगति पर सतत नजर
केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-3 कुसमुंडा के प्राचार्य आरके सिंह ने बताया कि निपुण योजना अंतर्गत (समझदारी और संख्यात्मकता के साथ पढ़ने में दक्षता के लिए राष्ट्रीय पहल) छात्रों की प्रगति पर नजर रखना भी एक अहम बिंदू है। इसमेंं लक्ष्य या सीखने के परिणाम (एलओ) को एनआईपीयूएन दस्तावेज में कक्षावार सूचीबद्ध किया गया है। सभी विद्यार्थियों द्वारा इन लक्ष्यों की प्राप्ति ही एफएलएन की प्राप्ति सुनिश्चित कर सकती है। इसलिए, लक्ष्य प्राप्ति के संदर्भ में कक्षा एक, दो और तीन के छात्रों की प्रगति की निगरानी पीआईएमएस से जुड़े एक वेब एप्लिकेशन के माध्यम से रिकॉर्ड करके की जा रही है। यह 2021-22 में कक्षा एक के छात्रों के लिए शुरू किया गया था और वर्तमान सत्र में इसमें कक्षा तीन तक के छात्र शामिल होंगे। प्रत्येक लक्ष्य (हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं के साथ-साथ संख्यात्मकता) के लिए छात्रों की उपलब्धि के स्तर को निर्धारित करने के लिए एक रुब्रिक विकसित किया गया था और संबंधित शिक्षको द्वारा बच्चों के कई अवलोकनों के माध्यम से प्रवेश, मध्य और निकास चरणों में छात्रों का मूल्यांकन किया जाता है।
पालक-शिक्षकों के समक्ष बालवाटिका का परिचय
एनईपी- 2020 में बताई गई गाइडलाइन के अनुसार सत्र 2022-23 में पायलट आधार पर स्थायी भवन वाले 49 केवी में 3 प्लस, 4 प्लस और 5 प्लस की आयु वर्ग के लिए तीन बालवाटिका कक्षाओं का एक खंड खोला गया है और बालवाटिका की तीनों कक्षाओं में 5477 बच्चों को प्रवेश दिया गया है। इसी तरह विद्या प्रवेश में एनसीईआरटी ने ग्रेड के लिए 3 महीने का खेल आधारित स्कूल तैयारी मॉड्यूल विकसित किया है, जिसे विद्या प्रवेश नाम दिया गया है। यह मॉड्यूल अनिवार्य रूप से ग्रेड में प्रवेश करने वाले बच्चों के लिए लगभग 12 सप्ताह का विकासात्मक रूप से उपयुक्त निर्देश है, ताकि बच्चे की पूर्व साक्षरता, पूर्व-संख्यात्मकता, संज्ञानात्मक और सामाजिक कौशल को बढ़ाया जा सके। इसे शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से देशभर के सभी केवी में लागू कर दिया गया है
बच्चों में कौशल विकसित करने वाले विषय
केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-3 कुसमुंडा के प्राचार्य आरके सिंह ने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने और बच्चों की स्कूल अवधि के दौरान कौशल विकसित करने के लिए, कक्षा आठवीं से सभी केवी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को एक व्यावसायिक विषय के रूप में पेश किया गया है। बढ़ईगीरी, इलेक्ट्रीशियन, मिट्टी के बर्तन आदि जैसे पूर्व व्यावसायिक कौशल को 2022-23 में छठवीं से आठवीं कक्षा के लिए मनोरंजक पाठ्यक्रम के रूप में लिया गया है। विद्यांजलि पोर्टल में एक समुदाय, स्वयंसेवक प्रबंधन कार्यक्रम का समर्थन करता है, जिसके माध्यम से समुदाय, स्वयंसेवक अपने ज्ञान और कौशल को साझा करने के साथ-साथ संपत्ति, सामग्री, उपकरण के रूप में योगदान करने के लिए अपनी पसंद के स्कूलों से सीधे जुड़ते हैं। देश के सभी केवी विद्यांजलि पोर्टल पर हैं।
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