Video:- कहा- जयसिंह अग्रवाल के घर से कोई खाली हाथ नहीं लौटता। उनके विधायक और मंत्री रहते कोरबा विधानसभा में जो काम हुए हैं, वह ऐतिहासिक हैं।
भाजपा के नेता किसी काम को करने के पहले 10 बार सोचते हैं। जबकि जयसिंह अग्रवाल के घर से कोई खाली हाथ नहीं लौटता। वह सब का काम समान भावना के साथ पूरा करते हैं। मेरे भाई बीजेपी प्रत्याशी के चुनाव संचालक हैं। वह जिला अध्यक्ष भी रहे हैं। लेकिन इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरी विचारधारा उनसे अलग है। मेरी विचारधारा कांग्रेस से मेल खाती है। इस बार बीजेपी के प्रत्याशी का भविष्य भी ठीक नहीं है। एक हारे हुए प्रत्याशी हैं, जिसे संगठन ने कटघोरा से कोरबा भेज दिया है। वह कहीं भी मुकाबले में नहीं है। कोरबा विधानसभा में जो काम हुए हैं, वह ऐतिहासिक हैं।
कोरबा(theValleygraph.com)। मतदान के ठीक पहले भाजपा को झटका लग गया है। बीजेपी ने कोरबा विधानसभा में चुनाव संचालक का दायित्व पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक चावालानी को सौंपा है। जिसे बीजेपी ने कोरबा विधानसभा में अहम दायित्व सौंपा है। उन्हीं के सगे भाई ने गुरुवार को कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। अशोक चावलानी के सगे भाई अनिल चावलानी ने राजस्व मंत्री जयसिंह के कार्यों से प्रभावित होकर उनके निवास कार्यालय में गुरुवार को कांग्रेस की सदस्य ले ली। जयसिंह ने उनका स्वागत किया और कहा कि कांग्रेस प्रत्येक व्यक्ति के हितों का ध्यान रखती है।
अशोक चावलानी के भाई अनिल चावलानी ने भी कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। अनिल का कहना है कि उनकी विचारधारा भाजपा से मेल नहीं खाती है। वह अलग विषय है कि छोटे भाई जिला अध्यक्ष रहे हैं और चुनाव संचालन कर रहे हैं।
भाजपा प्रत्याशी हारा हुआ चेहरा, मुकाबले से पहले ही बाहर
कोरबा विधानसभा में बीजेपी प्रत्याशी के चुनाव संचालक अशोक चावलानी हैं, जो पूर्व में भाजपा के जिला अध्यक्ष भी थे। इनके सगे भाई अनिल चावलानी ने गुरुवार को राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल के समक्ष कांग्रेसी गमछा पहनकर, कांग्रेस की सदस्य ग्रहण कर ली है। अनिल का कहना है कि मेरी विचारधारा कांग्रेस की रही है। भाजपा से मेरे विचार मेल नहीं खाते। भाजपा के नेता किसी काम को करने के पहले 10 बार सोचते हैं। जबकि जयसिंह अग्रवाल के घर से कोई खाली हाथ नहीं लौटता। वह सब का काम समान भावना के साथ पूरा करते हैं। मेरे भाई बीजेपी प्रत्याशी के चुनाव संचालक हैं। वह जिला अध्यक्ष भी रहे हैं। लेकिन इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरी विचारधारा उनसे अलग है। मेरी विचारधारा कांग्रेस से मेल खाती है। इस बार बीजेपी के प्रत्याशी का भविष्य भी ठीक नहीं है। एक हारे हुए प्रत्याशी हैं, जिसे संगठन ने कटघोरा से कोरबा भेज दिया है। वह कहीं भी मुकाबले में नहीं है। कोरबा विधानसभा में जो काम हुए हैं। वह ऐतिहासिक है। सिंधी समाज के प्रति जयसिंह अग्रवाल ने जो काम किया है। उससे भी मैं बेहद प्रभावित रहा हूं। यही सब सोचकर मैने कांग्रेस प्रवेश किया और आगे हम कांग्रेस के पक्ष में ही काम करेंगे।
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